अलीगढ़ में बंद हुआ सड़कों पर नमाज़, अव्यवस्था को दुरुस्त करने वाला सुपर ‘हनुमान चालीसा’
अक्सर हिंदुस्तान की सड़कों पर शुक्रवार के दिन नमाज़ पढ़ते हुए लोग दिखाई देते है, जिनकी वजह से अन्य लोगों की दिनचर्या काफी प्रभावित होती है। जी हां, शुक्रवार को सड़कों पर नमाज़ पढ़ते वक्त सड़कों पर काफी ज्यादा ट्रैफिक लगता है और न जाने क्या क्या तकलीफ़े आम लोगों को होती है, लेकिन कभी किसी ने कुछ नहीं किया। इसी सिलसिले में कुछ सनातनियों ने अलीगढ़ में हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालिसा पढ़ने की पहल की है, जिसके बाद इलाके में हंगामा शुरु हो गया। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?
सनातनियों द्वारा अलीगढ़ में उठाए गए इस कदम से प्रशासन में हड़कंप मच गई, जिसके बाद एक बड़ा फैसला लिया। मतलब साफ है कि जब कुछ लोगों ने मंगलवार और शनिवार को सड़क पर हनुमान चालीसा पढ़ने का प्लान बनाया तो प्रशासन बीच में रुकावट बनकर पैदा हो गया, लेकिन जब इसी तरह की चीज़ सड़कों पर शुक्रवार को होती है, तो प्रशासन सुरक्षा के लिए खड़ा रहता है। हालांकि, इन सबके बीच प्रशासन द्वारा उठाये गए कदम की चारों ओर तारीफ हो रही है, जिसने एक मुद्दे पर बहस छेड़ दी, जिस पर अब तक बातचीत नहीं होती थी।
अलीगढ़ में सड़कों पर नमाज़ बंद
हिंदुस्तान की सड़कों पर हर शुक्रवार को नमाज़ पढ़ने वाले लोग नज़र आते हैं, जिनको लेकर अब तक कोई भी विवाद नहीं हुआ, लेकिन अलीगढ़ में जब कुछ सनातनियों द्वारा मंगलवार और शनिवार को सड़क पर हनुमान चालीसा पढ़ने की बात हुई तो प्रशासन ने ऐसा करने से रोक दिया। हालांकि, प्रशासन ने अलीगढ़ में बिना किसी अनुमति के कोई धार्मिक कार्य करने की रोक लगा दी है, जिसका मतलब यह है कि अब अलीगढ़ में सड़कों पर नमाज़ नहीं पढ़ी जा सकती है, लेकिन इससे एक नया विवाद छिड़ गया है।
धर्म का प्रचार करना अधिकार, लेकिन सड़क पर नहीं
अलीगढ़ के जिलाधिकारी ने कहा कि यह जगह काफी संवेदनशील है, ऐसे में इस तरह की गतिविधि से माहौल बिगड़ सकता है, जिसकी वजह से उन्होंने यह आदेश दिया कि अब सड़कों पर कोई भी धार्मिक गतिविधि नहीं होगी। अलीगढ़ के जिलाधिकारी ने कहा कि हर व्यक्ति को अपने धर्म का प्रचार करने का अधिकार है, लेकिन यह अधिकार सिर्फ मंदिर या धार्मिक स्थल के अंदर है, इसीलिए अब कोई भी धार्मिक कार्य स्थल के बाहर नहीं होगा।
सड़क पर नमाज़ पढ़ने को मिली चुनौती
बीजेपी के अलीगढ़ ईकाई के महासचिव मानव महाजन ने इस पूरे मसले पर बयान देते हुए कहा कि यदि एक समुदाय नमाज़ के लिए सड़कें जाम कर सकती हैं, तो हिंदुओं को सड़कों पर महा आरती करने का अधिकार क्यों नहीं है? इसी बयान में उन्होंने आगे कहा जिन लोगों ने सड़क पर हनुमान चालीसा करने का साहस कदम उठाया है, उन्होंने बहुत सही काम किया है, क्योंकि इससे सड़क पर नमाज़ पढ़ने वालों को सीधी चुनौती मिली है और अब इस मसले पर बहस छिड़ेगी।