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परिवार से किया वादा निभा नहीं पाए मेजर केतन शर्मा, 3 साल की बेटी अब भी कर रही है पिता का इंतजार

देश को सुरक्षित रखने के लिए ना जाने कितने ही जवान शहीद हो जाते हैं। बता दें कि आतंकवाद को लेकर के भारत ने कई कड़े कदम उठाएं हैं लेकिन इसके बावजूद भी आतंकवाद कम नहीं हो पा रहा है। अपनी जान हथेली पर रखकर ना जाने कितने ही जवान देश की सुरक्षा करते हुए शहीद हो जाते हैं। आज हम आपको एक और ऐसे ही शहीद के बारे में बताएंगे जो देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गया। बता दें कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर आतंकवादियों से लड़ते हुए सुरक्षाबलों के जवान शहीद हुए हैं। मंगलवार को अनंतनाग में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें मेरठ के रहने वाले मेजर केतन शर्मा शहीद हो गए।

बता दें कि केतन शर्मा महज 29 साल के थे और मेरठ के रहने वाले थे। कुछ दिन पहले ही वो छुट्टी से वापस ड्यूटी पर लौटे थे और अपने परिवार से वादा करके आए थे कि वो जल्द ही घर वापस आएंगे। लेकिन केतन का देश को किया वादा तो वो पूरा कर गए लेकिन अपने घर वालों से किया वादा वो पूरा नहीं कर सके। आतंकियो से मुठभेड़ में केतन शर्मा ने अपनी जान गवां दी। मंगलवार के दिन उनका पार्थिव शरीर दिल्ली लाया गया, जहां पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उनके साथ सेना प्रमुख बिपिन रावत भी मौजूद रहे।

बता दें कि सोमवार को भारतीय सेना को अनंतनाग के एकिंगम में आतंकियों के छिपे होने की खबर मिली थी। जिसके बाद सुरक्षाबलों ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया था आतंकियों के ठिकाने पर पहुंचते ही दोनों तरफ से फायरिंग शुरू हो गई और मेजर केतन शर्मा शहीद हो गए। परिवार वालों को जैसे ही उनकी शहादत की खबर मिली पूरा परिवार शोक में डूब गया।

पांच साल पहले हुई थी शादी

बता दें कि केतन शर्मा की शादी को महज 5 साल हुए थे। उनके परिवार में माता-पिता के अलावा उनकी पत्नी और 3 साल की बेटी काइरा है। पिता, पति और बेटे के खोने के बाद से परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। हालांकि केतन की बेटी काइरा को अभी इस बात का इल्म तक नहीं है कि उसके पिता उसको हमेशा के लिए छोड़ कर चले गए हैं। बता दें कि साल 2012 में ही केतन IMA देहरादून से सेना में लेफ्टिनेंट बने थे, जिसके बाद उनकी पहली पोस्टिंग पुणे में हुई थी। दो साल पहले ही केतन को अनंतनाग भेजा गया था।

सरकार ने की परिवार की मदद

केतन मेरठ के ही कैंट इलाके में रहते थे। उनकी शहादत की खबर सुनते ही सेना के बड़े अधिकारी, कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल समेत कई स्थानीय नेता उनके घर श्रद्धांजलि देने पहुंचे.। वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी। योगी सरकार की तरफ से उनको 25 लाख रूपए की सहायता का ऐलान भी किया गया है। लेकिन क्या ये सहायता एक बेटे, पति और पिता को खोने के दुख को कभी कर सकती है। सभी लोग केतन शर्मा को मेरठ का हीरो मान रहे हैं।

बता दें कि बीते कई दिनों से जम्मू-कश्मीर में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ चल रही है। उससे कुछ दिन पहले भी अनंतनाग में हुए आतंकी हमले में पांच जवानों ने अपनी जान गंवाई थी।

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