तारा हैं धन की देवी, गुप्त नवरात्रि में इनकी पूजा करने से मिलता है जीवन में अपार धन
गुप्त नवरात्रि (gupt navratri) 3 जुलाई से शुरू हो गए हैं और गुप्त नवरात्रि (gupt navratri) के दौरान महाविद्याओं की पूजा की जाती है। इन महाविद्याओं के नाम मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी हैं। गुप्त नवरात्रि के दौरान जो लोग इन दस महाविद्याओं की पूजा करते हैं उन लोगों की हर इच्छा पूरी हो जाती है और मां से विशेष आर्शीवार्द प्राप्त होता है।
तारा देवी
दस महाविद्याओं में से एक महाविद्या मां तारा देवी हैं। तारा देवी को शास्त्रों में धन की देवी बताया गया है। शास्त्रों के अनुसार अगर गुप्त नवरात्रि में तारा देवी की पूजी की जाती है तो तारा देवी प्रसन्न होकर अपने भक्तों की झोली धन से भर देती है। इसलिए आप गुप्त नवरात्रों के दौरान तारा देवी की पूजा जरूर करें।
इस तरह से करें पूजा
तारा देवी को आद्य शक्ति भी माना जाता है और इनकी पूजा करने से हर कार्य पूर्ण हो जाता है। तारा देवी को प्रसन्न करने के लिए आप उनकी पूजा इस प्रकार से करें –
- गुप्त नवरात्रों के दौरान मां की पूजा केवल रात के समय ही की जाती है। इसलिए आप तारा देवी की पूजा रात के समय ही करें। गुप्त नवरात्रों के दौरान मां की पूजा करने का सबसे उत्तम समय रात के 10 बजे के बाद का होता है।
- आप गुप्त नवरात्रों के दूसरे दिन चौकी पर मां तारा देवी की मूर्ति या फोटो रखें और मां को लाल रंग की चीजें, जैसे चूड़ी, सिंदूर भेंट करें। लाल रंग के अलावा आप चाहें तो मां को चांदी की कोई वस्तु भी भेंट कर सकते हैं। फिर आप मां के सामने दीपक जला दें और मां को लाल रंग के फूल चढ़ा दें। तारा देवी से जुड़े मंत्रों का जाप करें।
- पूजा पूरी होने के बाद आप मां को चढ़ाए गए फूल या चांदी को उठाकर उन्हें अपनी तिजोरी में रख दें। ऐसा करने से आपकी तिरोजी सदा पैसों से भरी रहेगी और आपको जीवन में कभी भी पैसों की कमी नहीं होगी।
- इसी तरह से आप अन्य 10 महाविद्याओं की पूजा भी गुप्त नवरात्र के दौरान करें और आखिरी गुप्त नवरात्र के दिन आप कन्या को भोजन भी जरूर करवाएं।
इन नियमों का करें पालन
- गुप्त नवरात्रों के दौरान जो पूजा की जाती है वो एकदम गुप्त रखनी चाहिए। घर के सदस्यों के अलावा किसी को भी पूजा के बारे में जानकारी नहीं होनी चाहिए।
- पूजा करते समय आप जो मंत्र पढ़े वो एकदम सही होना चाहिए। इसलिए आप पूजा शुरू करने से पहले मंत्रों को एक बार जरूर पढ़ लें। ताकि पूजा करते समय आपकी और से गलत उच्चारण ना हो सके।
- पूजा खत्म होने के बाद आप पूजा का प्रसाद लोगों को जरूर बांटें।
- मां को लाल रंग की चीज पूजा के दौरान जरूर चढ़ाएं।
- गुप्त नवरात्रि (gupt navratri) के पहले दिन आप अपने घर में माता की चौकी जरूर स्थापित करें और इस चौकी के पास एक कलश भी जरूर रखें। नवरात्रि के आखिर दिन आप इस कलश में रखे पानी को पीपल के पेड़ चढ़ा दें।
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