विवाह प्रमाणपत्र लेने पहुंचा व्यक्ति; कर्मचारियों ने दी दुबारा शादी करने की सलाह
हाल ही में एक दंपत्ति को मैरिज-रजिस्ट्रार ने विवाह प्रमाणपत्र देने से मना कर दिया और इन्हें दुबारा से शादी करने को कहा। दरअसल केरल में एक दंपत्ति शादी के 16 साल बाद अपना विवाह प्रमाणपत्र लेने के लिए मैरिज-रजिस्ट्रार के पास गया था। लेकिन मैरिज-रजिस्ट्रार ने इन्हें विवाह प्रमाणपत्र देने से मना कर दिया। इतना ही नहीं मैरिज-रजिस्ट्रार ने इनका मजाक उड़ते हुए इन्हें दोबार से शादी करने को भी कहा। जब ये मामला सामने आया तो इस राज्य के पंजीकरण मंत्री ने कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की और उन्हें निलंबति कर दिया।
सोशल मीडिया के जरिए सुनाई अपनी आपबीती
मैरिज-रजिस्ट्रार द्वारा की गई इस हरकत की जानकारी इस दंपत्ति ने सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचाई। अपने सोशल मीडिया अकांउट पर मधुसूदन ने लिखा कि वो मुक्कोम में मैरिज-रजिस्ट्रार के कार्यालय में गया था और अपना विवाह प्रमाणपत्र लेने के लिए उन्होंने आवेदन किया। मगर कर्मचारियों ने सर्टिफिकेट देने से इंकार कर दिया। सर्टिफिकेट ना देते हुए कर्मचारियों ने कहा कि ‘आप दोबारा शादी करो, तभी आपको सर्टिफिकेट मिलेगा। मधुसूदन के इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया गया और इस पोस्ट को पढ़ने के बाद केरल राज्य के पंजीकरण मंत्री जी. सुधाकरन ने इस मामले की जांच के आदेश दिए।
किया कर्मचारियों को निलंबित
इस मामले की जांच करने के बाद मैरिज-रजिस्ट्रार ऑफिस से चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। इन चारों कार्मचारियों को पीड़ित से दुर्व्यवहार करने का दोषी पाया गया है। इन कर्मचारियों को निलंबित करने के बाद मंत्री सुधाकरन ने एक पोस्ट भी लिखा और इस पोस्ट के जरिए लोगों को बताया कि ‘सोशल मीडिया के जरिए पीड़ित मधुसूदन की शिकायत मिली थी। जिसके बाद कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया है। इन कर्मचारियों ने अपने कार्य के साथ लापरवाही की है और इसी लापरवाही के कारण उनको निलंबित किया गया है। मंत्री सुधाकरन के अनुसार इन कर्मचारियों ने काम से बचने के लिए ऐसा किया। इनको पुराने रिकॉर्ड न देखने पड़े इसलिए इन्होंने दंपत्ति को दोबार से शादी करने को कहा। अगर ये कर्मचारी चाहते तो उन्हें तुरंत ही विवाह प्रमाणपत्र दे सकते थे। लेकिन उन्होंने काम चोरी करते हुए दंपत्ति को इंतजार करवाया।
साल 2003 में हुई थी शादी
मधुसूदन के मुताबिक उनका विवाह 27 फरवरी, 2003 में हुआ था और उन्होंने विशेष विवाह अधिनियम के प्रावधानों के तहत शादी की थी। शादी के इतने समय बाद तक वो किसी कारण से विवाह प्रमाणपत्र नहीं ले सके थे। 19 जून को उन्हें विवाह प्रमाणपत्र की जरूरत थी और इसलिए उन्होंने मैरिज-रजिस्ट्रार के ऑफिस में अपने विवाह के सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया था।