अंपायर की गलती की वजह से न्यूजीलैंड नहीं बन पाया चैंपियन, दिग्गजों ने कहा- ‘अक्षम्य अपराध’
अगले चार साल तक विश्व चैंपियन कहलाने वाली टीम इंग्लैंड इन दिनों जश्न में डूबी है। इंग्लैंड ने रोमांचक मुकाबले में आईसीसी के नियमों की वजह से जीत हासिल की तो वहीं न्यूजीलैंड को निराशा हाथ लगी। जी हां, रोमांचक मुकाबले में न तो इंग्लैंड मैच जीता और न ही न्यूजीलैंड मैच गंवाया, लेकिन नियमों के अनुसार इग्लैंड विश्व विजेता बनी। इतना ही नहीं, इंग्लैंड के विश्व विजेता बनने के बाद एक बार फिर से न्यूजीलैंड के हाथों से कप छीन लिया गया, लेकिन इस मैच में कुछ ऐसा भी हुआ, जो नियमों के खिलाफ था। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?
वर्ल्ड कप 2019 का फाइनल हर मायने में ऐतिहासिक रहा। फिर चाहे वह जीत हो या फिर हार, लेकिन हर तरफ एक अलग ही रिकॉर्ड बना, जोकि पहले कभी नहीं हुआ। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी न्यूजीलैंड की टीम ने 241 रन बनाए, जिसके बाद लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंग्लैंड ने 50 ओवर में दस विकेट खोकर 241 रन बनाए, ऐसे में मैच टाई हुआ। टाई मैच को नतीज़ों में बदलने के लिए सुपर ओवर खेला गया, लेकिन इत्तेफाक से सुपर ओवर में भी दोनों टीम ने 15 15 रन बना दिये और फिर नियमों के अनुसार जीत इंग्लैंड को मिली।
अंपायर की गलती की वजह से चैंपियन नहीं बना न्यूजीलैंड
वर्ल्ड कप का फाइनल सुपर ओवर तक जाता ही नहीं, अगर अंपायर ने सही अंपायरिंग की होती। दरअसल, मार्टिन गुप्टिल के ओवर थ्रो पर इंग्लैंड को 6 रन दिए गए, लेकिन सिर्फ 5 रन ही मिलने चाहिए। दरअसल, मार्टिन गप्टिल ने जब थ्रो किया था, तब बल्लेबाजी कर रहे तो दोनों बल्लेबाज ने एक दूसरे को क्रॉस नहीं किया था, ऐसे में जो उन्होंने रन भागे वह सिर्फ एक था, लेकिन अंपायर ने इस पर ध्यान नहीं दिया और इसी से न्यूजीलैंड के हाथों से वर्ल्ड कप छीन गया।
ये है सही नियम
Simon Taufel says there was “an error of judgment” in awarding England six runs, instead of five, for the overthrow that hit Ben Stokes’ bat and ran to the boundary#CWC19Final pic.twitter.com/15xWeukZIu
— ESPNcricinfo (@ESPNcricinfo) July 15, 2019
यदि फाइनल में अंपायर ने सही नियम लागू किया होता, तो यह मैच सुपर ओवर तक जाता ही नहीं। दरअसल, मार्टिन गुप्टिल के ओवर थ्रो पर जो 6 रन मिले थे, वो असल में सिर्फ 5 रन ही थे, लेकिन मिले पूरे 6। बता दें कि ICC के नियम 19.8 के अनुसार, यदि ओवर थ्रो के बाद गेंद बाउंड्री के पार चली जाती है, तो पेनल्टी के रन के अलावा बल्लेबाजों द्वारा पूरे किए गए रन ही मिलते हैं, लेकिन इसमें यह देखा जाता है कि थ्रो से पहले बल्लेबाजों ने एक दूसरे को क्रॉस किया या नहीं। यानि बल्लेबाज को दौड़ने के सिर्फ एक ही रन मिलते हैं, जिसका खुलासा खुद अंपायर रह चुके साइमन टॉफेल ने किया।
नियम का सही यूज होता, तो चैंपियन इंग्लैंड नहीं होता
याद दिला दें कि गुप्टिल ने जिस वक्त थ्रो किया था, उस समय बल्लेबाज बेन स्टोक्स और आदिल रशीद दूसरा रन दौड़ते हुए एक दूसरे को क्रॉस नहीं कर पाए थे, जिसकी वजह से सिर्फ यह एक रन ही माना जाता और फिर इंग्लैंड को सिर्फ 5 रन मिलते। इसके बाद 2 गेंदों में चार रन चाहिए होते, लेकिन आखिरी में 3 गेंदों में तीन रन चाहिए थे, लेकिन सिर्फ 2 रन आए और मैच टाई हो गया, लेकिन अगर नियमों का पालन किया गया होता तो आज विश्व चैंपियन कोई और होता।