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भगवान शिव की कुल थी 9 संताने, पढ़ें इनसे जुड़ी कथा

भगवान शिव की कुल पांच पत्नियां थी, जिनमें से सती और पार्वती मां के बारे में हर किसी को जानकारी है। पुराणों के अनुसार भगवान शिव ने अपने जीवन में पांच बार विवाह किया था। शिव जी की प्रथम पत्नी सती थी और मौत के बाद सती ने पार्वती के रूप में जन्म लिया था। जिसके बाद शिव जी ने पार्वती जी से विवाह किया था। इसके बाद शिव जी ने काली, उमा और गंगा माता से विवाह किया था।

ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव जी की कुल 9 संताने थी। जिनमें से एक लड़की और 8 पुत्र थे। इन 9 संतानों में से पार्वती जी के दो पुत्र और एक पुत्री थे। पार्वती और शिव के पहले पुत्र का नाम कार्तिकेय था और दूसरे का नाम गणेश था। जबकि इनकी पुत्री का नाम अशोक सुंदरी था। शिव जी भगवान के अन्य पुत्रों के क्या नाम थे इसकी जानकारी इस प्रकार है।

सुकेश

ऐसा कहा जाता है कि शिव जी और पार्वती ने एक पुत्र को गोद लिया था और उसका नाम सुकेश रखा था। सुकेश के माता पिता का नाम विद्युत्केश और सालकटंकटा था। जन्म के बाद विद्युत्केश ने अपने पुत्र को लावारिस छोड़ दिया गया। जब शिव और पार्वती मां की नजर लावारिस बच्चे पर पड़ी तो उन्होंने उसे गोद ले लिया और उसका नाम सुकेश रखा दिया। इस तरह से सुकेश शिव जी और पार्वती मां का तीसरा पुत्र बना।

जलंधर

शिव जी के चौथे पुत्र का नाम जंलधर था जंलधर का जिक्र श्रीमद्मदेवी भागवत पुराण में मिलता है। इस पुराण के अनुसार भगवान शिव के तेज से जंलधर उत्पद हुए थे। दरअसल एक बार भगवान शिव ने अपना तेज एक समुद्र में फेंक दिया था और उनके तेज से जंलधर का जन्म हुआ। जंलधर काफी ताकत वर हुआ करता था और जलंधर की पत्नी का नाम वृंदा हुआ करता था। वृंदा सदा अपना पति धर्म निभाती। जलंधर काफी शक्तिशाली था और जलंधर को परास्त करना बेहद ही मुश्किल था। तब विष्णु जी ने वृंदा का पतिव्रत धर्म खंडित कर दिया था। जिसकी वजह से शिव आसानी से जलंधर का वध कर पाए थे।

अयप्पा

अयप्पा भगवान शिव जी के पुत्र थे और इनकी पूजा दक्षिण भारत में खूब की जाती है। दक्षिण भारत के केरल में शबरीमलई में अयप्पा स्वामी का प्रसिद्ध मंदिर भी है और इस मंदिर में हर मकर संक्रांति के दौरान विशेष कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है।

भूमा

भूमा का जन्म भगवान शिव जी के पीसने से हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि एक बार भगवान शिव कैलाश पर्वत पर ध्यान लगाकर बैठे हुए थे उसी समय उनके शरीर से तीन पसीने की बूंदें पृथ्वी पर गिरीं। इन बूंदों से एक पुत्र का जन्म हुआ, जिसकी चार भुजाएं थीं। इस पुत्र का पालन पृथ्वी द्वारा किया गया था और पृथ्वी मां ने उसका नाम भूमा रखा। बड़ा होने के बाद भूमा ने मंगल काशी में पहुंचकर भगवान शिव की कड़ी तपस्या की। तपस्या से खुश होकर भगवान शिव ने भूमा को मंगल लोक सौप दिया था।

अंधक और खुजा

भगवान शिव के जो अन्य दो पुत्र हैं उनके नाम अंधक और खुजा है। भगवान शिव के इन दोनों पुत्रों का जिक्र पुराणों में मिलता है। इस तरह से भगवान शिव जी के कुल 9 संताने थी।

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