1 फरवरी को पेश होगा आम बजट, EC का केन्द्र को निर्देश- चुनावी राज्यों के लिए न हो कोई विशेष घोषणा!
चुनाव आयोग ने चुनाव से पहले बजट को लेकर केन्द्र सरकार को बड़ी राहत दी है. आम बजट अब 1 फरवरी को ही आएगा. लेकिन EC ने केंद्र सरकार के आगे कुछ शर्ते भी रखी हैं. चुनाव आयोग ने सोमवार देर रात कहा कि यूपी समेत 5 राज्यों को लेकर केंद्र सरकार कोई बड़ी योजना का ऐलान नहीं करेगी. आयोग ने साफ किया है कि वित्त मंत्री अरूण जेटली इन राज्यों के लिए कुछ भी खास ना दें और न ही इन राज्यों में सरकार की उप्लब्धियों का बखान होना चाहिए. ईसी ने अपने फैसले में सरकार को 2009 की अपनी एडवायजरी की भी याद दिलाई है, जिसमें चुनाव के पूर्व पूरे बजट की बजाय लेखानुदान मांगें या अंतरिम बजट पेश करने की परंपरा है.
इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर, केंद्रीय बजट (2017-18) को टालने की मांग करने वाली याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया था.
बजट 1 फरवरी को पेश करने का फैसला :
जनहित याचिका को खारिज करते हुए न्यायालय ने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा दिए गए किसी भी तर्क का कोई मतलब नहीं निकलता है. केंद्र सरकार ने बजट फरवरी के अंत में पेश करने की जगह 1 फरवरी को पेश करने का फैसला किया है. याचिकाकर्ता अधिवक्ता एम.एल.शर्मा ने तर्क दिया कि केंद्रीय बजट मतदाताओं को प्रभावित करेगा और इसलिए स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव प्रभावित होंगे. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि अगर मार्च, अप्रैल व मई महीने में लगातार राज्यों में चुनाव होते, और याचिकाकर्ता अधिवक्ता के तर्क पर गौर किया जाए, तो बजट पेश ही नहीं होगा. यह राज्य का चुनाव है और इसका केंद्रीय बजट से कोई लेना-देना नहीं है.
चुनाव से पहले बजट को लेकर राजनीति गरमाई हुई थी.सोमवार को कांग्रेस ने मोदी सरकार पर चुनाव से पहले मतदाताओं को लुभाने का आरोप लगाते हुए निर्वाचन आयोग से अपील की थी कि वह अपने संवैधानिक कर्तव्यों को पूरा करते हुए निष्पक्ष एवं स्वतंत्र चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाए, ताकि सरकार इस बजट में किसी प्रकार के प्रलोभन की घोषणा नहीं करे. लेकिन अब ये तय हो गया है कि बजट1 फरवरी को ही पेश होगा.
4 फरवरी से 8 मार्च के बीच पांच राज्यों, उत्तर प्रदेश,उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में चुनाव होने वाले हैं, लेकिन चुनाव से पहले बजट की अड़चन दूर हो गई है.
दूसरी ओर, संसद के बजट सत्र से पहले लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने 30 जनवरी को अलग-अलग सर्वदलीय बैठकें बुलाई हैं, ताकि संसद में सुगम कामकाज का रास्ता बन सके और उन मुद्दों के बारे में जाना जा सके जो विभिन्न राजनीतिक दल उठाना चाहते हैं.