बॉलीवुड का वो महान गायक जो एक समय पर तंग आकर करने वाला था सुसाइड
बॉलीवुड में अपने गानों से लोगों के दिलों में जगह बनाने वाले सूफी गायक सरताज कैलाश खेर का 7 जुलाई को अपना जन्मदिन मना रहे हैं। बता दें कि कैलाश खेर का जन्म उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में हुआ। कैलाश के पिता पहाड़ी थे और उनको हमेशा से ही गानों में रूचि रही है। कैलाश को भी गाने का शौक बचपन से ही हो गया था। कैलाश खेर ने 4 साल की उम्र से ही गाना शुरू कर दिया था। और बचपन से ही उनकी इस प्रतिभा को लोगों ने काफी ज्यादा सराहा था।
लेकिन जब कैलाश ने गायिकी को ही अपने करियर के तौर पर चुना तो उनके सामने मुश्किलों का पहाड़ आकर खड़ा हो गया। बता दें कि कैलाश खेर ने जब गायकी को अपनी जिंदगी बनाने की ठानी तो उनके परिवार ने इसका विरोध किया लेकिन कैलाश भी कहां हार मानने वाले थे। उन्होंने 14 साल की कच्ची उम्र में संगीत के लिए अपना घर छोड़ दिया। और अपने भरण-पोषण के लिए बच्चों को संगीत की कोचिंग देने लगे और उससे मिलने वाले पैसे से अपने खाने, पढ़ाई और संगीत का खर्चा निकालते थे।
कैलाश की जिंदगी में एक दौर ऐसा भी आया जब उन्होंने अपनी जिदंगी को खत्म करने का मन बना लिया। बता दें कि साल 1999 में कैलाश के सबसे कठिन सालों में से एक रहा था। उनको अपने जीवन में उम्मीद की कोई किरण नजर नहीं आ रही थी। कैलाश ने इस साल अपने दोस्त के साथ हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट बिजनेस शुरू किया। कैलाश और उनके दोस्त को इसमें भारी नुकसान हुआ।
अंग्रेजी वेबसाइट हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक उस वक्त कैलाश ने आत्महत्या करने की कोशिश भी की थी। डिप्रेशन के चलते उन्होंने ऋषिकेश का रुख किया था। लेकिन दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने के बाद कैलाश ने साल 2001 में मुंबई जाने का फैसला किया। मुंबई में गुजारा करने के लिए कैलाश को गायकी के लिए जो भी ऑफर मिलते थे वो उसे तुरंत अपना लेते। उनके पास स्टूडियो जाने के पैसे नहीं होते थे। घिसी हुई चप्पलें पहने कर कैलाश मुंबई की गलियां छानते थे। कैलाश के लिए ये शहर नया जरूर था लेकिन संगीत के जूनून ने उन्हें इस मुश्किल दौर में हिम्मत दी।
कैलाश जिंदगी में काफी स्ट्रगल कर रहे थे, लेकिन तभी उनकी जिंदगी में बॉलीवुड डायरेक्टर राम संपत आए और उन्होंने कैलाश खेर की जिंदगी बदल कर रख दी। संपत ने कैलाश को एड जिंगल गाने को दिए। कैलाश की आवाज अलग थी और वो सभी को पसंद आई। इसके बाद तो कैलाश के पास जिंगल्स की लाइन लग गई। उन्होंनो पेप्सी से लेकर कोका-कोला जैसे बड़े ब्रैंड्स के लिए जिंगल्स गाए। लेकिन बॉलीवुड में कैलाश को काम अभी भी नहीं मिला था।
लेकिन फिर फिल्म अंदाज में कैलाश को मौका मिला। इस फिल्म में कैलाश मे ‘रब्बा इश्क न होवे’ गाना गाया था। ये गाना काफी हिट हुआ था। इसके बाद ‘वैसा भी होता है’ पार्ट 2 में कैलाश ने गाना ‘अल्लाह के बंदे’ गाया। ये गाना भी बॉक्स ऑफिस पर हिट हुआ था। इसके बाद कैलाश ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। बॉलीवुड में उन्होंने ‘रब्बा’, ‘ओ सिकंदर’ और ‘चांद सिफारिश’ जैसे गाने गाए हैं। इनमें से दो गानों के लिए कैलाश को फिल्मफेयर का बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर का अवॉर्ड भी मिल चुका है।
बता दें कि कैलाश ने हिंदी में 500 से भी ज्यादा गाने गाए हैं। सिर्फ हिंदी ही नहीं बल्कि कैलाश ने नेपाली, तमिल, तेलुगू, मलयालम, कन्नड़, बंगाली, उड़िया और उर्दू भाषा में भी गाने गाए हैं। कैलाश खेर का ‘कैलाशा’ नाम से अपना बैंड भी है जो नेशनल और इंटरनेशनल शोज करता है।