दिलचस्प

कोणार्क सूर्य मंदिर का इतिहास

कोणार्क सूर्य मंदिर उड़ीसा राज्य में है और यह मंदिर समुद्र के किनारे स्थित है। कोणार्क सूर्य मंदिर 26.2 एकड़ में फैला हुआ है और इस मंदिर को तेरहवीं शताब्दी के दौरान बनाया गया था। पुरी जिले में स्थित यह मंदिर विश्व भर में प्रसिद्ध है और इस मंदिर को देखने के लिए दुनिया भर से लोग आते हैं। इतना ही नहीं सूर्य ग्रहण के दौरान दुनिया भर से खगोल शास्त्री इस मंदिर में आते हैं। सूर्य देव को समर्पित यह मंदिर काफी भव्य है और इस मंदिर का इतिहास बेहद ही पुराना है।

कोणार्क सूर्य मंदिर को कलिंग वास्तुकला से बनाया गया है। इस मंदिर को एक रथ के आकार में बनाया गया है। इस मंदिर में 24 बड़े रथ के चक्के और सात घोड़े बनाए गए हैं। गौरतलब है कि सूर्य भगवान रथ में ही सवार होते हैं और उनके रथ को 7 घोड़ों द्वारा खींचा जाता है और इसी चीज के आधार पर यह मंदिर बनाया गया है। यह मंदिर काले ग्रेनाइट और लाल बलुआ पत्थर से बना हुआ है और इसके निर्माण में कई कीमती धातुओं और 52 टन चुंबक का इस्तेमाल किया गया है।

कोणार्क सूर्य मंदिर का इतिहास

इतिहासकारों के अनुसार इस मंदिर का निर्माण गंगा राजवंश के महाराजा नरसिम्हा देव प्रथम द्वारा करवाया गया था। ऐसा कहा जाता है कि 1243 ईसवी में राजा नरसिम्हा देव प्रथम और मुस्लिम शासक तुगान खान के बीच एक युद्ध हुआ था और इस युद्ध को राजा नरसिम्हा देव ने जीत लिया था। यह युद्ध जितने के बाद राजा नरसिम्हा देव ने कोणार्क सूर्य मंदिर बनाया था। दरअसल राजा नरसिम्हा देव सूर्य भगवान के काफी बड़े भक्त हुआ करते थे और इसलिए उन्होंने अपनी जीत के बाद यह मंदिर बनाया था।

कोणार्क सूर्य मंदिर से जुड़ी प्रचलित कथा

इस मंदिर से एक प्रचलित कथा भी जुड़ी है। जिसके बार में पुराणों में उल्लेख मिलता है। प्राचीन कथा के अनुसार भगवान कृष्ण और जामवंती के पुत्र सांब देखने में काफी सुंदर हुआ करते थे। एक बार भगवान कृष्ण ने अपने पुत्र सांब को कई स्त्रियों के साथ आपतिजनक हालत में पाया और क्रोधित होकर अपने पुत्र को कुष्ठ रोगी होने का श्राप दे दिया। यह श्राप मिलने के बाद सांब ने भगवान कृष्ण से माफी मांगी और उनसे कहा कि वो इस श्राप को वापस ले लें। अपने पुत्र की माफी को स्वीकार करते हुए भगवान कृष्ण ने सांब से कहा कि वो कोणार्क जाकर सूर्य देव की पूजा करें। अपने पिता की बात को मानते हुए सांब ने कोणार्क में जाकर कई सालों तक सूर्य देव की पूजा की और एक दिन सूर्य देव ने सांब को चंद्रभागा नदी में स्नान करने को कहा। स्नान के दौरान सांब को एक कमल के पत्ते पर सूर्य देव की मूर्ति मिली। पुराणों के अनुसार सांब को यह मूर्ति रथ सप्तमी के दिन  मिली थी। यह मूर्ति उन्होंने मंदिर में स्थापित कर दी और सांब को दिया गया श्राप भी खत्म हो गया। पुराणों में इस मूर्ति का नाम कोणादित्य बताया गया है।

सूर्य मंदिर से जुड़ा रहस्य

सूर्य मंदिर को अंग्रेजी में ब्लैक पैगोडा के नाम से जाना जाता है और इस मंदिर को एक रहस्यमय मंदिर भी कहा जाता है। दरअसल इस मंदिर के गर्भगृह में सूर्य भगवान की मूर्ति थी और इस मंदिर के शिखर पर 52 टन का चुंबक लगा हुआ था। इस चुंबक की वजह से समुद्री जहाजों को दिक्कत होती थी। ऐसा कहा जाता है कि चुंबक के कारण पानी के जहाज मंदिर की तरफ खींचे चले आते थे। जिसकी वजह से अंग्रेजों ने मंदिर के अंदर लगा यह चुंबक निकाल दिया। चुंबक निकालने की वजह से इस मंदिर की कई दीवारें और पत्थर गिरने लगे। ऐसा कहा जाता है कि जो सूर्य की मूर्ति इस मंदिर के गर्भगृह में थी। वो मूर्ति चुंबक की वजह से ही हवा में लटकी हुई थी और हवा में तैरती हुई नजर आती थी।

कोणार्क सूर्य मंदिर से जुड़ी अन्य जानकारी

  • कोणार्क सूर्य मंदिर को यूनेस्को द्वारा साल 1984 में विश्व धरोहर घोषित किया गया था।
  • यह मंदिर को 1200 शिल्पियों द्वारा बनाया गया है।
  • ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर को बनाने में 12 साल का समय लगा था।
  • यह मंदिर के प्रवेश द्वार पर ही दो बड़े शेर बनाए गए हैं और इस मंदिर की दीवारों में कई तरह की मूर्ति बनाई गई हैं।

