सावन 2019: 17 जुलाई से शुरू हो रहा है सावन, जानें इस सावन में क्या है खास
भगवान शिव वैसे तो सभी देवी देवताओं में सबसे भोले और बहुत जल्द ही प्रसन्न होने वाले देवों में से एक हैं, इसलिए इनकों भक्त भोले बाबा के नाम से भी पुकारते हैं। लेकिन सावन का महीना भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना माना जाता है। सावन के महीने में शिव भक्त उनकी भक्ति से ओत-प्रोत रहते हैं और उनकी भक्ति में पूर्ण रूप से डूबे रहते हैं। सावन में महीने में भोले बाबा अपने भक्तों की अरदास जल्दी सुन लेते हैं। इसलिए इस महीने को लेकर के भक्तों के मन में एक अलग श्रृद्धा और भाव रहता है।
बता दें कि इस बार सावन का महीना 17 जुलाई से शुरू होने वाला है। इस साल सावन का महीना शुभ और विशेष संयोग के साथ 17 जुलाई से शुरू होकर के 15 अगस्त तक रहेगा। इसी के साथ इस सावन के महीने में कुछ ऐसे योग बन रहे हैं जो काफी शुभ माने जा रहे हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कि यह सावन ज्योतिष और भक्ति के नजरिए से कैसा रहेगा। इस बार सावन का महीना पूरे 30 दिनों का होगा और इसमें कुल 4 सोमवार पडेंगे। इन 4 सोमवारों में 3 सोमवार में त्रियोग का संयोग बन रहा है। ज्योतिष नजरिए से इस बार हरियाली अमावस्या पर पंच महायोग का संयोग बन रहा है। ऐसा संयोग 125 वर्षों के बाद बनेगा।
इतना ही नहीं इस साल नाग पंचमी सोमवार के दिन ही पड़ रही है, जो कि काफी शुभ है। नागपंचमी और सोमवार के इस विशेष संयोग को ज्योतिष दृष्टि से काफी शुभ माना गया है। नागपंचमी और सोमवार दोनों का ही दिन भगवान शिव की आराधना के लिए श्रेष्ठ होता है। इतना ही नहीं इस बार 15 अगस्त और रक्षाबंधन भी श्रवण नक्षत्र के संयोग में मनाया जाएगा। इसी के साथ इस बार सावन के महीने का पहला दिन सूर्य के उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, वज्र और विष कुंभ योग के साथ शुरू होगा।
बता दें कि इस सावन के महीने में शुक्र ग्रह भी अस्त होगा। क्योंकि शुक्र ग्रह को सुख और ऐश्वर्य का प्रतीक माना जाता है इसलिए इन दिनों किसी भी तरह का कोई शुभ कार्य नहीं किया जा सकेगा। जिसके चलते किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जा सकेगा। सावन के महीने के बीच में एक अगस्त को पहला सिद्धि योग, दूसरा शुभ योग, तीसरा गुरु पुष्यामृत योग, चौथा सर्वार्थ सिद्धि योग और पांचवां अमृत सिद्धि योग का संयोग है। इस दिन हरियाली अमावस्या है। इस पंचयोग में पूजा करना शुभ और फलदायी माना गया है। वहीं सावन के आखिरी दिन यानि की 15 अगस्त के बाद से पंचक शुरू हो रहा है।