बायोग्राफी

महात्मा गाँधी की जीवनी (Mahatma Gandhi Jivan Parichay)

महात्मा गांधी की जीवनी (Mahatma Gandhi Jivan Parichay) : महात्मा गांधी एक महान नेता थे जिन्होंने अपने विचारों से पूरी दुनिया को प्रभावित किया था। पूरा विश्व में आज भी महात्मा गांधी के सिद्धांत बेहद ही प्रसिद्ध हैं और लाखों लोग इनके सिद्धांतों का आज भी पालन करते हैं। भारत की भूमी में जन्मे महात्मा गांधी ने अपने जीवन के कई साल दक्षिण अफ्रीका में बिताए थे और इस देश में रहते हुए इन्होंने कई तरह के आंदोलन किए थे। दक्षिण अफ्रीका में कई वर्षों तक रहने के बाद गांधी जी वापस भारत आए गए थे और भारत आकर इन्होंने ब्रिटिश सरकार की नींव हिला दी थी। गांधी द्वारा किए गए आंदोलनों की वजह से ही हमारे देश को ब्रिटिश हकुमत से मुक्ति मिल पाई थी। तो आइए जानते हैं महात्मा गांधी जी के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी और महात्मा गांधी का जीवन परिचय।

महात्मा गांधी की जीवनी (Mahatma Gandhi Jivan Parichay )

पूरा नाम : श्री मोहनदास करमचंद गांधी जी
जन्म तिथि : 02 अक्टूबर 1869
जन्म स्थान: पोरबंदर, गुजरात
मृत्यु : 30 जनवरी 1948
मृत्यु का स्थान: बिड़ला भवन , नई दिल्ली
राष्ट्रीयता : भारतीय
प्रसिद्ध नाम : महात्मा गाँधी जी, बापू जी, गाँधी जी
शिक्षा : अल्फ्रेड हाई स्कूल, राजकोट, इनर यूनिवर्सिटी कॉलेज, लन्दन
पिता का नाम : करमचंद्र गाँधी
माता का नाम : पुतलीबाई
पत्नी का नाम : कस्तूरबा गाँधी

महात्मा गांधी का जन्म और शिक्षा (Mahatma Gandhi Birth And Education)

महात्मा गांधी का जन्म 02 अक्टूबर 1869 में गुजरात राज्य के पोरबंदर में हुआ था और इनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। इनके पिता काफी जाने माने इंसान थे और राजकोट में एक ‘दीवान’ हुआ करते थे। इनकी माता का नाम पुतलीबाई था और वो एक गृहणी हुआ करती थी। महात्मा गांधी के कुल तीन भाई और बहन थे और उनके नाम इस प्रकार हैं लक्ष्मीदास,  रालियताबेन और करनदास। महात्मा गांधी जब 13 साल की आयु के थे तभी इनका विवाह करवा दिया गया था और इनकी पत्नी का नाम कस्तूरबा था। जब गांधी जी 16 साल के तब ये पहले बच्चे के पिता बने थे। हालांकि इनका पहला बच्चा ज्यादा दिनों तक जीवत नहीं रहा था।

गांधी जी और कस्तूरबा गांधी चार बच्चों के माता-पिता बने थे और इनके बच्चों के नाम इस प्रकार हैं – हरिलाल, मणिलाल, रामदास और देवदास हैं। विवाह होने के बाद गांधी जी ने अपनी पढ़ाई जारी रखी थी और सन् 1887 में मैट्रिक की परीक्षा पास की थी।

महात्मा गांधी ने अपने स्कूली स्तर की पढ़ाई राजकोट के अल्फ्रेड हाई स्कूल और अहमदाबाद के हाई स्कूल से की थी। 12 वीं कक्षा पास करने के बाद महात्मा गांधी ने सामलदास कॉलेज जो कि भावनगर में था वहां पर दाखिला लिया था। इसके बाद महात्मा गांधी ने इनर टेम्पल, लंदन, यूसीएल (UCL) फैकल्टी ऑफ लॉ  यूनिवर्सिटी कॉलेज, लंदन से अपनी आगे की पढ़ाई की थी और इस तरह से इन्होंने वकालत की पढ़ाई पूरी की थी।

दक्षिण अफ्रीका की यात्रा ( Mahatma Gandhi Visit to South Africa)

अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद सन् 1891 में गांधी जी वापस भारत लौट आए थे और इसके बाद गांधी जी ने भारत में ही वकालत का काम शुरु किया था। इस दौरान  महात्मा गांधी जी दादा अब्दुल्ला एण्ड अब्दुल्ला नामक एक व्यापारिक संस्था से जुड़े थे और गांधी जी ने इस संस्था का मुकदमा लड़ा था। इस संस्था के मुकदमें के काम से महात्मा गांधी जी को दक्षिण अफ्रीका देश जाना पड़ा था।