कैसे जाएं

  • हवाई मार्ग के जरिए भुवनेश्वर जाया जा सकता और वहां से सूर्य मंदिर जाने के लिए बस और टैक्सी आसानी से मिल जाती है।
  • रेल मार्ग के जरिए भी इस मंदिर पहुंचा जा सकता है और पुरी रेलवे स्टेशन यहां का सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन है। यह मंदिर पुरी से 35 किलोमिटर की दूरी पर स्थित है।
  • कोणार्क बस अड्डा मंदिर का सबसे नजदीकी बस अड्डा है।

किस समय जाएं

सूर्य मंदिर जाने का सबसे सही समय नवम्बर से अप्रैल के बीच का है और आप इसी दौरान सूर्य मंदिर देखने के लिए उड़ीसा जाएं। दरअसल इस दौरान इस राज्य का मौसम काफी अच्छा होता है।

यह भी पढ़ें : अजन्ता एलोरा गुफा

Back to top button
https://ndi.fda.moph.go.th/ agen slot gacor
https://bemfh.ulm.ac.id/id/ https://newstrend.news/swen/ https://rentohotels.com/ https://whlconsultants.com/ galaxy77bet
slot gacor slot demo
https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/200/ https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/scatter-hitam/
https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/thailand/ https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/dana/
https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/oneplay77gala/ https://heylink.me/turbobet77login/ https://heylink.me/mustang77pro/ https://heylink.me/galaxy77betpro/ https://heylink.me/marvel77game/ https://heylink.me/taipan77login/ https://heylink.me/republik77alter/ https://heylink.me/binjaiplay77-login/ https://heylink.me/dutaslot77-loginn/ https://heylink.me/doremiplay77-login/ https://heylink.me/slotnesia77-loginn/ https://heylink.me/mandala77_login/ https://heylink.me/arenaslot77_login/ https://heylink.me/arenabet77-login/ https://heylink.me/Sultanbet77.daftar/ https://heylink.me/sultanplay77.login/ https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/kotacuanplay/ https://heylink.me/play77betpro/ https://heylink.me/tokofun/ https://heylink.me/fun77betpro/ https://heylink.me/captain77warrior/ https://heylink.me/Jaguar77pro/ https://heylink.me/thebestmustang77/ https://heylink.me/tokoholyplay/ https://heylink.me/rukocuan/ https://heylink.me/indopedia77pro/ https://heylink.me/tokoindofun17/ https://heylink.me/sultanbet77gaming/ https://heylink.me/sultanplay77gaming/ https://heylink.me/oneplay77alternatif/ https://heylink.me/marina77maxwin/ https://heylink.me/play77alternatif/ https://heylink.me/cukongplay77gaming/ https://heylink.me/playwin77-/ https://lynk.id/play77new https://lynk.id/fun77new https://lynk.id/captain77 https://lynk.id/jaguar77new https://lynk.id/mustang77new https://lynk.id/indopedia77new misteritogel galaxy77bet galaxy77bet https://104.219.251.144/ https://www.incolur.cl/ galaxy77bet galaxy77bet galaxy7bet https://138.68.164.8/ https://137.184.36.152/ https://139.59.119.229/ dreamplay77 oneplay77 monte77
https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/thai/ https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/xgacor/ https://www.mscba.org/hitam/ https://www.priboi.news/wp-includes/thailand/ https://www.tecnocontrol.cl/ https://www.quiporte.it/ https://www.mariscosgontelo.com/ https://presensi.upstegal.ac.id/ https://perpus.stik-sintcarolus.ac.id/ http://rengo921.lionfree.net/ https://www.desmaakvanitalie.nl/thailand/ https://b-happyrealisatie.com/ https://b-smartfundering.com/ http://context2.ai/ slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://www.mmsu.edu.ph/storage/uploads/xgacor/ https://alumni.mmsu.edu.ph/storage/uploads/hitam/ https://sas.mmsu.edu.ph/storage/uploads/thailand/ https://ieg.mmsu.edu.ph/storage/uploads/pulsa/
slot gacor jp slot gacor slot thailand https://www.lanuovaguida.it/ slot thailand slot gacor maxwin scatter hitam slot gacor slot demo slot demo https://repdtrackingsystem.basc.edu.ph/ https://qread.basc.edu.ph/ https://confirms.basc.edu.ph/ https://officialstore.it.com/ https://ecourse-lpug.gunadarma.ac.id/data/ https://unilinkindia.com/ https://161.35.239.72/ https://64.23.174.29/ https://rosalindwilliams.com/ https://zygmarketing.site/ https://leaderships.la/ http://www.oyo-hotel-ciater.epizy.com/data/ https://akuview.com/ https://www.akarta.es/ https://www.jamesjoyceristopub.it/ https://banarasiniketan.com/index.php
https://biolinku.co/galaxy77bet https://biolinku.co/agen77bet https://biolinku.co/marvel77 https://biolinku.co/taipan77 https://biolinku.co/republik77 https://biolinku.co/pegasusplay77 https://biolinku.co/playwin77 https://biolinku.co/darumaplay77 https://biolinku.co/asiaplay17 https://heylink.me/galaxy77bet+/ https://duniabiru.lol/ galaxy77bet galaxy77bet galaxy77bet