मुस्लिम महिला ने ममता को जड़ा तमाचा !’ ममता बनर्जी को ऐसे दिखाई औकात!
नई दिल्ली – आप बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन को तो जानते ही होंगे अगर नहीं जानते तो बता दें कि वो वहीं लेखिका हैं जिन्हें खुद उनके देश बंग्लादेश ने निकाल दिया था और वह अब भारत में रहती हैं। शाय़द आप सोच रहे होंगे कि उन्हें बंग्लादेश ने क्यों निकाल दिया, तो आपको बता दें कि तसलीमा एक ऐसी लेखिका है जो खुद मुस्लिम होते हुए भी इस्लाम कि बुराईयों पर खुलकर लिखती और बोलती रहती हैं, जिसके कारण ही बंग्लादेश ने उनपर प्रतिबंध लगा रखा है। Controversial tweet on Islam.
इस्लाम है मानवाधिकार विरोधी –
अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाली बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने ट्विटर पर आज फिर तीन विवादित ट्वीट किए हैं। तसलीमा नसरीन ने मुसलमानों द्वारा रमजान महीने में रोजे रखने पर चुटकी ली है। इसके अलावा नसरीन ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी हमला किया है।
किसी यूज़र के ट्वीट का जवाब देते हुए तस्लीमा ने ट्वीट लिखा, “मुझे इस्लाम से डर लगता है क्योंकि इस्लाम मानवाधिकार विरोधी, महिलाधिकार विरोधी और बोलने की आजादी का विरोधी है।”
I am afraid of Islam because Islam is against human rights,women’s rights,freedom of expression. https://t.co/dLIWsJNj7G
— taslima nasreen (@taslimanasreen) June 10, 2016
अपने दुसरे ट्वीट में तसलीमा ने लिखा है कि, “मैं क्यों रोजे रखूं? मैं मूर्ख नहीं हूं।”
Why should I fast? I am not stupid. http://t.co/MkcbLu5rBQ — taslima nasreen (@taslimanasreen) June 8, 2016
अपने तीसरे ट्वीट में ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए तसलीमा ने लिखा, “क्या ममता ने रोजे रखे हैं? बस जानना चाहती हूं।”
Is Mamataji fasting? Just curious.
— taslima nasreen (@taslimanasreen) June 8, 2016
ममता को घुसपैठिए मंजूर, पर तसलीमा नसरीन से परहेज –
भारत में निर्वासित जीवन जी रही बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने आज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से पूछा है कि उन्हें अगर बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठियों की इतनी फिक्र है तो उन्हें उनकी (तसलीमा) की चिंता क्यों नहीं होती। ममता मुझे कोलकाता में रहने की अनुमति क्यों नहीं देती। तस्लीमा ने कहा कि साल 2011 में ममता बनर्जी के सीएम बनने के बाद मुझे पश्चिम बंगाल की स्थिति सुधरने की उम्मीद थी, लेकिन अब ये बातें गलत साबित हो चुकीं हैं क्योंकि ममता सिर्फ वोट की राजनीति करती हैं। ममता बैनर्जी द्वारा हाल ही में साम्प्रदायिक दंगों पर दिए गये बयान से साफतौर पर लग रहा है कि वो मुसलमानों को अपने पक्ष में करना चाहती हैं।