वास्तु: प्रेग्नेंसी में रुकावट पैदा करती हैं ये 6 चीजें, महिलाएं इन बातों का रखें विशेष ध्यान
किसी भी महिला के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पल तब आता है जब वो मां बनती है. बच्चे को जन्म देने का सुखद एहसास हर किसी को नहीं मिल पाता. ये एहसास सिर्फ और सिर्फ मां को ही मिलता है. यह वो पल होता है जब कोई भी मां एक नए जीवन को इस दुनिया में लाती है. मगर यह इतना भी आसान नही होता. बता दें कि बच्चे के जन्म होने तक मां को कई सारी बातों का ध्यान रखना पड़ता है क्योंकि ऐसे में जरा सी लापरवाही बड़ी समस्या ला सकती है.
किसी भी महिला को गर्भधारण करने के लिए एक-दो नहीं बल्कि बहुत सारी बातों का खास ख्याल रखना पड़ता है. ऐसे में उस पर ना सिर्फ अपने खान-पान बल्कि घर के माहौल आदि का भी काफी ज्यादा असर पड़ता है. कई बार तो घर का वास्तु भी गर्भधारण में रुकावट डाल देता है. हालांकि कई लोगों को यह सुनकर कुछ अजीब लग रहा होगा मगर आज हम आपको गर्भधारण और वास्तु से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जो आपको भी सोचने पर मजबूर कर देगी.
उत्तर-पूर्व में नहीं होना चाहिए दंपती का बेडरूम
माना जाता है कि वास्तु के अनुसार किसी भी वैवाहिक जोड़ा का शयनकक्ष यानि की बेडरूम उत्तर-पूर्व में नहीं बनाना चाहिए. इससे गर्भधारण में परेशानी आ सकती है. वास्तु के अनुसार बताया गया है कि यह दिशा जल का प्रतिनिधित्व करती है जिसकी वजह से दंपती के शारीरिक संबंध स्थापित करने में व्यवधान होती है और सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि इस दिशा से भ्रूण के पोषण के लिए भी पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पाती. परिणाम गर्भधारण में समस्या या फिर गर्भपात जैसी समस्या आ सकती है.
दक्षिण-पूर्व दिशा के नुकसान
बता दें कि अगर महिला गर्भवती हो गयी है तो उसके बाद उसे घर के दक्षिण-पूर्व वाली दिशा के कमरे में नहीं सोना चाहिए. वास्तु के अनुसार बताया गया है कि इस दिशा में जरूरत से ज्यादा ऊर्जा निकलती है जो बच्चे को प्रभावित कर सकती है.
घर के मध्य में न हो भारी सामान
बताता चाहेंगे कि अगर आपके घर में कोई महिला जल्द ही गर्भधारण करने वाली है तो उस घर के मध्य में किसी प्रकार का कोई भारी सामान सा फिर सीढ़ियां आदि नहीं होनी चाहिए. ऐसा होने से माना जाता है कि महिलाओं की प्रेग्नेंसी में बाधा आती है.
घर में नहीं रहना चाहिए अंधेरा
इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी गर्भवती महिला को कभी भी ऐसे स्थान पर नहीं रहना चाहिए जहां पर अंधेरा रहता हो या फिर उजाले की कमी हो. एक तो ऐसा होने से अक्सर ही दुर्घटना की आशंका बनी रहती है और वास्तु के अनुसार यह परिस्थिति बच्चे के उचित विकास के लिए भी बाधक मानी जाती है.
नहीं पहनने चाहिए ऐसे कपड़े
कोई भी महिला खुद को आकर्षक दिखाने के लिए कई तरह के साज-सज्जा करती है और तरह तरह के परिधान भी पहनती है. मगर महिला जब गर्भवती हो तो उस दौरान उसे आवश्यकता से ज्यादा गहरे रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए जैसे काला या फिर लाल आदि. इस अवस्था में हल्के रंग के कपड़े आरामदायक और श्रेष्ठ माने जाते हैं.
इलेक्ट्रॉनिक सामान कम से कम हो
जहां तक संभव हो सके गर्भवती महिलाओं को इलेक्ट्रॉनिक गैजेट आदि से दूर ही रहना चाहिए जैसे मोबाइल फोन, लैपटॉप, टीवी आदि. ऐसा माना जाता है कि इन सभी उपकरणों से कई तरह की तरंगें निकलती हैं जो गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकती है. बेहतर होगा कि इन वस्तुओं से कुछ समय के लिए दूरी ही बनाकर रखी जाए.
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