देश में यहां 1 किलो कचरे के बदले मिलती हैं भोजन की स्वादिष्ट थाली
हर दिन करोड़ो टन कचरा इस धरती पर बढ़ता चला जाता हैं. हम इंसान रोजाना कुछ न कुछ चीजें फेकते रहते हैं. अब इनमे से बहुत से किस्म के कचरे से निजात पाना तो आसान होता हैं लेकिन जब बात प्लास्टिक की आती हैं तो मामला थोड़ा पेचीदा हो जाता हैं. ये प्लास्टिक जमीन में मिल अपने आप गलत नहीं हैं. ये कई सालो तक ऐसा ही रहता हैं. कई बार इस प्लास्टिक के कचरे की वजह से जमीन में ठीक से पानी स्टोर नहीं हो पाता हैं. दुनियां भर में जमा प्लास्टिक जंगल, समुद्र और अन्य इलाको में जानवरों को मार रहा हैं. ऐसे में इस समस्या से निपटने के लिए और प्लास्टिक के कचरे का सही इस्तेमाल करने के लिए छत्तीसगढ़ में एक बहुत ही अच्छी पहल की गई हैं.
दरअसल छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर में भारत का पहला गार्बेज कैफ़े खुला हैं. इसकी ख़ास बात ये हैं कि यहां आप प्लास्टिक कचरा जमा कर बदले में पेट भर खाना खा सकते हैं. यह स्कीम नगर निगम चला रही हैं जिसका फायदा गरीब और बेघर लोग ले सकते हैं. यहां आपको कचरे के बदले में भोजन की थाली दी जाएगी. इस योजना के तहत आप यहां एक किलो प्लास्टिक जमा कर पेट भर के भोजन कर सकते हैं. यदि आप 500 ग्राम प्लास्टिक लाते हैं तो आपका ब्रेकफास्ट हो सकता हैं.
बता दे कि अंबिकापुर वही शहर हैं जिसने इंदौर के बाद भारत के सबसे स्वच्छ शहर की लिस्ट में दूसरा स्थान प्राप्त किया था. इस गार्बेज स्कीम को आगे बढ़ाने के लिए नगर निगम ने अपने बजट से 5 लाख रुपए भी लगाए हैं. इस योजना के तहत प्लास्टिक के बदले बेघरो और गरीबो को ना सिर्फ खाना दिया जाएगा बल्कि उन्हें शरण देने के लिए भी प्रयास होगा.
एक और दिलचस्प बात ये हैं कि इस योजना से जो प्लास्टिक एकत्रित होगा उसका इस्तेमाल अंबिकापुर में सड़क बनाने के लिए किया जाएगा. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि शहर में पहले से ही प्लास्टिक से बनी एक सड़क मौजूद हैं. इसके अंदर Granules और Asphalt का भी इस्तेमाल हुआ हैं. इस सड़क को बनाने के लिए करीब 8 लाख प्लास्टिक बैग्स उपयोग में लाए गए थे.
छत्तीसगढ़ नगर निगम की ये योजना सच में सराहनीय हैं. इसके बारे में जानने के बाद अन्य राज्यों के नागरिक भी इसे अपने शहर में खोलने की मांग कर रहे हैं. इस बात में कोई शक नहीं कि हम इंसान दिन प्रति दिन कचरा, वायु प्रदुषण, जल प्रदुषण इत्यादि के माध्यम से इस धरती की हालत ख़राब करते जा रहे हैं. यदि जल्द ही हम इस बारे में कुछ नहीं करते हैं तो ये प्लेनेट रहने लायक नहीं बचेगा. खासकर हमारी आने वाली जनरेशन को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता हैं. इसलिए इस धरती को बेहतर बनाने के लिए सरकार के साथ हमें भी अपने स्तर पर कोशिशें करना चाहिए.
वैसे इस योजना की एक ख़ास बात ये भी हैं कि इससे ना सिर्फ पर्यावरण को फायदा होगा बल्कि गरीब लोगो का पेट भी भर जाएगा. जो लोग बेघर, बेरोजगार या गरीब हैं वे प्लास्टिक का कचरा बिन अपने लिए भोजन की जुगाड़ कर सकते हैं.