महाभारत ग्रंथ: दूसरों को कष्ट देने वाले लोग कभी भी सुखी नहीं रहते है
हमारे धार्मिक ग्रंथों में कई ऐसी चीजों का जिक्र किया गया है जिनको ना करने की सलाह लोगों को दी जाती है। महाभारत के आदि पर्व में एक श्लोक के जरिए बताया गया है कि जो लोग बुरी नियत रखते हैं। उन लोगों के जीवन में हमेशा परेशानियां ही आती हैं और उन्हें जीवन में कभी-भी शुभ फल नहीं मिलता है। महाभारत के आदि पर्व के अनुसार जो लोग कड़ी मेहनत करते हैं, केवल वो ही लोग जीवन में सुखी रहे पाते हैं।
महाभारत ग्रंथ के आदिपर्व में लिखा श्लोक-
तपो न कल्को$ध्ययनं न कल्क: स्वाभाविको वेदविधिर्न कल्क:।
प्रसह्य वित्ताहरणं न कल्क-स्तान्येव भावोपहतानि कल्क:।।
इस श्लोक का अर्थ –
हमेशा भगवान की पूजा करें
महाभारत के आदिपर्व में लिखे इस श्लोक के जरिए ये बताया गया है कि इंसान को हमेशा भगवान की पूजा करनी चाहिए। जो लोग सच्चे मन से भगवान की पूजा करते हैं उन लोगों को केवल फलदायक परिणाम मिलता है। हनुमान जी की पूजा भीम ने सच्चे मन से की थी और इसी वजह से ही भीम के कहने पर हनुमान जी अर्जुन के रथ पर विराजमान हुए थे।
लगन से काम करें
इस श्लोक में आगे लिखा गया है कि जो लोग जीवन में लगन से काम करते हैं उन लोगों को उनकी मेहनत का शुभ फल मिलता है। इसलिए इंसान को अपने जीवन में कड़ी मेहनत जरूर करनी चाहिए। अर्जुन ने कड़ी मेहनत करके ही धनुर्विद्या हासिल की थी और एक महान यौद्धा बन सके थे।
औरों को कष्ट ना दें
जो लोग दूसरों को कष्ट देने की नियत से काम करते हैं उन लोगों को जीवन में केवल दुख ही मिलते हैं और उनके द्वारा किया गया हर कार्य असफल ही रहता है। इसलिए आप कभी भी जीवन में किसी को कष्ट ना दें। कौरवों ने अपने जीवन में यही भूल की थी और उन्होंने द्रौपदी का चीरहरण किया था। इस पाप के लिए उन्हें सजा मिली थी और कौरव बुरी तरह से महाभारत युद्ध को हार गए थे। द्रौपदी को कष्ट देने के कारण ही कौरवों का सर्वनाश हुआ था।
नियत हमेशा साफ रखें
हमेशा मेहनत करके ही धन कमाने की नियत रखनी चाहिए और कभी भी और लोगों से उनका धन नहीं छीनना चाहिए। कौरवों ने पांडवों से उनका राज्य छीनने की कोशिश की थी और इसी बुरी नियत के कारण कौरवों का अंत हो गया था। इसलिए आप कभी भी अन्य लोगों के धन पर बुरी नजर ना रखें और मेहनत करके ही धन कमाएं। अगर आप दूसरे लोगों के धन पर बुरी नजर रखते हैं तो आपका विनाश भी कौरवों की तरह ही होगा।
जो-जो भूल कौरवों द्वारा महाभारत में की गई है थी आप लोग अपने जीवन में वो भूल करने से बचें। क्योंकि जो लोग भगवान की पूजा नहीं करते हैं, लोगों का अपमान करते हैं, जिनकी नियत साफ नहीं होती है और दूसरे लोगों को कष्ट देते हैं। वो लोग अपने जीवन में कभी भी खुश नहीं रहे पाते हैं और उनका जीवन दुखों में ही कटता है।