इन जगहों पर मोरपंख रखना होता हैं अशुभ, पीछे लग जाता हैं दुर्भाग्य
घर में सभी चीजें सुचारू रूप से चले इसलिए मकान और उसमे रखी चीजों का वास्तु बिल्कुल सही होना चाहिए. यदि चीजें वास्तु के अनुरूप नहीं होती हैं तो घर में वास्तु दोष उत्पन्न होने के चांस रहते हैं. ये वास्तु दोष घर के काम काज बिगाड़ने के लिए पर्याप्त होता हैं. इसी कड़ी में आज हम आपको कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आपको भूलकर भी मोरपंख नहीं रखना चाहिए. कई लोग अपने घरो में मोरपंख रखना पसंद करते हैं. इसे रखना शुभ माना जाता हैं. लेकिन शर्त यही हैं कि आप इसे सही स्थान पर रखे और गलत जगह पर रखने से हर हाल में बचे. वरना ये आपको लाभ देने की बजाए हानि पहुँचाने लगता हैं. मोरपंख के अंदर ढेर सारी पॉजिटिव उर्जा भरी होती हैं. यही सकारात्मक एनर्जी आपको लाभ देती हैं. हालाँकि इसे गलत स्थान पर रखने से ये उर्जा नेगेटिविटी में बदल जाती हैं. तो चलिए फिर बिना किसी देरी के इस बारे में और विस्तार से जान लेते हैं.
दक्षिण दिशा:
वास्तु के अनुसार ये एक ऐसी दिशा होती हैं जहां सबसे ज्यादा नेगेटिव एनर्जी रहती हैं. इसलिए जब आप इस दिशा में मोरपंख रखते हैं तो उसकी पॉजिटिव एनर्जी नष्ट हो जाती हैं. इतना ही नहीं फिर इस मोरपंख में नकारात्मक ऊर्जा समावित हो जाती हैं. इसके बाद इस मोरपंख को साथ में रखने पर फायदे की जगह नुकसान होने लगता हैं. इसलिए इसे दक्षिण दिशा में रखने से बचे.
शिवजी के पास:
कुछ लोग मंदिर में मोरपंख रखना पसंद करते हैं. इसे आप मंदिर में रख सकते हैं लेकिन शिवजी की उस प्रतिमा के पास ना रखे जहां नागदेवता भी विराजमान हो. मोरपख को शिवजी के समीप रखने से कोई दिक्कत नहीं हैं लेकिन शिवजी के पास जो नागदेव होते हैं उनसे इसे दूर रखना होता हैं. दरसल मोर सांप को खाने के लिए जाना जाता हैं. इन दोनों की आपस में दुश्मनी होती हैं. ऐसे में यदि आप इसे नागदेव के आसपास वाले एरिया में भी रख देंगे तो इसका उल्टा प्रभाव होगा. फिर आपके घर में भी लड़ाई झगड़े बढ़ जाएंगे. परिवार के लोगो में दुश्मनी हो जाएगी. इसलिए यदि आपके मंदिर में नागदेव की कोई भी मूर्ति या तस्वीर हैं तो उसके पास मोरपंख ना रखे.
पुरानी बेकार पड़ी किताब में
कई विद्यार्थी लोग अपनी किताब काफी में भी मोरपंख रखना पसंद करते हैं. ये यहां रखना शुभ होता हैं. इससे जो पॉजिटिव एनर्जी मिलती हैं वो बच्चों के दिमाग को तेज करती हैं. उनका पढ़ाई लिखाई में मन ज्यादा लगता हैं. हालाँकि कई बार ऐसे भी होता हैं कि एग्जाम खात्म होने के बाद हमारे कोर्स में नई किताब आ जाती हैं और हम पुरानी किताबों में से मोरपंख को निकालना भूल जाते हैं. मोरपंख को गंदगी में रखना उचित नहीं होता हैं. किताबों के पुराने हो जाने या बेकार पड़े रहने से उनमे धुल जमा होने लगती हैं. यदि घर में धुल मिटटी वाला मोरपंख हैं तो ये वास्तु दोष उत्पन्न करता हैं. इसलिए आपका मोरपंख हमेशा साफ़ सुथरा होना चाहिए.