‘सुपर-30’ के आनंद कुमार को हो चुकी है ये गंभीर बीमारी, जाने इस बीमारी का नाम और लक्षण
12 जुलाई को ऋतिक रोशन की फिल्म सुपर-30 रिलीज हुई और दर्शकों को ये फिल्म पसंद भी आ रही है। ये फिल्म पटना के गणितज्ञ और सुपर-30 के संस्थापक आनंद कुमार की कहानी पर आधारित है, वे लंबे समय से बिहार में गरीब बच्चों को मुफ्त में आईआईटी प्रवेश परीक्षा की कोचिंग दे रहे हैं और फिल्म रिलीज होने से पहले ही आनंद कुमार से जु़ड़ी एक बुरी खबर भी सामने आई। ‘सुपर-30’ के आनंद कुमार को हो चुकी है ये गंभीर बीमारी, अब ये बीमारी कैसी है इसके बारे में जानना है तो आपको पूरा लेख पढ़ना होगा।
‘सुपर-30’ के आनंद कुमार को हो चुकी है ये गंभीर बीमारी
आनंद कुमार ने अपने एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया था कि वे एकॉस्टिक न्यूरोमा ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित हैं और इस वजह से भी वे बायोपिक देखना चाहते हैं क्योंकि जिंदगी का कोई भरोसा नहीं है। मगर क्या आप जानते हैं कि ये कैसा ट्यूमर होता है ? आनंद कुमार ने बताया कि साल 2014 में उनके दाहिने कान में सुनने की समस्या हो गई और जब उन्होंने इसका इलाज पटना के एक अस्पताल में कराया तो पता चला कि उनके दाहिने कान की 80-90 प्रतिशत सुनने की क्षमता खराब हो गई है। इसके आगे उन्होने बताया, ”मैंने दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में इसकी जांच कराई और कई परीक्षण होने के बाद पता चला कि मेरे कान में कोई समस्या नहीं है बल्कि ब्रेन में ट्यूमर हो गया है। डॉक्टर्स ने बताया कि मेरे दिमार में एक ट्यूमर है और वो उस नर्व पर विकसित हो गया है जो कान से मस्तिष्क तक जाता है। इस कारण मुझे सुनने में परेशानी हो रही है।”
एकॉस्टिक न्यूरोमा को वेस्टिबुलर स्कवान्नोमा के रूप में भी जाना जाता है। यह एक कैंसरमुक्त और आमतौर पर धीमी गति से बढ़ने वाला ट्यूमर होता है जो आपके कान से मस्तिष्क की ओर जाता है। इस तंत्रिका की शाखाएं आपके संतुलन और सुनने की क्षमता को कम करती हैं और एकॉस्टिक न्यूरोमा से दबाव पड़ने से ही सुनने की क्षमता कम होती है। यह बीमारी अमूमन इस तंत्रिका को कवर करने वाली स्कवान्न सेल्स पर विकसित होती है जो धीरे-धीरे बढ़ता है या फिर बिल्कुल रुक जाता है। एकॉस्टिक न्यूरोमा का इलाज नियमित देख-रेख, रेडिएशन और सर्जरी के माध्यम से किया जाता है।
क्या है इस बीमारी के लक्षण
इस बीमारी में सुनने की क्षमता कम हो जाती है, प्रभावित कान में कुछ बजने की आवाज आती है, अस्थिरता और संतुलन की हानि होती है, चक्कर आते हैं, चेहरे में सुन्नता आने का एहसास होता है और प्रभावित जगह की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं। अगर आपको कम सुनाई दे या कान बज रहे हों और संतुलन बनाने में परेशानी होने लगे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।