सत्यनारायण कथा कराए तो घर की इस दिशा में रखे भगवान की प्रतिमा, तुरंत मिलेगा लाभ
इस दुनियां में कोई भी सुखी नहीं हैं. हर किसी के जीवन में कुछ ना कुछ परेशानियाँ चलती ही रहती हैं. आपकी लाइफ में मौजूद समस्यां कई कारणों से हो सकती हैं जैसे बुरा भाग्य, घर में वास्तु दोष का होना, ज्यादा नेगेटिव एनर्जी का मकान में होना, किसी बुरी शक्ति का साया या फिर दुश्मन की नज़र. इन सभी समस्याओं को सुलझाने के लिए आपको बस एक ही उपाय करना हैं – सत्यानारायण कथा. अब आप में से कई लोगो ने पहले भी कई बार सत्यनारायण कथा जरूर की होगी. हालाँकि आज हम आपको इसे एक ख़ास विधि से करने का तरीका बताने जा रहे हैं. हमारे द्वारा बताए तरीके से घर में सत्यनारायण कथा करवा कर आप बहुत ज्यादा और तुरंत लाभ ले सकते हैं.
ऐसा कहा जाता हैं कि सत्यनारायण कथा घर में कराने से सभी वास्तु दोष दूर हो जाते हैं. इतना ही नहीं घर पर मंडरा रही बुरी और नेगेटिव शक्तियां भी भाग जाती हैं. इसके अतिरिक्त आपको दुश्मन की बुरी नज़र भी नहीं लगती हैं. इसलिए घर में कम से कम तीन महीने में एक बार सत्यनारायण कथा करवा लेना चाहिए. ऊपर बताए फायदों के अतिरिक्त ये परिवार में पॉजिटिव एनर्जी, शान्ति और उन्नति भी लाती हैं.
ये हैं सही दिशा
जब भी आप घर में सत्यनारायण कथा करवाते हैं तो भगवान को रखने का स्थान सबसे अधिक मायने रखता हैं. एक सही दिशा में भगवान की प्रतिमा रख सत्यनारायण कथा करवाना शुभ और उचित माना जाता हैं. इसलिए आपको घर की पूर्व दिशा में सत्यनारायण जी को रखना चाहिए. इसकी वजह ये हैं कि पूर्व दिशा सूर्यदेव की दिशा होती हैं. इस दिशा में सूरज की पहली रौशनी पड़ती हैं. ये सूरज की पहली किरणें अपार सकारात्मक उर्जा से भरी रहती हैं. ऐसे में इस स्थान पर सत्यनारायण कथा कराने पर भगवान जल्दी घर में पधारते हैं. इसका एक लाभ ये भी हैं कि कथा में शामिल हुए भक्तों में भी ये पॉजिटिव एनर्जी समावित हो जाती हैं. इस तरह कथा का एक उचित माहोल बन जाता हैं.
इन बातों का भी रखे ख्याल
सत्यनारायण कथा भूलकर भी दक्षिण दिशा में नहीं करानी चाहिए. वास्तु के अनुसार इस दिशा में घर में सबसे ज्यादा नेगेटिव एनर्जी विद्यमान रहती हैं. इससे आपको पूजा का फल नहीं मिलता हैं. इसके अतिरिक्त पूजा कराने के पूर्व घर की साफ़ सफाई अच्छे से कर ले. जिस कमरे में पूजा हो रही हैं उसमे झाड़ू पौछा भी कोने कोने में लगा होना चाहिए. पूजा में शामिल होने वाले भक्तों के चाय नाश्ता का भी इंतजाम करे. पूजा कराने वाले पंडितजी को अपनी क्षमता के अनुसार दक्षिणा दे. प्रसादी बाटने में कंजूसी ना करे. कथा के दौरान माहोल को शांत बनाए रखे. इसके बीच में शोर शराबा या ऊँची आवाज़ में ना बोले.
यदि आप इन सभी बातों का अच्छे से ख्याल रख घर में सत्यनारायण कथा कराते हैं तो आपको इसका लाभ जल्दी प्राप्त होगा. साथ ही ईश्वर आप से बहुत खुश हो जाएँगे. यदि आपको ये जानकारी पसंद आई तो इसे दूसरों के साथ भी शेयर करे ताकि वे भी इसका लाभ ले सके.