जीवन में एक बार जरुर जाएं अंडमान निकोबार यात्रा पर
अंडमान निकोबार एक बेहद ही सुंदर जगह है और इस जगह को हमारे देश के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में गिना जाता है। हर साल लाखों की संख्या में लोग अंडमान और निकोबार घूमने के लिए जाया करते हैं। अगर आप किसी ट्रिप पर जाने का प्लान कर रहे हैं तो आप अंडमान निकोबार यात्रा पर जाने का विचार कर सकते हैं। इस जगह पर आपको कई सारे खूबसूरत स्थल देखने को मिलेंगे और आप यहां पर बोटिंग का भी मजा ले सकते हैं।
572 द्वीपों का समूह है अंडमान निकोबार दीप समूह
अंडमान निकोबार द्वीप समूह कई द्वीपो का समूह है, और इस जगह पर कुल 572 द्वीप हैं। हालांकि इन 572 द्वीपों में से केवल 38 द्वीपों पर ही लोग रहा करते हैं और बाकी द्वीप घने जंगलों से घिरे हुए हैं और वहां पर कोई भी नहीं जाया करता था। अंडमान और निकोबार की राजधानी पोर्ट ब्लेयर है। इस जगह पर रहने वाले लोगों की आबादी महज 3 लाख के आसपास ही है। ये बेहद ही शांत जगह है और यहां पर आकर आपको एक अलग तरह का ही अनुभव होगा।
अंडमान निकोबार यात्रा के दौरान जरुर जाए इन जगहों पर-
बंगाल की खाड़ी में स्थित अंडमान और निकोबार चारों और से समुद्र से घिरा हुआ है और इस जगह पर कई सारे दर्शनीय स्थल मौजूद हैं। जब भी आप अंडमान और निकोबार की यात्रा पर जाएं तो इन जगहों पर जरुर घूमें।
सेलुलर जेल
सेलुलर जेल इस जगह का सबसे प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल है और इसे काला पानी के नाम से भी जाना जाता है। आजादी के समय सेलुलर जेल में कैदियों को रखा जाता था और इस जेल से हमारी आजादी का इतिहास जुड़ा हुआ है।
इस जेल को एक पर्यटक स्थल बना दिया गया है और इस जगह पर जाकर हमारे देश के स्वतंत्र सेनानियों द्वारा किए गए संघर्षों को महसूस किया जा सकता है। सेलुलर जेल में हर शाम एक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है और इस कार्यक्रम के दौरान इस जेल से जुड़ा इतिहास लोगों को बताया जाता है। सेल्यूलर जेल में एक जेल संग्रहालय भी बनाया गया है और इस संग्रहालय को देखने के लिए 30 रुपये की टिकट लगती है। इस संग्रहालय में आपको कई सारी इतिहास से जुड़ी चीजें देखने को मिलेंगी।
वंडूर बीच
वंडूर बीच पोर्ट ब्लेयर से 35 किलो मीटर की दूरी पर स्थित एक समुद्री तट है और इस जगह से बेहद ही सुंदर नजारे देखने को मिलते है। इस जगह पर जाकर आपको बेहद ही शांति महसूस होगी।
चिड़िया टापू
इस जगह पर से सूर्यास्त बेहद ही सुंदर नजर आता है और पर्यटक शाम के समय इस जगह पर जाकर सूर्यास्त जरुर देखा करते हैं। चिड़िया टापू के नाम से प्रसिद्ध इस जगह में आपको कई सारी चिड़िया और जानवर भी देखने को मिलेंगे। ये जगह पोर्ट ब्लेयर से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
माउंट हेरिएट नेशनल पार्क
इस पार्क को 1987 में बनाया गया था और इस पार्क में कई तरह के पौधों और फूल देखने को मिलते हैं। ये पार्क सुबह 7 बजे खुलता है और शाम 5 बजे बंद हो जाता है। इस जगह पर जाने के लिए टिकट भी लगती है। ये पार्क बच्चों को बेहद ही पसंद आता है।
