चाणक्य नीति: महिलाओं के लिए कही गए ये 5 बातें हैं बिलकुल सत्य, जानिए चाणक्य के विचार
आचार्य चाणक्य पाटलिपुत्र (जिसे अब पटना के नाम से जाना जाता है) के महान विद्वान थे. चाणक्य को उनके न्यायप्रिय आचरण के लिए जाना जाता था. इतने बड़े साम्राज्य के मंत्री होने के बावजूद वह एक साधारण सी कुटिया में रहते थे. उनका जीवन बहुत सादा था. चाणक्य ने अपने जीवन से मिले अनुभवों को चाणक्य नीति में जगह दिया है. चाणक्य नीति में कुछ ऐसी बातें बताई गई हैं जिस पर यदि व्यक्ति अमल करे तो उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता. सफलता निश्चय उसके कदम चूमने लगेगी. यदि व्यक्ति इन बातों का प्रयोग अपने निजी जीवन में करे तो उसे कभी भी हार का सामना नहीं करना पड़ेगा. इन नीतियों में सुखी जीवन का राज छुपा है. नीतियों में बताई गई बातें आपको कड़वी लग सकती है पर हैं बिलकुल सत्य.
आज हम आपको चाणक्य की किताब चाणक्य नीति में लिखी कुछ ऐसी बातें बताएंगे जो हमारे जीवन को एक सार्थक मोड़ दे सकती है. ये बातें हमें जीवन जीने का सही रास्ता बताते हैं और बताते हैं कि जीवन में क्या करना चाहिए और क्या नहीं. कहा जाता है कि महिलाओं के स्वभाव को इंसान क्या आज तक भगवान भी नहीं समझ पाए हैं. लेकिन महिलाओं के आचरण में कुछ हद तक समानताएं देखने को मिलती है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए चाणक्य ने स्त्रियों के संबंध में भी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई हैं. आईये जानते हैं महिलाओं के प्रति चाणक्य के विचार.
आचार्य चाणक्य ने महिलाओं के लिए ये 5 बातें कहीं है
* चाणक्य के अनुसार मूर्ख शिष्य को उपदेश देने पर, चरीत्रहीन स्त्री का पालन पोषण करने पर और किसी दुखी व्यक्ति के साथ रहने पर व्यक्ति को हमेशा दुख ही प्राप्त होता है. इन लोगों के साथ रहने पर वह कभी सुखी नहीं रह सकता.
* बुरे स्वभाव, कटु वचन और चरित्रहीन महिला को छोड़ देने में ही भलाई है. ठीक इसी प्रकार किसी नीच व्यक्ति से भी किसी प्रकार का संबंध नहीं रखना चाहिए. चाणक्य के अनुसार ऐसे लोगों से संबंध रखने पर आपको ही नुकसान पहुंचता है.
* एक व्यक्ति को हमेशा अपनी जरूरत के लिए धन बचाकर रखना चाहिए और धन से भी जरूरी अपनी स्त्री की रक्षा करनी चाहिए. स्त्री भी ज्यादा जरूरी स्वयं की रक्षा करनी चाहिए. अगर पुरुष सुरक्षित होगा तभी वह अपने परिवार को सुरक्षित रख पायेगा.
* आचार्य के अनुसार यदि किसी पुरूष का पुत्र आज्ञाकारी हो और पत्नी के वश में और उसके पास धन की कमी न हो तो उस व्यक्ति का जीवन बेहद सुखद बीतता है. उस व्यक्ति का जीवन किसी स्वर्ग से कम नहीं है. ऐसे व्यक्तियों को धरती पर ही स्वर्ग नसीब होता है.
* आचार्य ने कहा है कि महिलाओं की भूख (आहार) पुरुषों से दोगुनी होती है. इसके अलावा महिलाओं में पुरूषों की तुलना शर्म और लज्जा भी चार गुना अधिक होती है. साहस की बात की जाए तो महिलाओं में पुरुषों से छ: गुना ज्यादा साहस होता है. इसलिए महिलाओं को देवी का रूप भी मानते हैं.
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