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ट्रंप का आदेश – अमेरिका में 7 मुस्लिम देशों के नागरिकों की एंट्री पर रोक, मुस्लिमों का होगा ‘धार्मिक टेस्ट’!

वॉशिंगटन/नई दिल्ली – अमेरिकी के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद संभालते ही मुस्लिम देशों और ‘इस्लामी आतंकवादियों’ को साफ संदेश दे दिया है कि उनकी सरकार किसी भी तरह से उनको किसी भी हाल में छोड़ने के पक्ष में नहीं है। ट्रंप ने आज एक कड़ा फैसला लेते हुए अमेरिका में शरणार्थियों के आगमन को निलंबित कर दिया और 7 मुस्लिम देशों से आने वाले नागिरकों के लिए कड़े नियम लागू कर दिये हैं। ट्रंप ने कहा कि वह ‘कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवादियों’ से अमेरिका को सुरक्षित कर रहे हैं। इस आदेश के तहत 7 मुस्लिम देशों ईरान, इराक, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन के नागिरकों के वीजा पर पाबंदियां लगा दी गई हैं। Donald trump Islamic terrorists.

 

अमेरिका में इस्लामी चरमपंथियों की एंट्री पर रोक –

Donald trump Islamic terrorists

 

इस आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद ट्रंप ने कहा कि मैं चरमपंथी इस्लामी आतंकियों को अमेरिका से बाहर रखने के लिए यह आदेश लागू कर रहा हूँ। हम उन्हें यहां देखना नहीं चाहते। ट्रंप ने आगे कहा कि, हम सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम खतरों को अपने देश में न आने दें, जिनसे हमारे सैनिक विदेशों में लड़ रहे हैं। ट्रंप ने आगे कहा कि हम 9/11 से सबक लेते हुए और पेंटागन में शहीद हुए नायकों को कभी नहीं भूलेंगे। गौरतलब है कि ट्रंप ने अपने चुनावी अभियान के दौरान अमेरिका की जनता से शरणार्थियों को रोकने और मैक्सिको की सीमा पर दीवार खड़ी को लेकर वादे किए थे, जिसमें से दिवार बनाने का काम पहले ही चालू हो चुका है।

पाकिस्‍तानियों की टेंशन बढ़ाएगा ट्रंप का आदेश –

Donald trump Islamic terrorists

 

डोनाल्‍ड ट्रंप द्वारा मुस्लिम देशों से आने वाले नागरिकों पर लागू किये गए इस नए आदेश में भले ही पाकिस्तान का नाम न हो, लेकिन जैसा कि ट्रंप ने कहा कि, ‘हम कुछ निश्चित देशों को बाहर रख रहे हैं लेकिन बाकी देशों की हम कड़ी जांच करेंगे। आने वाले समय में जांच प्रक्रिया और मुश्किल होने वाली है।’ जब उनसे इस बारे में पूछा गया कि पाकिस्‍तान, अफगानिस्‍तान और सऊदी अरब जैसे देश भी उनकी लिस्‍ट में हैं या नहीं, तो उन्‍होंने जवाब दिया कि इसका पता आपको जल्‍द चल जाएगा। इस आदेश के मुताबिक अब अमेरिका में प्रवेश के लिए मुस्लिम देशों के नागरिकों का एक धार्मिक टेस्ट होगा।

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