RSS का बड़ा कदम, छात्रों की सेना में भर्ती के लिए खोलेगा ‘आर्मी स्कूल’, जानिए क्या है पूरी योजना
RSS एक ऐसा नाम है जिसे हिंदू धर्म को मानने वाले इसे भी मानते हैं। बहुत से लोग आरएसएस को इस नाम से भी ज्वाइन कर लेते हैं क्योंकि ये एक ऐसी संस्था है जिसमें कठोर हिंदुत्व ही निवास करते हैं। इसे भाजपा से जोड़ा जाता है क्योकि जो भाजपा को पसंद करते हैं वे आरएसएस ज्वाइन करते हैं। अब आरएसएस अपनी संस्था में कुछ बदलाव करने जा रही है जिसमे कुछ बच्चों के लिए अच्छा काम करने के बारे में सोचा जाएगा। ये RSS का बड़ा कदम होगा जिसमें छात्रों की सेना में भर्ती के लिए खोलेगा ‘आर्मी स्कूल’, इस योजना को कैसे प्राप्त किया जा सकता है इसके बारे में जानिए।
छात्रों की सेना में भर्ती के लिए खोलेगा ‘आर्मी स्कूल’
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) उत्तर प्रदेश में डिफेंस परीक्षाओं की तैयारी के लिए एक खास स्कूल खोलने जा रहा है। संघ के शैक्षिक अंग विद्या भारती के तत्वाधीन में खोले जाएंगे और इस स्कूल का नाम पूर्व सरसंघचालक राजेंद्र सिंह के नाम पर ‘रज्जू भैया सैनिक विद्या मंदिर’ रखे जाने की बात सामने आई है। भूतपूर्व सैनिक और बुलंदशहर के किसान राजपाल सिंह ने इस स्कूल के लिए संघ को 20 हजार स्क्वायरल मीटर की अपनी जमीन दान में दी है। इस जमीन को एक ट्र्सट राजपाल सिंह जनकल्याण सेवा समिति को सुपुर्द कर दी गई है। इस स्कूल की इमारत में तीन मंजिला हॉस्टल, अकादमिक बिल्डिंग, दवाखाना, स्टाफ सदस्यों के लिए रिहायशी विंग और एक बड़ा सा स्टेडियम बनाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में करीब 40 करोड़ रुपये लगेंगे। इसे ANI ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है-
An ‘Army’ school is being set up by Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) in Shikarpur, Bulandshahr. Rajpal Singh, who donated his land for the school says, “Central Board of Secondary Education curriculum will be followed in the school, students will be trained for defence forces” pic.twitter.com/PRqGvC9hT1
— ANI UP (@ANINewsUP) July 29, 2019
ये स्कूल आवासीय प्रकार का होगा जिसमें लड़कों वाले विंग का निर्माण पिछले अगस्त से शुरु हो गया है। सीबीएसई बोर्ड का पालन कते हुए इस स्कूल में 6वीं से 12वीं तक पढ़ाई भी होगी। पश्चिमी उत्तर-प्रदेश और उत्तराखंड में विद्या भारती उच्च शिक्षा संगठन के क्षेत्री संयोजक अजय गोयल कहते हैं, ”यह एक प्रयोग है जो देश में पहली बार किया जा रहा है। अगर यह सफल रहा तो इसे देश के कई स्थानों में बनाया जाएगा।’ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहले बैच का प्रोस्पेक्टस लगभग तैयार हो गया है और अगले महीने से स्कूल में भर्ती भी चालू हो जाएगी। गोयल के मुताबिक, 6वीं कक्षा के पहले बैच में 160 छात्र होंगे और वीरगति प्राप्त जवानों के बच्चों के लिए 56 सीटें (35%) आरक्षित रहेंगी।
पूर्व सैनिक अधिकारी का होगा सहयोग
इसके अलावा संघ सितंबर में सेनावृत्ति अफसरों में मिल कर इस स्कूल को और कैसे बेहतर बनाया जाए इसके लिए एक मीटिंग रखी जाएगी। गोयल के मुताबिक इसमें कई सेनानिवृत्त यानी रिटायर्ड सैन्य अधिकारी संघ और अनुषांगिक संगठनों के संपर्क में काम किया जाएगा। मीटिंग की तारिख हफ्ते में निर्धारित की जाएगी। यहां तक कि सैनिक स्कूलों का नेटवर्क भी आवश्यकता पूरी नहीं कर पाएगा।