दंतेश्वरी मंदिर को दिया गया है 52 वें शक्तिपीठ का दर्जा, पढ़ें इस मंदिर से जुड़ी कथा
दंतेश्वरी माता मंदिर को 52वां शक्तिपीठ माना गया है। दरअसर पुराणों में केवल 51 शक्तिपीठों का ही जिक्र किया गया है। लेकिन दंतेश्वरी माता मंदिर को 52 वें शक्तिपीठ के रुप में गिना जाता है। ये मंदिर छत्तीसगढ़ में स्थित है और ऐसी मान्यता है कि इस जगह पर मां सती का दांत गिरा था। जिसकी वजह से इस मंदिर का नाम दंतेश्वरी माता मंदिर पड़ गया।
चालुक्य राजाओं द्वारा बनाया गया था मंदिर
ऐसा कहा जाता है कि दंतेश्वरी माता मंदिर का निर्माण 14 वीं सदी के दौरान करवाया गया था और इस मंदिर को चालुक्य राजाओं ने बनाया था। ये मंदिर बेहद ही भव्य और सुंदर हैं। इस मंदिर में रखी गई मां की मूर्ति के छह हाथ हैं और हर हाथ में मां ने एक अलग-अलग चीज पकड़ रखी हैं। देवी के दाएं हाथ में शंख, खड्ग, त्रिशूल हैं जबकि बांए हाथ में घटी, पद्घ और राक्षस के बाल हैं।
होती है हर मन्नत पूरी
इस मंदिर में एक गरूड़ स्तंभ है। ऐसा कहा जाता है कि इस गरूड़ स्तंभ को छूने से और इसे अपनी बांहों में भरने से हर मन्नत पूरी हो जाती है। ये स्तंभ मंदिर के प्रवेश द्वार के समाने बनाया हुआ है और जो लोग भी इस मंदिर में आते हैं वो लोग पहले मां के दर्शन करते हैं और फिर इस स्तंभ के छूते हैं। ताकि उनकी मनोकामना पूरी हो जाएगा। दंतेश्वरी माता मंदिर के साथ एक कथाएं भी जुड़ी हुई हैं और ये कथाएं इस प्रकार हैं।
मंदिर से जुड़ी कथा
एक कथा के अनुसार ये मंदिर राजा अन्नम देव और बस्तर राज के परिवार का कुल देवी मंदिर हुआ करता था। एक बार काकतीय वंश के राजा अन्नम देव को देवी दंतेश्वरी ने दर्शन दिए थे। अपने दर्शन देते हुए मां ने राजा अन्नम देव को एक वरदान दिया था। इस वरदान के तहत मां दंतेश्वरी ने राजा से वादा किया कि वो उनके साथ तब तक चलेंगी, जब तक वो पीछे मुड़कर नहीं देखते हैं। राजा ने मां की इस शर्त को मान लिया। इसके बार राजा कई दिनों तक चलते रहे और मां भी उनके पीछे चलती रही। वहीं एक दिन अचानक से राजा को एहसास हुआ की मां उनके पीछे नहीं आ रही हैं और मां को देखने के लिए राजा पीछे मुड गए। उनके पीछे मुड़ते ही मां वहां पर रूक गई और बाद में राजा ने इस जगह पर मंदिर का बनवा दिया।
हर साल आते हैं लाखों की संख्या में लोग
दंतेश्वरी माता मंदिर पर लाखों लोगों की आस्था है और दूर-दूर से लोग इस मंदिर में मां के दर्शन करने के लिए आते हैं। इतना ही नहीं इस मंदिर में भव्य कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता है। इस मंदिर में प्रवेश करने से पहले पुरुष को धोती पहननी पड़ती है और धोती पहनने के बाद ही उन्हें मंदिर में जाने की अनुमित दी जाती है।
कैसे पहुंचे इस मंदिर
दंतेश्वरी माता मंदिर छत्तीसगढ़ राज्य के दंतेवाड़ा में है और दंतेवाड़ा जिला रेल और सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है।