पुलिस गाड़ी का चालान काट दे तो आम नागरिक के पास होते हैं ये अधिकार
जिस व्यक्ति के पास भी कोई वाहन होता हैं उसे पुलिस एक ना एक बार जरूर रोकती हैं. ऐसे में कई बार आपका भी चालान कटा होगा या आप ने पैसे देकर मामला रफा दफा किया होगा. अक्सर पुलिस ये चालान ट्रैफिक नियम का उलंघन करने, सिग्नल तोड़ने, हेलमेट ना पहनने या गाड़ के जरूरी कागजात ना होने पर काटती हैं. जब आपका चालान कट जाता हैं तो जुर्माना के रूप में पैसे देने होते हैं. हालाँकि इन सबे पूर्व आपको चालन, पुलिस और आपके अधिकारों के समबन्ध में पूर्ण जानकारी होनी चाहिए.
चालान के टाइप्स
ऑन द स्पॉट चालान: इस चालान का भुगतान आप उसी समय पुलिस को पैसे देकर किया जाता हैं. इसकी आपको चालान काटने वाले से एक रसीद भी मिलती हैं.
नोटिस चालान: ये नोटिस चालान सीधा आपके घर आता हैं. इसे पुलिस तब भेजती हैं जब कोई वाहन उनके रोकने पर भी नहीं रुकता हैं. तब वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर की सहयता से इसे आपके घर भेजा जाता हैं.
कोर्ट चालान: इस चालान का भुगतान आपको कोर्ट में जाकर करना होता हैं. इसे पुलिस काटकर देती हैं.
क्यों और किसका कटता हैं चालान
आपका यह चालान पुलिस के द्वारा व्हीकल एक्ट की धारा 130 के अंतर्गत कटता हैं. इसे तब काटा जाता हैं जब वाहन का मालिक पुलिस के द्वारा मांगे गए दस्तावेज जैसे लाइसेंस, बिमा, रजिस्ट्रेशन नंबर परमिट और प्रदुषण संबंधित कागजात इत्यादि नहीं दिखा पाता हैं.
कौन काटता हैं चालान
पुलिस मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 132 के अनुसार चालान सिर्फ सब इंस्पेक्टर रेंक या उससे ऊपर का अधिकारी ही काट सकता हैं. इस पद से नीचे के व्यक्ति जैसे कांस्टेबल ओर हेड कांस्टेबल को चालान काटने का अधिकार नहीं होता हैं. एक बात और ध्यान रखे कि गाड़ी का परमिट मांगने का अधिकार सिर्फ RTO या ट्रैफिक पुलिस को ही होता हैं. थाने की पुलिस आप से गाड़ी का परमिट नहीं मांग सकती हैं.
चालान काटने पर आम नागरिक के अधिकार
चालान काटने की स्थिति में आम जनता के पास भी कुछ अधिकार होते हैं जिन्हें आपको जरूर जानना चाहिए. उदाहरण के लिए यदि कोई पुलिस आपका गलत चालान कटता हैं तो आप उसकी शिकायत लिखित में पुलिस अधीक्षक को कर सकते हैं. कई बार पुलिस वाले गाड़ी रोक उसकी चाबी निकाल लेते हैं. बता दे कि पुलिस को किसी भी वाहन को रोक उसकी चाबी निकालने का अधिकार नहीं होता हैं. इतना ही नहीं यदि कोई पुलिस आप से बत्तमीजी से बात करती हैं तो भी आप उसकी लिखिती में शिकायत कर सकते हैं. पहले आप पुलिस को इन नियमों के बारे में विनम्रता से बताए. यदि वो आपकी बात फिर भी ना माने तो आप उसकी शिकायत बड़े अधिकारी से लिखित में करे. आप चाहे तो उस दौरान विडियो या ऑडियो रिकॉर्डिंग भी कर सकते हैं. इस तरह आपको बड़े अधिकारी के सामने अपनी बात रखने में सुविधा होगी.
यदि आपको ये जानकारी अच्छी लगी तो इसे दूसरों के साथ भी शेयर करे ताकि वे भी इस समबन्ध में शिक्षित हो सके और अपने अधिकारों का सही इस्तेमाल कर सके. साथ ही इस तरह की ख़बरों के लिए हमारे साथ जुड़े रहे.