जब स्टेज पर गिर गए थे राज कपूर, तो डायरेक्टर ने कहा- ‘मेरी नजर में गधे हो तुम’
फिल्म कबीर सिंह को लेकर जारी विवाद के बीच राज कपूर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वे नरगिस को थप्पड़ मारते हुए नजर आ रहे हैं। यह वीडियो फिल्म आवारा का है, जिसे इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है। इस वीडियो के शेयर होने की वजह से राज कपूर के जीवन से जुड़े कई अन्य किस्से भी तेज़ी से वायरल होने लगे हैं। जी हां, राज कपूर ने फिल्मी दुनिया में सालों साल तक राज किया है, लेकिन उनकी निजी लाइफ के कई ऐसे किस्से हैं, जिसके बारे में उनके फैंस बहुत कम जानते हैं। तो चलिए जानते हैं कि राज कपूर की लाइफ के कुछ अनसुने किस्सों के बारे में।
1. लेटिन भाषा में होती थी पढ़ाई
बॉलीवुड के सुपरस्टार राज कपूर के स्कूल में दूसरी भाषा के रुप में लेटिन भाषा पढ़ाई जा रही थी, जिसके एग्जाम में उन्होंने लिखा था कि लेटिन एक मुर्दा भाषा है और दफनायी हुई भाषा को क्यों जगाया जाए? इसी उत्तर को देख राज कपूर को इस परीक्षा में 100 में से सिर्फ एक नंबर मिला था, जिसके बाद प्रिंसिपल ने कहा था कि मैं तुम्हारी पढ़ाई के बारे में कुछ नहीं कह सकता हूं।
2. घर आई महिला को दे बैठे थे दिल
राज कपूर को बचपन से ही खाने पीने का शौक रहा है, जिसकी वजह से जब उनके घर पर कोई मेहमान आता था, तब वे स्कूल में छुट्टी है बोल कर घर पर ही रुक जाते थे। इसी कड़ी में एक दिन कुछ मेहमानों के साथ एक महिला भी उनके घर आई, जिसे देखते ही राज कपूर को प्यार हो गया। उस दिन राज कपूर पूरे समय उसी महिला के ईर्द गिर्द घूम रहे थे और जब वह जाने लगी तो उसे बगीचे में से एक फूल तोड़ कर दिए, लेकिन इसके बाद वे उससे कभी मिल नहीं पाए पर भूला भी नहीं पाए।
3. डायरेक्टर ने प्ले से निकाला था बाहर
राज कपूर को बचपन से ही एक्टिंग का शौक था, जिसकी वजह से वे स्कूल के नाटक में भाग लेते थे। उन दिनों नाटक में भाग लेने वाले को सैंडविच, समोसा और आइसक्रीम के कूपन मिलते थे। ऐसे में एक बार उन्होंने किरदार निभाया, जिसके बाद वे बार बार बिना किरदार के भी मंच पर चढ़ जाते थे, लेकिन एक बार वे गिर गए, जिसके बाद सब हंसने लगे। इसके बाद डायरेक्टर ने उन्हें पर्दे के पीछे ले जाकर कहा कि मेरी नजर में तुम गधे हो।
4. किताब बेचकर चुकाते थे उधारी
राज कपूर को खाने का काफी शौक था, जिसकी वजह वे अलग अलग दुकानों पर जाकर उधारी में खाना खाते थे। ऐसे में जब एक दुकान पर ज्यादा उधारी हो जाती थी, तब वे दूसरी दुकान पर जाकर उधारी करते थे, लेकिन जब ज्यादा हो जाता था, तब वे अपनी किताब बेच देते थे और फिर घर पर बोलते थे कि किताब खो गई, जिसके बाद घरवाले नई किताब खरीदते थे।