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“बेटी की इज्जत से बड़ा है वोट”, ये राज नेता कहाँ ले जा रहे हैं देश को
बिहार की पार्टी जनता दल युनाइटेच के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने एक बार फिर भारतीय समाज में बेटियों के लिए होने वाले भेदभाव और दुर्व्यवहार की यादें ताजा कर दीं. शरद यादव ने एक कार्यक्रम में कहा कि ‘बेटी की इज्जत से वोट की इज्जत बड़ी है’,
वोट एक बार बिक गया तो देश की इज्जत जाएगी:
शरद यादव पटना में एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे, उन्होंने कहा कि ‘बेटी की इज्जत जाएगी तो गांव और मोहल्लों की इज्जत जाएगी, लेकिन अगर वोट एक बार बिक गया तो देश की इज्जत जाएगी और आने वाला सपना पूरा नहीं हो पाएगा.’
बेटी की इज्जत से वोट की इज्जत बड़ी है :
#WATCH: Senior JDU leader Sharad Yadav says “Beti ki izzat se vote ki izzat badi hai” in Patna (Jan 24th) pic.twitter.com/kvDxZpO2iZ
— ANI (@ANI_news) 25 January 2017
सम्मेलन में शरद यादव ने राजनीति के गिरते स्तर, पैसों से वोटों के गठजोड़ पर बोल रहे थे, वो बोले आज-कल वोट खरीदा और बेचा जाता है, बैलट पेपर के बारे में बड़े पैमाने पर सब जगह समझाने की जरूरत है, बेटी की इज्जत से वोट की इज्जत बड़ी है., आजकल सांसद और विधायक बनने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करने पड़ते हैं.
शरद यादव ने कहा कि दक्षिण भारत में लोग सांसद बनने के लिए 25 से 30 करोड़ रुपए करते हैं और विधायक बनने के लिए 5 से 10 करोड़ रुपए का खर्च आता है, वो बोले कि पैसे की कमी के चलते उनकी पार्टी जदयू उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ पा रही है.
शरद यादव के बेटियों वाले बयान पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने उन्हें नोटिस भेजा है. आयोग की सदस्य सुषमा साहू का कहना है कि ‘शरद यादव रिटायर होने की कगार पर हैं और ऐसी हल्की बात बोलकर चर्चा में बने रहना चाहते हैं, बेटी इज्जत होती है, लेकिन उन्होंने बेटी की इज्जत उतार दी है’ फिलहाल राष्ट्रीय महिला आयोग नोटिस का जवाब मिलने के बाद उसपर विचार करेगा.
शरद यादव ने कहा कि उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है उनका अर्थ यह नहीं था, उनकी बात को गलत तरीके से व्याख्या की गई. शरद यादव का कहना है कि उन्होंने वोट और बेटियों की तुलना करते हुए ये बात कही थी.