16 जुलाई को लगने वाला है चंद्र ग्रहण, इस दौरान भूलकर भी ना करें ये काम
जुलाई महीने में दूसरी बार 16-17 जुलाई को चंद्र ग्रहण लगने वाला है। बता दें कि इसके पहले 2 जुलाई को सूर्यग्रहण लगता था। हालांकि सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं दिया गया था। लेकिन 16-17 जुलाई को लगने वाला चंद्रग्रहण भारत में दिखाई देगा। भारत के अलावा यह चंद्रग्रहण यूरोप, आस्ट्रेलिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका में भी दिखाई देगा। बता दें कि भारत में यह चंद्रग्रहण तीन घंटे तक रहेगा। इसी के साथ इस चंद्रग्रहण को लेकर के कई ऐसे योग भी बन रहे हैं जो कई सालों बाद दिखाई देगा।
149 वर्षों के बाद दोबारा बनेगा ऐसा योग
बता दें कि 16-17 जुलाई को लगने वाले चंद्रग्रहण पर कुछ विशेष योग बन रहे हैं। इसके पहले ये योग 149 साल पहले लगा था। अब के पहले ये चंद्रग्रहण 149 साल गुरू पूर्णिमा पर लगा था। उस वक्त जब चंद्र ग्रहण लगा था तब चंद्रमा शनि और केतु के साथ धनु राशि में स्थित था। जबकि सूर्य राहु के साथ मिथुन राशि में स्थित था।
चंद्रग्रहण पर सूतक का समय
हिंदु मान्यता के अनुसार जब भी सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण लगता है तो सूतक शुरू हो जाता है। जब भी चंद्र ग्रहण लगने वाला होता है तो यह सूतक 12 घंटे पहले से शुरू हो जाता है। वहीं चंद्र ग्रहण लगने की स्थिति में यह सूतक 9 घंटे पहले से लगना शुरू हो जाता है। बता दें कि इस ज्योतिष गणना के आधार पर चंद्र ग्रहण का सूतक काल दोपहर 1.30 बजे से शुरू हो जाता है। बता दें कि गुरु पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण एक साथ होने पर गुरु पूजा का कार्यक्रम भी सूतक लगने से पहले तक ही होंगे।
ग्रहण के दौरान कुछ सावधानी
- बता दें कि हिंदु धर्म में ग्रहण लगने और इसके लगने से पहले होने वाले सूतक को लेकर के बहुत से नियम हैं जिनका पालन हर कोई करता है। ग्रहण के वक्त पर कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है। वैज्ञानिक और धार्मिक दृष्टिकोण दोनों से ही इन बातों को सही बताया गया है। तो चलिए आपको बताते हैं कि ग्रहण के समय पर आपको किन सावधानियों को बरतना चाहिए।
- ग्रहण के दौरान सिर पर तेल ना लगाए, इसके साथ ही खाना बनाना और खाना खाना दोनों ही काम नहीं करने चाहिए।
- ग्रहण के दौरान वायुमंडल में बैक्टीरिया और संक्रमण का प्रकोप तेजी से बढ़ जाता है। ऐसे में भोजन करने से संक्रमण अधिक होने की आशंका रहती है। इसलिए ग्रहण के दौरान भोजन खाने से बचना चाहिए।
- ग्रहण के समय पति और पत्नी को शारीरिक संबंध किसी भी कीमत पर नहीं बनाना चाहिए। इस दौरान यदि गर्भ ठहर गया तो संतान विकलांग या मानसिक रूप से विक्षिप्त तक हो सकती है।
- ग्रहण के समय कोई भी शुभ व नया कार्य शुरू नहीं करना चाहिए।