तीन तलाक पीड़िता ने पकड़ा ससुर का कॉलर, चप्पल मारकर पूछा, ‘बता कहां है तेरा बेटा’
तीन तलाक का बिल दोनों सदनों से पारित हो गया है और राष्ट्रपति ने भी इस बिल को कानून बनाने पर मोहर लगा दी है। तीन तलाक का कानून आने से अब कोई भी मुस्लिम धर्म से नाता रखने वाला व्यक्ति अपनी पत्नी को तीन तलाक नहीं दे सकेगा। इस कानून के आने से तमाम मुस्लिम महिलाओं ने राहत की सांस ली है। गौरतलब है कि तीन तलाक पर कानून ना होने की वजह से, पहले कोई भी पति अपनी पत्नी को आसानी से बिना कोई गुजारा भत्ता दिए तलाक दे देता था और दूसरा निकाह कर लेता था। लेकिन अब तीन तलाक को खत्म कर दिया गया है और इसकी जगह नया कानून तीन तलाक (मुस्लिम महिला-विवाह अधिकार संरक्षण) लाया गया है।
तीन तलाक पीड़िता शगुफ्ता परवीन की कहानी ……
तीन तलाक की वजह से हमारे देश की कई मुस्लिम महिलाओं को उनके पति द्वारा तलाक दिया गया हैं और इन्हीं महिलाओं में से शगुफ्ता परवीन भी एक हैं। शगुफ्ता परवीन का निकाह साल 2007 में हुआ था और निकाह के तीन साल बाद उसके पति ने उसे तलाक दे दिया था। इतना ही नहीं तलाक देने के बाद शगुफ्ता परवीन के पति ने ना उसकी और ना ही अपनी बेटियों की जिम्मेदारी उठाई। जिसके बाद शगुफ्ता परवीन ने कोर्ट से मदद मांगी और अपने और अपनी दो बेटियों के लिए इंसाफ की गुहार लगाई।
कोर्ट के परिसर के बाहर हुआ हंगामा
तिन तलाक बिल पास होते ही गोपालगंज कोर्ट में दिखा असर , तिन तलाक से परेशान महिला ने अपने ससुर को कोर्ट के सामने सड़क पर चप्पल से पिटा – https://t.co/dxCeorZ83Q pic.twitter.com/f2HRV5gz5I
— भोजपुरिया बयार (@bhojpuriyabyar) July 31, 2019
बिहार के गोपालगंज कोर्ट परिसर के बाहर बुधावर को तीन तलाक पीड़िता शगुफ्ता परवीन ने जमकर हंगामा किया और अपने ससुर की पिटाई की। बताया जा रहा है कि तलाक के बाद से शगुफ्ता परवीन का पति उससे मिला नहीं है और अपने पति के बारे में जब शगुफ्ता परवीन ने अपने ससुर से पूछा तो उन्होंने कुछ भी बताने से मना कर दिया। जिसके बाद शगुफ्ता परवीन ने सबसे पहले अपने ससुर का कॉलर पकड़ा और अपने सवाल का जवाब ना मिलने पर अपने ससुर की पिटाई चप्पल से करना शुरू कर दी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गोपालगंज कोर्ट परिसर के बाहर मौजूद स्थानीय दुकानदारों ने शगुफ्ता परवीन का गुस्सा शांत करवाया और इस मसले को हल किया। जिसके बाद शगुफ्ता परवीन ने अपने ससुर को छोड़ दिया।
शगुफ्ता परवीन के अनुसार उसका निकाह 14 मार्च साल 2007 में कुचायकोट के बली खरेया निवासी अली अख्तर से हुआ था। इस निकाह से शगुफ्ता परवीन और अली अख्तर को दो बेटियां हुई थीं। वहीं निकाह करने के बाद अली अख्तर नौकरी करने के लिए विदेश चले गया था। साल 2010 में वापस भारत आने के बाद अली अख्तर ने शगुफ्ता परवीन को तीन तलाक दे दिया और तलाक देने के तुंरत बाद आफरीन नाम की महिला से निकाह कर लिया था। जिसके बाद शगुफ्ता परवीन ने कोर्ट में इस तलाक के खिलाफ केस दर्ज करवाया था। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए शगुफ्ता परवीन के पति को उसे 2000 रुपए प्रति महीना देने को कहा था।
लेकिन रौली के सरेया नरेंद्र गाँव की रहने वाली शगुफ्ता परवीन का आरोप है कि उसके पति ने आज तक उसे एक रुपए भी नहीं दिए हैं और 9 सालों से वो अपनी बेटियों और अपने लिए न्याय मांग रही हैं। जब भी वो अपने पति के बारे में ससुर से पूछती है तो उसका ससुर कोई जवाब नहीं देता है।