गंगा स्नान करना होता है बेहद ही शुभ, गंगा में डूबकी लगाते ही खत्म हो जाते हैं 10 तरह के पाप
गंगा बेहद ही पवित्र नदी है और गंगा में मात्र स्नान करने से इंसान द्वारा किए गए पापों से उसे मुक्ति मिल जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार गंगा नदी का आगमन धरती पर ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को हस्त नक्षत्र में हुआ था। इसलिए हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है। गंगा दशहरे के दिन लोगों द्वारा गंगा स्नान जरूर किया जाता है। इस दिन गंगा स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और किए गए सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। इस साल गंगा दशहरा 12 जून को आ रहा है और आप इस दिन गंगा में स्नान जरूर करें।
गंगा स्नान करने से मिलती हैं पाप से मुक्ति
स्मृति ग्रंथ में दस तरह के पापों का उल्लेख किया गया है और इस ग्रंथ में इन दस तरह के पापों को तीन श्रेणी के अंदर रख गया है। स्मृति ग्रंथ के अनुसार कायिक, वाचिक और मानसिक तीन तरह के पाप होते हैं। कायिक पाप के अंतर्गत तीन पाप आते हैं जो किसी की वस्तु चुराना, हिंसा करना और परस्त्री गमन हैं। जो लोग ये पाप करते हैं उन्हें शारीरिक पाप लगता हैं। वाचिक पाप के अंतर्गत चार प्रकार के पाप आते हैं, जो कि किसी की बुराई कराना, किसी की निंदा करना, कटु बोलना और निष्प्रयोजन करना है। किसी के साथ अन्याय करना, मन में कोई गलत इच्छा रखना और असत्य कहना भी पाप माना गया है और ये तीनों पाप मानसिक श्रेणी के अंदर आते हैं।
अगर किसी इंसान द्वारा ऊपर बताए गए पाप किए गए हैं, तो वो इंसान गंगा में डूबकी लगा लें। ऐसा कहा जाता है कि गंगा में स्नान करने से इन पापों को करने की सजा नहीं मिलती है और इंसान को इन पापों के लिए भगवान से क्षमा मिल जाती है। हालांकि गंगा में स्नान करते हुए कई तरह के नियमों का पालन करना चाहिए। गंगा में स्नान करने से 5 महत्वपूर्ण नियम जोड़े हुए हैं, जो कि इस प्रकार हैं-
गंगा स्नान से जुड़े नियम
1. गंगा स्नान करने से पहले आप सामान्य जल से स्नान कर लें और फिर गंगा में डूबकी लगाएं। गंगा में तीन डूबकी लगाना शुभ होता है। इसलिए आप गंगा में कम से कम तीन डूबकियां जरूर लगाएं।
2. गंगा में स्नान करते समय आप गंगा को अशुद्धि ना करें और साबुन का इस्तेमाल बिलकुल ना करें।
3. गंगा में स्नान करने के बाद आप अपने शरीर को तौलिए से साफ ना करें और गिले शरीर को अपने आप ही सूखने दें।
4. गंगा में स्नान करते समय गंगा में किसी भी तरह के फूल या फिर पूजा का सामान ना डालें। अगर आपको कुछ भी चीज गंगा में अर्पित करनी है तो आप स्नान करने के बाद गंगा में चीजें अर्पित करें।
5. अगर आपके घर में गंगा जल है तो आप घर में ही गंगा स्नान कर सकते हैं। घर में गंगा स्नान करने हेतु आप नहाने के पानी में गंगा जल मिला दें और इस पानी से स्नान कर लें। याद रहे की आप गंगा जल मिले हुए पानी को फेंक नहीं और पूरे पानी का प्रयोग नहाने के लिए करें।