पीएफ अकाउंट मेनटेन करके कोई भी बन सकता है करोड़पति, होनी चाहिये सही स्ट्रेटेजी!
हर इन्सान एक अच्छी जिन्दगी जीना चाहता है, उसके लिये वो कमाता है, मेहनत करता है, और मेहनत की कमाई को बचा बचा कर अपने भविष्य के लिये संजोता है. ताकि जब वो काम करने लायक ना रह जाये तो अपनी बचत के दम पर अपने जीवन का अच्छे से गुजारा कर सके. इस इच्छा के पीछे इन्सान कई बार अपनी जिन्दगी उस हिसाब से नहीं जी पाता जैसी वह जीना चाहता है या फिर अपनी इच्छाओं में कटौती करते हुये अपनी बहुत सी जरूरतों को पूरा करता है लेकिन मन मारे रहता है.
आज के युग में पैसा बेहद जरूरी है, ऐसे में आप अगर ठीक ठाक सेलरी पाते हैं तो आप सही प्लानिंग और सही इन्वेस्टमेंट के जरिये अपने काम करने की उम्र ख़त्म होते होते करोड़ पति बन सकते है. लेकिन इसमें सिर्फ आपका ही नहीं आपके एम्प्लॉयर यानी कि नियोक्ता का योगदान भी जरूरी है.
हम आपको बताते हैं कि किस तरह से आप करोडपति बन सकते हैं:
अगर आप 25 साल की उम्र में 15 हजार की मासिक आय वाली नौकरी की शुरुआत करते हैं तो आप 60 साल की उम्र तक करोडपति होंगे, इतना ही नहीं आप अपनी आय को अपने हिसाब से खर्च भी कर सकेंगे.
आपको करोड़पति बनाएगा आपका पीएफ अकाउंट. एम्प्लाइज प्रोविडेंट फण्ड के नियम के तहत किसी भी कर्मचारी की बेसिक सैलरी पर 12% का पीएफ कटना अनिवार्य होता है. इसके तहत आपकी सैलरी से 12% का पीएफ कटता है और उतनी ही रकम आपका नियोक्ता आपके पीएफ खाते में जमा करता है.
ये है करोडपति बनने का हिसाब :
इस हिसाब से अगर आपने 25 साल की उम्र में नौकरी शुरू की है तो 30 साल की उम्र तक आपके पीएफ खाते में 2.15 लाख रूपये जमा होंगे. जिसपर एवरेज रिटर्न 8.65 फीसदी होगा और सामान्य नियमों के आधार पर सैलरी में 10% के सालाना इन्क्रीमेंट पर, 60 साल की उम्र में आपके खाते में 2 करोड़ रूपये होंगे जो कि आपके जीवन की एक बड़ी कमाई होगी.
आकर्षक होनी चाहिये एवरेज रिटर्न की दर :
गौर करने वाली बात यह है कि एवरेज रिटर्न की दर सरकार तय करती है. और मौजूदा नियमों के अनुसार यह दर 8.6% है. 8.5 रिटर्न को एक आकर्षक रिटर्न माना जाता है. और इतना रिटर्न कोई बैंक आपको नहीं देता.
नौकरी बदलने पर बंद नहीं होता पीएफ :
खास बात यह है कि प्रोविडेंट फण्ड में जमा करायी गई रकम आपके नौकरी छोड़ने पर आपके हाथ से जाती नहीं है. बल्कि आप अपने इस खाते को नौकरी बदलने पर अपने अगले संसथान में भी ट्रान्सफर करा सकते हैं. इससे आपकी रकम और आपकी बचत हमेशा आपके साथ रहती है. पीएफ में जमा करने पर आयकर में छूट भी मिलती है.
बीच में ना निकालें पैसा :
सबसे अहम् बात यह है कि आपको अपने पीएफ की रकम को बचा कर रखना होता है, वैसे पीएफ का मूल उद्देश्य नौकरी के बाद के जीवन को सुरक्षा प्रदान करना होता है. इसलिये अगर बहुत ज्यादा इमरजेंसी ना हो तो पीएफ की रकम को बीच में नहीं निकालना चाहिये. क्योंकि अगर आप ऐसा करेंगे तो मूल धन कम हो जायेगा और फिर रिटर्न भी कम आएगा. इसलिये कोशिश करनी चाहिये कि यह रकम रिटायरमेंट से पहले ना निकालनी पड़े तो बेहतर है.