कर्नाटक विधानसभा में बहुमत हासिल कर येदियुरप्पा ने पहना जीत का ताज, आर रमेश इस्तीफा दे हटे
कर्नाटक में पिछले कुछ वक़्त से चल रहे जो सियासी संकट मंडरा रहा था उस पर आखिर का विराम चिह्न लग ही गया. दरअसल आज सोमवार के दिन विधानसभा में सीएम बीएस येदियुरप्पा की सरकार ने बहुमत हासिल कर लिया. दिलचस्प बात ये भी रही कि ऐसा होने पर विपक्ष की और से किसी भी प्रकार की मत विभाजन की डिमांड नहीं की गई. ऐसे में सरकार भी अपने कार्य को आगे शान्ति से बढ़ने में गतिशील हुई. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कर्नाटक राज्य में वर्तमान में 207 विधायकों की विधानसभा हैं. ऐसे में येदियुरप्पा को अपनी सरकार बनाने के लिए 104 बहुमतो की जरूरत थी. हालाँकि भाजपा के पास इसमें पहले से ही अपने 105 विधायक थे. ऐसे में इनके लिए बहुतमत से विजय होना इतना मुश्किल भी नहीं था.
Karnataka Chief Minister BS Yediyurappa wins trust vote through voice vote. pic.twitter.com/DvzzMmYCqa
— ANI (@ANI) July 29, 2019
इस दौरान सीएम बीएस येदियुरप्पा ने सदन में सभी को संबोधित करते हुए कहा कि ” Siddaramaiah और HD Kumaraswamy जब मुख्यमंत्री थे तो वे प्रतिशोध राजनीति में शामिल नहीं हुए थे. मैं आप सभी को विश्वास दिलाता हूँ कि मैं भी भूलने और माफ़ करने में मैं विश्वास रखता हूँ. मुझे उन लोगो से भी प्यार हैं जो मेरा विरोध करते हैं. मैं नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नद्दा को शुक्रिया कहना चाहता हूँ.” उन्होंने आगे कहा “हमारी गवर्नमेंट किसानो के हित में कार्य करना चाहती हैं. अतः मेरी गुजारिश हैं कि आप हमारी सरकार में भरोसा रखे और उसका समर्थन करे.”
K’taka CM: There is drought. I want to address farmers’ issues. I’ve decided to give 2 installments of Rs 2000 to beneficiaries under PM Kisan scheme from state’s side. I appeal to opposition that we must work together. I appeal to House to unanimously express confidence in me. pic.twitter.com/TJYt0kbd5m
— ANI (@ANI) July 29, 2019
बताते चले कि इसके पहले जेडीएस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा था “मैंने 14 महीने तक सरकार चलाई. मैं आपके (बीएस येदियुरप्पा) सवालों के जवाब देने के लिए बाध्य नहीं हूँ. मुझे अपनी अंतरात्मा को जवाब देना हैं. पिछले 14 महीनो में मेरा सभी कार्य रिकॉर्ड में रहा हैं. लोग जानते हैं कि मैंने क्या काम किया हैं.”
HD Kumaraswamy, JD(S) in Vidhana Soudha: I ran govt for 14 months. I have no obligation to answer your (BS Yediyurappa) questions. I need to answer to my conscience. From past 14 months, everything was being recorded. People know what work I have done. #Karnataka pic.twitter.com/jeTOb9xuqR
— ANI (@ANI) July 29, 2019
इधर सिद्धरमैया ने भी अपना पक्ष रखा था और बोले थे “हमें उम्मीद हैं कि आप (बीएस येदियुरप्पा) मुख्यमंत्री बनेंगे हालाँकि इस बात की कोई ग्यारंटी नहीं हैं. आप विरोधियों के साथ हो, क्या आप एक स्थिर सरकार दे पाएंगे? ये असंभव हैं. मैं इस प्रस्ताव का विरोध करता हूँ क्योंकि ये सरकार असंवैधानिक और अनैतिक हैं.”
सिद्धरमैया ने आगे कहा “दुर्भाग्य से बीएस येदियुरप्पा कभी भी जनता के आदेश से सीएम नहीं रहे हैं. शासनादेश कहाँ हैं? आपके पास ये 2008 में भी नहीं था, 2018 में भी नहीं था और आज भी नहीं हैं. जब आप ने शपथ ली तब सदन में 222 विधायक थे. ऐसे में क्या बीजेपी के पास 112 विधायको की जित थी? उनके पास सिर्फ 105 सीट थी. ये जनादेश नहीं हैं.”
Live | #Karnataka Assembly Speaker Ramesh Kumar puts the vote on account to vote. The Appropriation Bill passed unanimously. https://t.co/sDTWGsWuYf
— The Hindu (@the_hindu) July 29, 2019
उधर इस बीच कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष रमेश कुमार ने भी इस्तीफा दिया. ऐसा करने के दौरान उन्होंने अपने सदन के साथी कमर्चारियों को शुक्रिया कहा.
इस राजनीतिज्ञ घटनाकर्मो के चलते एक बार फिर सियासती गलियों में खलबली मची हुई हैं. जहां भाजपा के लोग इस घटना से काफी खुश नज़र आ रहे हैं तो वहीं कुछ विरोधियों को ये बात ठीक से हजम नहीं हो रही हैं. ऐसे में आने वाले समय में बीएस येदियुरप्पा बतौर मुख्यमंत्री कर्नाटक राज्य के लिए क्या क्या करते हैं ये आने वाला समय ही बताएगा.