राशि बताएगी बेटा या बेटी में से कौन निभाएगा बुढ़ापे में आपका साथ
बुढ़ापा एक ऐसी चीज हैं जो सभी को आता हैं. हम सभी को अपने बुढ़ापे की चिंता सताती रहती हैं. आप अमीर हो या गरीब वृद्धावस्था में सभी को किसी ना किसी की मदद लेनी ही पड़ती हैं. ये वो स्टेज होती हैं जब आपके शरीर को सबसे अधिक बीमारियाँ लगती हैं. आपकी बॉडी कमजोर हो जाती हैं और आप कई काम नहीं कर पाते हैं. ऐसे में दवाई, इलाज के साथ इंसान को इस उम्र में इमोशनल सपोर्ट और प्रेम की आवश्यकता भी होती हैं. ऐसे में आज हम राशि के अनुसार आपको बताएंगे कि आपको अपनी वृद्धावस्था में बेटे या बेटी में से किस से सबसे ज्यादा प्रेम और सेवा मिलेगी.
मेष: इस राशि के जातकों को बुढ़ापे में अपनी सबसे छोटी संतान से सुख की प्राप्ति होगी. ये संतान बेटी हो या बेटा लेकिन जो उम्र में सबसे छोटा होगा वही आपके बुढ़ापे का सहारा बनेगा.
वृषभ: ये राशि के जातक अपनी वृद्धावस्था में छोटे बेटे के द्वारा सुख प्राप्त कर सकेंगे. बड़ा बेटा भी इनके साथ रहेगा लेकिन ज्यादा देखरेख और प्यार छोटे बेटे का ही रहेगा.
मिथुन: इन्हें बुढ़ापे में अपनी बेटी का सबसे ज्यादा प्यार मिलेगा. यदि आपके बेटे आपको धोखा दे भी दे या आपका ठीक से ख्याल ना रखे तो आपकी लाडली बेटी आपकी जरूरतों को पूर्ण कर देगी.
कर्क: ये राशि वाले जातक थोड़े भाग्यशाली होती हैं. इन्हें बुढ़ापे में बेटे और बेटी दोनों का ही प्रेम नसीब होता हैं. इनका वृद्धावस्था बड़े ही आराम और सुकून के साथ बितता हैं.
सिंह: इनके लिए बुढ़ापे में देखरेख का काम बेटा करता हैं जबकि जब दिल से प्यार और इमोशनल सपोर्ट देने की बारी आती है तो बेटी काम आती हैं.
कन्या: इस राशि के जातकों को बेटी की सेवा का सुख मिलता हैं. इनकी बेटी बुढ़ापे में इनका ख़ास ख्याल रखती हैं. इनका अंतिम समय तक बेटी से ख़ास लगाव रहता हैं.
मकर: इन्हें जीवन में अपने बड़े बेटे के साथ ज्यादा समय बिताने का मौका मिलता हैं. इनका छोटा बेटा अन्य कामो में व्यस्त रहता हैं और ज्यादा ध्यान नहीं दे पाता हैं.
धनु: इस राशि के जातकों को अपनी दूसरी संतान से सुख की प्राप्ति होती हैं. बेटा हो या बेटी लेकिन जो दूसरी संतान होती हैं वही इनका सबसे अधिक ध्यान रखती हैं.
वृश्चिक: इस राशि के जातकों को अपने दोनों बेटे (यदि हैं तो) का बुढ़ापे में लाभ मिलता हैं. ये दोनों ही सामान रूप से इनकी देखरेख करने में हेल्प करते हैं.
तुला: इन राशि के लोगो को सबसे छोटी बेटी का सहारा मिलता हैं. यदि बेटी ना हो तो बेटा ये काम करता हैं. इनकी बड़ी संतान बुढ़ापे में कोई ख़ास मदद नहीं करती हैं.
कुंभ: ये लोग बारी बारी से अपनी सभी संतों से सुख की प्राप्ति करते रहते हैं. इसलिए हम कह सकते हैं कि बुढ़ापे में इन्हें अपनी सभी संतानों से समय समय पर थोड़ा थोड़ा प्यार मिलता रहेगा.
मीन: इन्हें अपनी बड़ी बेटी या बड़े बेटे से वृद्धावस्था में हेल्प मिल जाती हैं. ये उनका दिल से ख्याल रखते हैं.
नोट: ये सभी बातें 75 प्रतिशत लोगो पर ही लागू होती हैं.