बंगाली फिल्म इंडस्ट्री की खुबसूरत एक्ट्रेस और TMC सांसद नुसरत जहां पिछले कुछ समय से काफी चर्चा में रही हैं. धर्म से एक मुस्लिम होने के बावजूद उन्हें संसद में सिंदूर, चूड़ियाँ और साड़ी से सजे अवतार में देखा गया था. उनके इस लुक को लेकर इस्लाम के कई कट्टरपंथि मुस्लिम नाराज़ हुए थे. कुछ लोगो ने तो उनके खिलाफ फतवा तक जारी कर दिया था. हालाँकि नुसरत इन सब से डरी नहीं, बल्कि इस फतवा गैंग को करारा जवाब देने के लिए वे एक और बड़ा काम करने जा रही हैं. सूत्रों की माने तो नुसरत जल्द ही भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर इस्कॉन टेंपल की यात्रा में बतौर मुख्य अतिथि बन शामिल होने वाली हैं.
दरअसल श्रीकृष्ण से जुड़ी इंटरनेशनल आर्गेनाईजेशन इस्कॉन ने हाल ही में नुसरत को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा हैं. माना जा रहा हैं कि नुसरत इस निमंत्रण को स्वीकार कर कृष्ण यात्रा में जरूर शामिल होगी. इस दौरान जहां नुसरत मुख्य अतिथि बनती नज़र आएगी तो वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस रथयात्रा की शुरुआत करेगी.
गौरतलब हैं कि नुसरत ने इसी साल बिजनेसमैन निखिल जैन से शादी रचाई हैं. एक मुस्लिम लड़की का हिंदू लड़के से शादी करना कुछ लोगो को खला भी था. इस बात को लेकर सोशल मीडिया पर उनकी ट्रोलिंग भी हुई थी. खासकर उनके माथे के सिंदूर, चूड़ी और साड़ी वाले लुक पर कुछ मुस्लिम कट्टरपंथियों ने एतराज़ जताते हुए कहा था कि इस्लाम इसकी इजाजत नहीं देता हैं.
हालाँकि इन सबका नुसरत कोई फर्क नहीं पड़ा, बल्कि उन्होंने तो आलोचकों को जवाब देते हुए कहा था कि भारत विकास की राह पर बढ़ रहा हैं. मैं एक मुस्लिम होने के साथ सेक्युलर भारत की नागरिक भी हूँ. इस देश में सभी धर्म, रिवाजों और संस्कृतियों का सम्मान होना चाहिए. ऐसे में भगवान के नाम पर लोगो को बांटना सही नहीं हैं. मुझे मेरा धर्म लोगो को ईश्वर के नाम पर बांटना नहीं सिखाता हैं.
ऐसा नहीं हैं कि सभी लोगो ने उनकी निंदा ही की हैं, बल्कि समाज में कई लोग ऐसे भी मौजूद हैं जिन्होंने नुसरत की सोच और काम की सराहना की हैं. जब इस्कॉन प्रवक्ता से ये पूछा गया कि उन्होंने नुसरत को जगन्नाथ यात्रा में अतिथि के तौर पर निमंत्रण क्यों दिया हैं तो उन्होंने कहा कि हम सभी धर्मों को मानते हैं और उनका सम्मान करते हैं. नुसरत की सोच भी कुछ ऐसी ही हैं. इसके साथ ही वे आज के जमाने की युवा नेता हैं. अपनी इस सोच के जरिए वे कई युवा पीढ़ी को प्रभावित करने की ताकत रखती हैं. यही कारण हैं कि हमने उन्हें निमंत्रण दिया हैं.
वैसे देखा जाए तो देश में शान्ति और भाईचारा बनाए रखने के लिए ये एक अच्छा कदम भी हैं. यदि हम सभी लोग इसी सोच को अपना ले और सभी धर्म का मान सम्मान करे और उन्हें मनाए भी तो कोई भी उग्रवादी तत्व इस समाज को धर्म के नाम पर नहीं बाँट सकेगा. वैसे इस पुरे मामले पर आपकी क्या राय हैं हमें कमेंट में जरूर बताए.