अब चुनाव आयोग के ब्रांड एम्बेसडर बनना चाहते हैं अरविन्द केजरीवाल!
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग की “रिश्वत” संबंधी टिप्पणी पर सोमवार को लिखित जवाब दिया. जवाब में केजरीवाल ने कहा है कि उनका बयान किसी भी रूप में चुनावी रिश्वतखोरी को बढ़ावा नहीं देता, बल्कि इससे तो रिश्वतखोरी बंद करने में मदद मिलेगी. अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग से कहा कि उन्हें तो खुद उनके बयान का प्रचार प्रसार करना चाहिए और उन्हें ब्रैंड अंबेसडर बना लेना चाहिए. देखते रहिए कैसे दो सालों में पार्टियां पैसे बांटना बंद कर देंगी. वहीं, बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल के बयान पर तीखा हमला करते हुए कहा कि वो खुद को भारतीय राजनीति का मुख्य न्यायाधीश समझते हैं.
चुनाव आयोग के फैसले को अदालत में चुनौती देंगे :
गोवा में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 8 जनवरी को अपने भाषण के दौरान बीजेपी और कांग्रेस से पैसे लेकर वोट उनकी पार्टी को देने की अपील की थी. चुनाव आयोग ने इस अरविंद केजरीवाल के इस बयान को आचार संहिता का उल्लंघन माना है और कहा है कि अगर केजरीवाल नहीं सुधरे तो उनके और उनकी पार्टी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसमें आप की मान्यता को निलंबित या खत्म करना भी शामिल है. इस पर पलटवार करते हुए केजरीवाल ने कहा, ‘बयान में भ्रष्टाचार कहां है? अगर मैंने कहा होता कि मुझसे पैसे लेकर मुझे वोट दीजिए तब यह भ्रष्टाचार माना जाता.’ उन्होंने यह भी कहा कि वे चुनाव आयोग के फैसले को अदालत में चुनौती देंगे. इधर, चुनाव आयोग की इस फटकार पर आम आदमी पार्टी ने नाराजगी जताई है.
My letter to Chief Election Commissioner. There ought to be a public debate on this issue pic.twitter.com/bpBA4iwGPw
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) 23 January 2017
चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा है, “चुनाव आयोग का ये निर्देश सरासर गलत है. निचली अदालत ने इस मामले में मेरे पक्ष में फैसला दिया था. चुनाव आयोग ने कोर्ट के फैसले को नजरअंदाज किया है. हम चुनाव आयोग के इस फैसले को अदालत में चुनौती देंगे.”
गोवा में आम आदमी पार्टी ने पूर्व जेल आईजी एल्विस गोम्स को अपना सीएम कैंडिडेट बनाया है. एल्विस भी आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल की तरह नौकरशाही से राजनीति में आने वाले नेता हैं. गोवा में 4 फरवरी को मतदान होगा.