जो लोग सही रास्ते पर चलते हैं उन्हें एक ना एक दिन कामयाबी जरूर मिलती है
एक राजा ने अपने राज्य में बच्चों के लिए एक प्रतियोगिता रखी और इस प्रतियोगिता के तहत राज्य के बच्चों को राज महल आने को कहा गया। राज्य के सभी बच्चे उत्साह के साथ राज महल पहुंचे। बच्चों को देखकर राजा ने उनसे कहा कि आप लोगों के हाथों में ही इस राज्य का भविष्य हैं। आज की प्रतियोगिता में जो बच्चा जीत जाएगा वो बड़ा होकर मेरा मंत्री बनेगा। राजा की ये बात सुनकर हर बच्चा उत्सुक हो गया। इस प्रतियोगित के तहत राजा ने हर बच्चे को एक-एक बीज दिया और कहा कि इस बीज को तुम लोग एक गमले में लगा दो। जिसके गमले में सबसे अच्छा पैधा होगा वो इस प्रतियोगिता को जीत जाएगा। तुम लोग 6 महीने बाद इस गमले को लेकर मेरे पास आना।
सभी बच्चे और उनके मां बाप खुशी-खुशी बीज अपने घर ले गए और घर जाते ही इस बीज को गमले में लगा दिया। सभी बच्चे और उनके मां बाप इस गमले में रोज पानी देने लगे और इस गमले का खूब ध्यान रखने लगे। ऐसा करते हुए तीन महीने बीत गए और सभी बच्चों के गमले में पौधा उगने लग गया। हालांकि इस गांव के एक लड़के राजू के गमले में पौधा नहीं उगा। जिसकी वजह से ये परेशान रहने लगा।
6 महीने बीत जाने के बाद गांव के सभी बच्चे अपना गमला लेकर राजा से मिलने के लिए आए। राजू भी हताशा के साथ अपना गमला लेकर राज महल पहुंचा। राज महल पहुंचने के बाद राजू ने देखा कि हर किसी के गमले में पौधा लगा हुआ है। बस उसके गमले में ही पौधा नहीं उगा है। ये देखकर राजू को काफी दुख हुआ। थोड़ी देर बाद राजा एक-एक करके इन बच्चों से मिलने लगे। बच्चों के गमलों में लगे पौधों को देखकर राजा को काफी खुशी हुई। राजा ने सभी बच्चों की तारीफ की। वहीं राजू का गमला देखकर राजा ने उसे कुछ नहीं कहा और आगे बढ़ गए।
पूरे गमले देखने के बाद राजा ने बच्चों और उनके मां-पिता से कहा, मैंने सभी गमले देख लिए हैं और इस प्रतियोगिता का विजेता राजू है। राजू का नाम सुनकर हर कोई हैरान हो गया। बच्चों के माता-पिता ने राजा से कहा, महाराज राजू के गमले में पौधा नहीं लगा है तो वो इस प्रतियोगिता को कैसे जीता सकता है ? तब महाराज ने कहा, मैने जो बीज बच्चों को दिए थे वो बीज खराब थे और उन बीजों से पौधा नहीं उगाया जा सकता था। लेकिन आप लोगों ने इस प्रतियोगित को जीतने के लिए छल-कपट किया और बीजों को बदल दिया। केवल एक राजू ही है जिसने बीज को नहीं बदला और जो बीज उसे दिया गया था उसी को अपने गमले में लगाया। इस प्रतियोगित के जरिए मैं ये देखना चाहता था कि कौन इमानदारी के साथ इस प्रतियोगित को पूरा करता है। राजू ने ये प्रतियोगिता जीत ली है और बड़े होकर वो ही मेरा मंत्री बनेगा।
कहानी की सीख – जो लोग सही रास्ते पर चलते उन्हें एक ना एक दिन कामयाबी जरूर मिलती है।