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15 साल के करियर में धोनी को इतना मायूस कभी नहीं देखा, रन आउट से ठिठक गए कदम और छलक गया आंसू

‘महेंद्र सिंह धोनी….’ नाम तो सुना ही होगा। जी हां, धोनी धोनी और सिर्फ धोनी के नाम से गूंज रहा स्टेडियम अचानक उनके आउट हो जाने से खामोश हो गया। खामोशी सिर्फ हार जीत की वजह से नहीं थी, बल्कि कहीं न कहीं सभी यह जानते हैं कि यह धोनी का आखिरी वर्ल्ड कप था और इसके बाद उन्हें कभी भी वर्ल्ड कप के मंच पर नहीं देखा जाएगा। इतना ही नहीं, धोनी के 15 साल के करियर में जो उनकी सबसे बड़ी खूबी थी, वही उनके आखिरी मैच में खामी बन गई, जिसका दुःख उनके चेहरे पर साफ दिख रहा था। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?

यूं तो धोनी ने अपने करियर में कई जीत हार देखी है, लेकिन कभी भी वे इतने मायूस नहीं हुए, जितना इस बार मैदान से बाहर जाते हुए दिखाई दिए। मैदान से बाहर जाते हुए धोनी के पैर लड़खड़ा रहे थे। सच कहें तो वे मैदान से बाहर जाना ही नहीं चाह रहे थे, लेकिन नियम और कर्तव्य के आगे उन्हें झुकना पड़ा और न चाहते हुए भीगी पलकों के साथ जाना पड़ा। हां, धोनी का ये चेहरा कभी देश भूल नहीं पायेगा, क्योंकि मैच में भले ही हमे हार मिली हो लेकिन शेर की तरह मैदान में दहाड़ते हुए नज़र आ रहे थे।

आंखों से छलक रहे थे आंसू

मार्टिन गुप्टिल के थ्रो से आउट होने वाले महेंद्र सिंह धोनी के बाहर जाते ही टीम इंडिया की उम्मीदें टूट गयी थी। वर्ल्ड कप का सपना मार्टिन गुप्टिल के थ्रो ने गुल्लियों की तरह बिखेर दिया था, जिसकी वजह से धोनी के आंखों में पहली बार आंसू देखने को मिले। जब मैदान से बाहर धोनी जा रहे थे, तब उनके आंखों में आंसू थे और पैर डगमगा रहे थे। बता दें कि धोनी ने अब तक 4 वर्ल्ड कप खेले हैं, जिसमें से एक में उन्होंने लास्ट बॉल पर सिक्स मार कर टीम इंडिया को जीता दिया था और शायद इस बार भी उनसे कुछ ऐसी ही उम्मीद थी

काश मार्टिन गुप्टिल का थ्रो नहीं लगता

धोनी जब दूसरे रन के लिए भागे और गेंद मार्टिन गुप्टिल के हाथों में गयी और उन्होंने थ्रो फेंका तो 135 करोड़ की जनता यही दुआ कर रही थी कि थ्रो न लगे। इतना ही नहीं, जब मामला थर्ड अंपायर तक गया तो भी लोग यही दुआ कर रहे थे कि काश मार्टिन का थ्रो न लगा हो और धोनी पहुँच गए हो, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और उन्हें आउट करार दिया गया, जिसके बाद पूरे मैदान में सन्नाटा छा गया और धोनी की आंखों में आंसू आ गए।

खत्म हुआ धोनी का वर्ल्ड कप का सफर

धोनी के आलोचक लगातार उन पर सन्यास लेने का प्रेशर बना रहे हैं, लेकिन इसी बीच उन्होंने कहा कि वे संन्यास नहीं लेंगे। हालांकि धोनी के इन सब बातों के परे यह तय माना जा रहा है कि यह उनका आखिरी वर्ल्ड कप था, जिसके बाद वे कभी वर्ल्ड कप में नहीं दिखाएंगे। इस मैच में धोनी ने जडेजा के साथ मिलकर काफी हद तक जीत की उम्मीद को जगा ही दिया था, लेकिन अंततः जो हुआ उसकी साक्षी पूरी दुनिया है।

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