दक्षिण अफ्रीका जाने के बाद महात्मा गांधी को रंगभेद का सामना करना पड़ा था। दरअसल एक बार महात्मा गांधी ट्रेन में सफर कर रहे थे। लेकिन इनके रंग के कारण इनका अपमान ट्रेन में किया गया था और गांधी जी को ट्रेन से बाहर निकाल दिया गया था। ये अपमान महात्मा गांधी के दिल पर लग गया था और यहां से ही इन्होंने रंगभेद के खिलाफ अपना संघर्ष शुरू किया था। महात्मा गांधी जी ने रंगभेद के खिलाफ  प्रवासी भारतीयों के साथ नटाल भारतीय कांग्रेस का गठन किया था। इसके अलावा गांधी जी ने इंडियन ओपिनियन अखबार भी शुरु किया था। साल 1906 में गांधी जी ने दक्षिण अफ्रीकी भारतीयों के लिए अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत भी की और इस आंदोलन को सत्याग्रह के नाम से जाना गया था।

लौटे भारत वापस  (Mahatma Gandhi Returns to India from South Africa)

कई सालों तक दक्षिण अफ्रीका में रहने के बाद महात्मा गांधी जी साल 1915 में भारत वापस लौट आए थे। भारत वापस आने के बाद महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाई थी औ हमारे देश को आजाद करवाने के लिए कई सारे आंदोलनों की शुरुआत की थी।

महात्मा गांधी द्वारा किए गए कुछ प्रमुख आंदोलन (Movements led by Mahatma Gandhi)

चंपारण आंदोलन (1917)

खेड़ा आंदोलन (1918)

खिलाफत आंदोलन (1919)

असहयोग आंदोलन (1920)

नमक आंदोलन (1930)

भारत छोड़ो आंदोलन (1942)

महात्मा गांधी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी-

  • महात्मा गांधी रायचंदभाई को अपना गुरु मानते थे और उनके विचारों से काफी प्रभावित हुआ करते थे।
  • महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में कुल 21 साल बिताए थे और जब गांधी जी पहली बार इस देश गए थे उस समय इनकी आयु 23 साल की थी।
  • महात्मा गांधी  9 जनवरी 1915 को दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस आए थे और साल 2003 से इस दिन को भारत में प्रवासी भारतीय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • भारत आने के बाद महात्मा गांधी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए थे और इस पार्टी के साथ मिलकर गांधी जी ने भारत को आजाद करवाने की लड़ाई लड़ी थी। वहीं 28 अक्टूबर 1934 को गांधी जी ने कांग्रेस पार्टी से सन्यास लेने की घोषणा की थी।
  • ब्रिटिश सरकार द्वारा 10 मार्च 1922 में गांधी जी को गिरफ्तार कर लिया गया था और लगभग दो 2 साल तक गांधी जी यरवदा जेल में रहे थे।
  • गांधी जी द्वारा निकाली गई दांडी मार्च काफी प्रसिद्ध रही थी और इस मार्च से ही आजादी की असल लड़ाई शुरू हुई थी। 12 मार्च 1930 को ये दांडी मार्च निकाली गई थी जो कि अहमदाबाद से दांडी तक 388 किलोमीटर की थी। इस आंदोलन के जरिए गांधी जी ने नमक कानून तोड़ा था।
  • गांधी को पहली बार रवींद्रनाथ टैगोर ने “महात्मा” कहकर पुकारा था। जिसके बाद से इनके नाम के आगे महात्मा शब्द जुड़ गया था।
  • गांधी जी के जीवन पर कई सारी फिल्में बनाई गई हैं और  फिल्म “Gandhi 1982” को सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए अकादमी पुरस्कार भी मिल रखा है।
  • दुनिया भर के प्रसिद्ध नेता जैसे नेल्सन मंडेला, किंग मार्टिन लूथर और इत्यादि गांधी के विचारों से काफी प्रभावित थे और ये सभी नेता गांधी जी के विचारों पर ही चले हैं।
  • साल 2007 को  संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने गांधी जी के जन्मदिवस को ‘अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस’ के रूप में मनाने की घोषित किया की थी। तब से हर साल 2 अक्टूबर को गांधी जी के जन्मदिवस को ‘अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
  • गांधी जी को लोग बापू के नाम से पुकारा करते थे।

गांधी जी की हत्या (Death Of Mahatma Gandhi)

महात्मा गांधी जी की हत्या उनके ही सेवक नाथूराम विनायक गोडसे द्वारा किया गई थी। 30 जनवरी 1948 के दिन शाम के समय महात्मा गांधी जी जब बिरला हाउस में प्रार्थना करने जा रहे थे। तभी नाथूराम विनायक गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। नाथूराम विनायक गोडसे द्वारा गांधी जी को तीन गोलियां मारी गई थी। ऐसा कहा जाता है कि गांधी जी ने जब अपनी आखिरी सांस ली थी तब उनके मुंह से जो अंतिम शब्द निकला था वो ‘हे राम’ था।

गांधी जी की हत्या के इल्जाम में नाथूराम विनायक गोडसे को तुंरत गिफ्तार कर लिया गया था और नाथूराम पर गांधी की हत्या का केस चलाया गया था। इस मुकदमे में नाथूराम को दोषी  पाया गया था और उनको मौत की सजा सुनाई गई थी। नाथूराम को  1949 में फांसी लगाई गई थी।

इस तरह से हमारे देश ने एक महान नेता को खो दिया था। गांधी जी के दिखाए गए मार्ग दर्शन की वजह से ही हमारे देश ने साल 1947 में आजादी की सांस ली थी। आज हमारा देश जितनी भी तरक्की पर पहुंचा है वो गांधी जी की वजह से ही है।

यह भी पढ़े : महात्मा गांधी के विचार

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