अनोखी लव स्टोरी: दो बार की शादी, बिना तलाक 15 साल से रहते अलग, फिर भी साथ में करते हैं ये काम
फिल्म इंडस्ट्री में कई रिश्ते बनते हैं, प्यार होता हैं और फिर तलाक भी हो जाता हैं. आमतौर पर जब भी किसी का तलक होता हैं तो वो एक दुसरे से बातचीत करना या टच में रहना पसंद नहीं करता हैं. ये दोनों ही अपनी निजी जिंदगी में आगे बढ़ जाते हैं. हालाँकि आज हम आपको बॉलीवुड की एक ऐसी अनोखी जोड़ी से मिलाने जा रहे हैं जिनकी प्रेम कहानी बड़ी अजीब और अलग हैं. ‘क्योंकि सांस भी कभी बहू थी’और ‘जमाई राजा’ जैसे सीरियल से फेमस हुई अपारा मेहता ने बॉलीवुड के अनुभवी अभिनेता दर्शन जरीवाला के साथ 1980 में शादी रचाई थी. उस दौरान अपारा 18 की थी जबकि दर्शन 21 के थे. चुकी ये एक लव मेरिज थी इसलिए इनके परिवार वालो ने इनकी शादी धूम धाम से देखना चाहि. ऐसे में फैमिली की खातिर न्होंने 1981 में एक दुसरे से दुबारा शादी रचा ली.
शादी की शुरुआत में ये दोनों एक दुसरे के काफी करीब आ गए. इनकी एक बेटी भी हुई जिसका नाम खुशाली रखा. हालाँकि शादी के कुछ सालो बाद इनके बीच दूरियां आने लगी. ऐसे में 2004 में ये दोनों एक दुसरे से तलाक लिए बिना ही अलग हो गए. आज इन दोनों को अलग अलग रहते हुए 15 साल हो गए लेकिन अभी तक दोनों ने तलाक नहीं लिया हैं. इतना ही नहीं ये दोनों अलग रहने के बावजूद एक दुसरे के गहरे दोस्त हैं. अपारा को जब भी किसी चीज की जरूरत होती हैं या वो मुसीबत में होती हैं तो वे दर्शन को ही कॉल करती हैं. इधर दर्शन भी अपारा के साथ हर सुख और दुःख में खड़े रहते हैं.
दर्शन अपारा के पिता के काफी करीब थे. ये दोनों एक दुसरे से मेसेज के माध्यम से घंटो बाते किया करते थे. जब उनका निधन हुआ तब भी दर्शन अपारा के पास सपोर्ट के लिए खड़े रहे. ऐसे में कई लोगो के मन में ये सवाल उठता हैं कि आखिर क्या वजह हैं जो ये दोनों अलग भी हुए, तलाक भी नहीं लिया और फिर भी गहरे दोस्त हैं और एक दुसरे की मदद भी करते हैं. दरअसल जब भी तलाक होता हैं तो सबसे ज्यादा प्रभावित उस कपल का बच्चा होता हैं. यही वजह हैं कि अपारा और दर्शन अपनी बेटी खुशाली की लाइफ में कोई नेगेटिव प्रभाव नहीं लाना चाहते थे. वे हमेशा अपनी निजी समस्याओं को अपनी बेटी से दूर ही रखते हैं. इसलिए इन दोनों ने अभी तक तलाक नहीं लिया और बेटी के कारण एक दुसरे के साथ मिलते जुलते भी रहते हैं.
हालाँकि इतने लंबे समय से अलग होकर भी एक दुसरे के साथ मिलते जुलते रहने की वजह से इनके परिवार के लोगो को आशा हैं कि शायद ये दोनों दुबारा एक हो जाए. यहां हमें इन दोनों की तारीफ़ भी करनी पड़ेगी. कई बार शादी के बाद हमारी पार्टनर के साथ नहीं बनती हैं और हम तलाक लेकर अलग भी हो जाते हैं. हालाँकि इन सबके बीच हमारे बच्चे ही पिसते हैं. इसलिए हमें अपनी निजी समस्यां को भुलाकर बच्चों को प्राथमिकता देनी चाहिए. वैसे इस बारे में आपकी क्या राय हैं?