ऊपर बताई गई जगहों के अलावा आप यहां पर स्थित लाइम स्टोन गुफाएं, गिटार द्वीप आइलैंड बीच, लक्ष्मणपुर बीच, एलीफैंट बीच और राधानगर बीच पर भी जरुर जाएं। इनके अलावा आप यहां पर जेट स्कींग, स्कूबा डाइविंग, पैरासेलिंग और स्नोरकेलिंग का आनंद भी उठा सकते हैं।
कैसे जाएं अंडमान और निकोबार द्वीप
- अंडमान निकोबार दीप समूह आसानी से पहुंचा जा सकता है और ये द्वीप वायु मार्ग से जुड़े हुआ हैं। कोलकता, चेन्नई और दिल्ली सहित कई शहरों से रोजाना विमान इस जगह जाए करते हैं।
- वायु मार्ग के अलावा इस जगह पर जल मार्ग के जरिए भी पहुंचा जा सकता है और कोलकता, चेन्नई और विशाखापत्तनम से पोर्ट ब्लेयर तक पानी के जहाज जाया करते हैं। हालांकि समुद्र के रास्ते इस जगह पर पहुंचने में 55 से 70 घंटे लग जाते हैं।
अंडमान निकोबार यात्रा का जाने का सबसे अच्छा समय
- गर्मियों के समय पर इस जगह का अधिकतर तापमान 32 डिग्री सेल्सियस तक रहता है और आप इस दौरान अंडमान और निकोबार की यात्रा में जाने का प्लान बना सकते हैं।
- सर्दियों के समय में इस जगह पर कई सारे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और इस दौरान अंडमान और निकोबार की यात्रा पर कई सारे लोग जाना पसंद करते हैं। सर्दियों के समय पर यहां पर ज्यादा ठंड भी नहीं होती है। इसलिए ये मौसम भी अंडमान और निकोबार की यात्रा पर जाने के लिए सबसे उत्तम है।
- मॉनसून सीजन के दौरान यहां पर खूब बारिश होती है। इसलिए आप इस मौसम में अंडमान और निकोबार की यात्रा पर ना जाएं।
कहां रुकें
अंडमान और निकोबार में कई सारे होटल हैं और यहां पर आपको रहने के लिए आसानी से जगह मिल जाएगी। हालांकि आप अंडमान और निकोबार की यात्रा पर जाने से पहले होटल में अपनी बुकिंग करवा कर ही जाएं। क्योंकि कई बार अधिक पर्यटक आने की वजह से होटल के कमरे खाली नहीं मिल पाते हैं।
अंडमान निकोबार द्वीप समूह से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी-
- अंडमान और निकोबार एक ऐतिहासिक स्थल है। ऐसा कहा जाता है चोल साम्राज्य काल के दौरा चोल राजा इस जगह को समुद्री अड्डा के तौर पर इस्तेमाल किया करते थे और इस जगह को मा-नक़्क़ावाराम (Ma-Nakkavaram) नाम से पुकारा करते थे। अंडमान और निकोबार का जिक्र1050 ई में लिखी गई तंजावुर शिलालेख में मिलता है।
- दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अंडमान और निकोबार पर जापना देश का कब्ज हुआ करता था। लेकिन बाद में जापान की फौज ने आत्मसमर्पण कर दिया था और इस जगह पर भारत का पूरी तरह से कब्जा हो गया था।
- द्वितीय विश्र्व-युद्ध के दौरान नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने अंडमान और निकोबार द्वीपों का नाम बदल कर शहीद और स्वराज रखा था। लेकिन वो ऐसा करने में कामयाब नहीं हो सके और ब्रिटिश सरकार ने इन द्वीपों का नाम उन्हें बदला नहीं दिया। वहीं पिछले साल ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंडमान द्वीप-समूह के रॉस द्वीप का नाम बदल कर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस द्वीप। जबकि नील द्वीप का नाम बदल कर शहीद द्वीप और हैवलॉक द्वीप का नाम बदलकर स्वराज द्वीप रखा दिया है।
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