सच्चा मित्र वो होता है जो अपने दोस्तों की मदद उनके बुरे समय में करता है
जीवन में दोस्ती का रिश्ता बेहद ही अनमोल होता है और ये रिश्ता विश्वास और प्यार के आधार पर बनता है। भगवान श्रीकृष्ण के जीवन में भी कई सारे दोस्त थे। लेकिन उनका सबसे प्यारा दोस्त सुदामा था। सुदामा के साथ भगवान श्री कृष्ण ने अपना बचपन बिताया था और इन दोनों की दोस्ती एक आश्रम में हुई थी।जब भगवान श्रीकृष्ण जी सुदामा से पहली बार मिले थे तब ये दोनों एक दूसरे को बिलकुल भी नहीं जानते थे। लेकिन जैसे-जैसे इन दोनों ने एक दूसरे के साथ समय बिताना शुरू किया तो ये दोनों एक दूसरे के बेहद ही खास दोस्त बन गए। इन दोनों ने एक साथ आश्रम में कई समय बिताया और शिक्षा ग्रहण की। शिक्षा ग्रहण करने के बाद ये दोनों वापस से अपने अपने घर चले गए और कई सालों तक ये दोनों एक दूसरे से नहीं मिले।
श्री कृष्ण बेहद ही अमीर हुआ करते और सुदामा बेदह दी गरीब। सुदामा लोगों से अनाज मांगकर अपना और अपने परिवार वालों का पेट भारा करते थे। वहीं एक दिन सुदामा की पत्नी ने सुदामा से कहा कि वो जाकर एक बार श्रीकृष्ण से मिल लें। श्रीकृष्ण को जब तुम्हारी गरीबी के बारे में पता चलेगा तो वो जरूर हमारी मदद करेंगे। अपनी पत्नी की बात को मानते हुए सुदामा श्री कृष्ण जी से मिलने के लिए राजी हो गए।
श्रीकृष्ण से मिलने के लिए जब सुदामा उनके महल गए तो महल के बाहर खड़े सिपाहियों ने सुदामा को महल के अंदर प्रवेश करने से रोक दिया। सुदामा ने सिपाहियों को बताया कि वो श्री कृष्ण के मित्र हैं। लेकिन सुदामा की ये बात सुनकर सिपाही हंसने लगे। जब श्रीकृष्ण को पता चला की कोई सुदामा नाम का व्यक्ति उनसे मिलने के लिए आया है। तो श्री कृष्ण दौड़ते हुए सुदामा के पास गए और उन्होंने सुदामा को गले से लगा लिया। श्री कृष्ण ने काफी अच्छे तरीके से अपने दोस्ता का स्वागत किया।
श्री कृष्ण को देखकर सुदामा ने उनसे एक सवाल किया और पूछा, कृष्ण मैं गरीब क्यों रह गया ? सुदामा की ये बात सुनकर श्री कृष्ण ने उन्हें आश्रम के दिनों का एक किसा याद दिलाया और सुदामा से कहा, तुम याद करो एक बार हम दोनों जंगल में लकड़ियां काटने के लिए जा रहे थे। तब हम दोनों को गुरु मां ने कुछ चने खाने के लिए दिए थे और कहा था कि हम दोनों ये चने आपस में बांट लें। लेकिन तुमने उन चनों को अकेल ही खा लिया। जिसकी वजह से तुम आज दरिद्र हो। बचपन में तुम्हारी की गई इसी भूल के कारण तुम्हारे साथ ये सब हो रहा है। सुदामा को उसकी गलती याद दिलाने के बाद श्री कृष्ण ने सुदामा की मदद की और सुदामा को कई राज्यों का राजा बना दिया।
सुदामा और श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़ी ये कथा हमें इस बात का ज्ञान देती हैं कि सच्चे मित्रों को कैसे एक दूसरे के साथ व्यवहार करना चाहिए और एक दूसरे की मदद करनी चाहिए।