बोरवेल में गिरे भाई को निकालने के लिए हाथों से दो घंटे तक खोदी मिट्टी, सही सलामत बच पाया भाई
राजस्थान के बीकानेर में एक मैकेनिक बोरवेल में जा गिरा और कई घंटों तक बोरवेल में फंसा रहा। राहत की बात है कि इस मैकेनिक को मौके पर मौजूद लोगों ने बचा लिया। बताया जा रहा है कि ये मैकेनिक अपने भाई और अन्य साथियों के साथ एक ट्यूबवेल के बोरवेल से मोटर निकाल रहा था। इसी दौरान अचानक मिट्टी धंस गई और ये मैकेनिक इस बोरवेल के अंदर फंस गया। हालांकि इस मैकेनिक के भाई की बदौलत इसकी जान बच पाई।
क्या है पूरी घटना
रामफल नामक एक किसान के खेत में एक ट्यूबवेल था जो कि करीब दो सालों से खराब था। रामपफल ने अपने ट्यूबवेल के बोरवेल में लगी मोटर को निकालने के लिए मैकेनिक लालचंद नायक को बुलाया। लालचंद नायक अपने भाई धर्माराम नायक, कालूराम और प्रेम नायक के साथ इस कार्य को करने के लिए मंगलवार के दिन रामफल के खेत में गया था। बोरवेल में लगी मोटर को निकालने के लिए लालचंद नायक बोरवेल के अंदर घुस गए। वहीं बोरवेल के अंदर जाते ही बोरवेल की मिट्टी धंस गई और लालचंद नायक बोरवेल के अंदर फंस गया।
लालचंद नायक को बोरवेल के अंदर फंसा देख उसके भाई धर्माराम नायक ने बिना कोई देरी किए हाथों से मिट्टी निकालना शुरू कर दिया। दरअसल मिट्टी धंसने की वजह से लालचंद बोरवेल में फंस गया था लेकिन उसकी गर्दन मिट्टी के ऊपर ही थी। जिसके चलते उसके भाई ने बोरवेल के अंदर घुस कर मिट्टी को अपने हाथों से निकालना शुरु कर दिया। धीरे धीरे ये बात पूरे गांव में फैल गई और गांव वाले भी लालचंद नायक की मदद करने के लिए मौके पर आ गए।
इस हादसे की जानकारी तुरंत पुलिस को दी गई। जिसके बाद पुलिस ने लालचंद नायक को बोरवेल से निकालने के लिए जेसीबी और हाइड्रो मशीन को मौके पर बुलाया। लेकिन मिट्टी गिली होने के चलते इन मशीनों का इस्तेमाल नहीं किया जा सका। इसलिए लोगों ने अपने हाथों से ही मिट्टी निकालनी शुरु कर दी।
अपने भाई को बचाने के लिए धर्माराम नायक ने करीब ढाई घंटे तक हाथों से ही मिट्टी खोदी। धर्माराम नायक की वजह से ही उसका भाई सही सलामत बच पाया। जिस बोरवेल में लालचंद नायक गिरा था वो 40 फीट गहरा था। ये हादसा 1:15 बजे हुआ था और लालचंद नायक को 3 बजे सुरक्षित बाहर निकाला गया था।
बोरवेल से निकलाने के बाद लालचंद नायक को तुंरत अस्पताल भेजा गया। लूणकरणसर सीएचसी अस्पताल में लालचंद नायक का उपचार किया गया। लालचंद नायक की हालात अब सही है। जिस तरह से लालचंद नायक के भाई ने हिम्मत नहीं हारी और अपने भाई को बचाने के लिए अपने हाथों से मिट्टी खोदी उसकी तारीफ हर कोई कर रहा है।