चौथी बार कर्नाटक के किंग बनते ही एक्शन में येदियुरप्पा, कुमारस्वामी के आदेशों पर लगाई रोक
पिछले एक महीने से कर्नाटक की कुर्सी को लेकर गठबंधन और बीजेपी के बीच काफी जद्दोजहद देखने को मिली, जिसमें आखिरकार जीत बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा की हुई। जी हां, बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा ने शुक्रवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री की पद की शपथ ली, जिसके बाद वे चौथी बार सीएम बन गए। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री बनते ही बीएस येदियुरप्पा तुरंत एक्शन में आ गए और उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी द्वारा दिए कुछ आदेशों पर रोक लगा दी। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?
कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला ने शुक्रवार को बीएस येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई, जिसके बाद फ्लोर टेस्ट की डेट 31 जुलाई निर्धारित की गई है। मतलब साफ है कि बीएस येदियुरप्पा को फ्लोर टेस्ट पास करना होगा, जिसमें वे पिछली बार तो फेल हुए थे, लेकिन इस बार पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरे हैं। बता दें कि कर्नाटक विधानसभा में किसी को बहुमत नहीं मिला था, जिसकी वजह से कुर्सी को लेकर कई बार तहलका मच चुका है, लेकिन फिलहाल कर्नाटक के सीएम बीएस येदियुरप्पा हैं, जिन्हें कुर्सी काफी मेहनत के बाद मिली है।
मुख्यमंत्री बनते ही येदियुरप्पा ने दिए ये आदेश
चौथी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने बीएस येदियुरप्पा ने पद की शपथ लेते ही एक आदेश दे दिया, जिससे राज्य की सियासत में भूचाल आ गया। दरअसल, मुख्य सचिव ने सभी उप सचिवों को कुमारस्वामी सरकार द्वारा जुलाई में दिए गए तमाम आदेशों को सख्त रोकने की हिदायत दे डाली है। मतलब साफ है कि बीएस येदियुरप्पा ने पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी द्वारा दिए गए तमाम आदेशों को तत्काल रोकने का आदेश दिया है, जिस पर वे फ्लोर टेस्ट होने के बाद फैसला करेंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि कुमारस्वामी द्वारा जुलाई में दिए गए तमाम आदेश बीएस येदियुरप्पा की सरकार 31 जुलाई के बाद खारिज कर सकती है।
31 जुलाई को होगा फ्लोर टेस्ट
Karnataka Chief Minister BS Yediyurappa on State Cabinet formation: I will discuss with Amit Shah ji & other leaders. If necessary, I will go to Delhi tomorrow, we will take the decision afterwards. pic.twitter.com/d9NKoUCdVQ
— ANI (@ANI) July 26, 2019
कर्नाटक में जारी राजनीतिक उठापटक के अब शांत होने की उम्मीद है, जिसमें आखिरी गेंद 31 जुलाई को फेंकी जाएगी। जी हां, 31 जुलाई को जब सीएम बीएस येदियुरप्पा विधानसभा में बहुमत साबित कर देंगे, तब जाकर यह पूरा ड्रामा समाप्त होने की उम्मीद है। बता दें कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के जब नतीजे आए थे, तब बीएस येदियुरप्पा केवल 2 दिन के लिए मुख्यमंत्री बन पाए थे, जिसकी वजह से उनके लिए इस बार भी फ्लोर टेस्ट करना आसान नहीं होगा।
मई 2018 में देना पड़ा था इस्तीफा
पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 222 सीटों में से 104 सीटों पर कब्जा जमाया था, जिसके बाद भाजपा ने सरकार बनाने की घोषणा की थी और फिर 17 मई को बीएस येदियुरप्पा ने सीएम पद की शपथ ली थी। शपथ लेने के बाद बीएस येदियुरप्पा को 19 मई को बहुमत साबित करना था, लेकिन फ्लोर टेस्ट से पहले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद ही उन्होंने कहा था कि आज तुम्हारा वक्त है, तो कल मेरा आएगा। बता दें कि इस्तीफा देते वक्त उनकी आंखों में आंसू आ गए थे और फिर कुमारस्वामी कर्नाटक के किंग बने थे, लेकिन अब फिर से गेंद बीएस येदियुरप्पा के पाले में है।