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World Cup: सुपर ओवर में नीशम का छक्का लगते ही कोच को आया हार्ट अटैक, खिलाड़ी ने लिखी दिल की बात

विश्व कप 2019 का फाइनल इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया, जिसे पूरी दुनिया नहीं भूला पाएगी। इस मैच के बाद भले ही खुशी इंग्लैंड के खेमे में गई, लेकिन न्यूजीलैंड मैच हारा नहीं था। जी हां, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच हुए मुकाबले में रोमांच आखिरी गेंद तक बरकरार रहा। इतना ही नहीं, मैच सुपर ओवर तक जा पहुंचा और इत्तेफाक से वहां भी क्लियर नतीज़ा नहीं मिल सका, क्योंकि मैच ड्रा हो गया था, लेकिन आईसीसी के नियमों के अनुसार इंग्लैंड को विश्व विजेता घोषित कर दिया गया। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?

विश्व कप के फाइनल मुकाबले में जब 50 ओवर तक नतीजा नहीं निकल पाया तो मैच सुपर ओवर तक गया, जिसके बाद लोगों की दिलचस्पी और भी बढ़ गई। इतना ही नहीं, सुपर ओवर में पहले बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड की टीम ने एक ओवर में 15 रन ठोंक दिए, जिसके बाद न्यूजीलैंड की टीम बल्लेबाजी करने के लिए आई और फिर ऑलराउंडर नीशम ने एक जोर का छक्का लगाया। इतना ही नहीं, नीशम के छक्का लगाने से पहले यही लग रहा था कि मैच इंग्लैंड बड़े प्यार से जीत जाएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

नीशम का छक्का लगते ही कोच को आया हार्ट अटैक

सुपर ओवर में 16 रन का पीछा करने आए इंग्लैंड के ऑलराउंडर नीशम ने जोर का छक्का लगाया तो उनके कोच को हार्ट अटैक आ गया। दरअसल, नीशम के छक्के ने मैच में ट्विस्ट ला दिया था और अगली कुछ गेंदों के लिए सबकी सांसे अटक गई थी। उस दौरान नीशम के बचपन के टीचर और कोच जेम्स गॉर्डन को हार्ट अटैक आ गया। जेम्स गॉर्डन के हार्ट अटैक की जानकारी खुद उनकी बेटी ने दिया तो नीशम ने ट्वीट पर अपना दुख जाहिर किया।

कोच की बेटी ने बताया पूरा हाल


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जेम्स गॉर्डन की बेटी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि जैसे ही सुपर ओवर की दूसरी गेंद पर नीशम ने छक्का मारा उनके पिता की सांसें रुक गई और वे दुनिया से चले गए। बता दें कि जेम्स गॉर्डन ने नीशम को बचपन में पढ़ाया था और फिर जब नीशम बड़े हुए तो उनसे क्रिकेट की ट्रेनिंग ले रहे थे, ऐसे में वे उनके कोच और गुरु दोनों हुए। गुरु के दुनिया छोड़ जाने पर नीशम ने एक इमोशनल मैसेज ट्विटर पर शेयर किया है, जिसमें उन्होंने उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी की।

सुपर ओवर में 16 रन का पीछा करने आए नीशम और मार्टिन ने पहली गेंद पर बाउंडरी लगाने में असफल रहे थे, लेकिन दूसरी ही गेंद पर नीशम ने जोर का छक्का लगाया था, जिससे लोगों की सांसे अटक गई थी। इतना ही नहीं, उस समय हर किसी के मन में यही चल रहा था कि अगली गेंद पर क्या होगा, लेकिन यह मैच ड्रा हुआ और नियमों के मुताबिक, सबसे ज्यादा बाउंड्री लगाने वाली टीम को विश्व चैंपियन करार दिया गया।

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