दार्जिलिंग घूमनें जा रहे हैं तो इन जगहों पर मस्ती करने का मौंका बिल्कुल ना गवाएं
दार्जिलिंग दर्शनीय स्थल:दार्जिलिंग भारत देश के राज्य पश्चिम बंगाल का एक शहर है। यह शहर अपनी प्राकृतिक सुंदरता और चाय के लिए प्रसिद्ध है। दार्जिलिंग शब्द की उत्पत्ति तिब्बती शब्दों दोर्ज (बज्र) और लिंग (स्थान) से हुई है। जिसका अर्थ होता है बज्र का स्थान। ब्रिटिश शासन काल में ब्रिटिश यहां पर गर्मी के मौसम में गर्मी से छुटकारा पाने के लिए आते थे। इसके साथ ही दार्जिलिंग भारत के सबसे प्रसिद्ध वेकेशन स्थलों में से एक हैं। यहां पर घूमने के लिए ऐसी बहुत सी जगह हैं जो लोगों को इस स्थान पर आने के लिए प्रेरित करती हैं। कंचनजंगा पर्वत पर ट्रेकिंग से लेकर के यहां का टाइगर हिल और वैली टी गार्डन यहां की सुंदरता में चार चांद लगा देता है।
इसके अलावा दार्जिलिंग अपनी चाय के लिए प्रसिद्ध है। बता दें कि दार्जिलिंग में चाय की खेती साल 1856 से शुरू हुई थी। यहां चाय के उत्पादकों ने काली चाय और फ़र्मेन्टिंग प्रविधि का एक मिश्रण तैयार किया है जो सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। अगर आप प्राकृति प्रेमी हैं तो आप इस जगह पर घूमने का प्लान बना सकते हैं। बता दें कि हर साल देश-विदेश से सैलानी इस जगह पर पहुंचते हैं। दार्जिलिंग की हसीन वादियां, दिलकश नज़ारे, ऊँचे ऊँचे वृक्ष, ठंडी मंद मस्त हवाएँ, रंग बिरंगे फूल, उन फूलों की मदहोश करने वाली खुशबु, बर्फीली घाटियां और रूईनुमा उड़ती बर्फ का खुशनुमा एहसास आपको दार्जिलिंग की यात्रा को एक यादगार यात्रा बना देता है। और यही वजह है कि पर्यटक इस जगह पर खींचे चले आते हैं।
वैसे तो दार्जिलिंग में बहुत सी ऐसी जगहें हैं जहां पर आप जाकर प्रकृति की सुंदरता और कुदरत के करिश्में को देख सकते हैं। दार्जिलिंग के प्रमुख आकर्षक पर्यटन स्थल टाइगर हिल, घूम रॉक, संदकफू, लेबांग रेसकोर्स, बतासिया लूप, विक्टोरियम जलप्रपात, रॉक गार्डन, सेंथल झील, सिंगला, तादाख, मजितार, घूम मठ, जापानी मंदिर, लायड वनस्पति उधान, नेचुरल हिस्ट्री संग्राहलय, हिमालय पर्वतारोहण, गोरखा दुख निवारक संघ, हिमालय हिन्दी भवन, रोपवे, श्रवरि, गर्ग वर्ल्ड एम्यूज़मेंट पार्क, सुखिया पोखरी, शाक्या मठ, चाय बागान आदि हैं। लेकिन हम आज आपको अपने इस लेख में दार्जिलिंग दर्शनीय स्थल के बारे में बताएंगे जहां पर लोग घूमना पसंद करते हैं।
दार्जिलिंग के दर्शनीय स्थल
टाइगर हिल
टाइगर हिल दार्जिलिंग दर्शनीय स्थल का पहला प्रसिद्ध स्थल है। वैसे तो दार्जिलिंग में बहुत सी ऐसी जगहें हैं जो घूमने के लिए काफी अच्छी है, लेकिन टाइगर हिल की बात ही कुछ और है। दार्जिलिंग से 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है टाइगर हिल। यहां हर रोज सुबह ना जाने कितने पर्यटक यहां से सूर्योदय का नजारा देेखने के लिए आते हैं। यहां से सूर्योदय का नजारा देखते ही बनता है। टाइगर हिल पर सबसे ज्यादा मज़ा इसकी चढ़ाई करने में आता है। यहां पर आप पैदल या फिर जीप द्वारा जा सकते हैं। बता दें कि यह दार्जीलिंग की सबसे ऊंची चोटी है। इसकी ऊंचाई 8482 फीट है। इस हिल से पूरा दार्जिलिंग शहर चीटीं जैसा दिखता है।
दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे
दार्जिलिंग हिमालयी रेल जिसे “टॉय ट्रेन” के नाम से भी जाना जाता है। दार्जिलिंग दर्शनीय स्थल का दूसरा सबसे खूबसूरत स्थल दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे है। बता दें कि दार्जिलिंग में और न्यू जलपाईगुड़ी के बीच एक छोटी सी रेलवे लाइन चलती है और इस पर टॉय ट्रेन चलती है। इस रेल प्रणाली का निर्माण 1879 और 1881 के बीच किया गया था और इसकी कुल लंबाई 78 किलोमीटर (48 मील) है। बता दें कि दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे को साल 1919 में यूनेस्को की तरफ से विश्व धरोहर स्थल घोषित कर दिया गया था।
ऑब्जर्वेटरी हिल
दार्जिलिंग दर्शनीय स्थल का तीसरा और अहम स्थल है ऑब्जर्वेटरी हिल। बता दें कि ऑब्जर्वेटरी हिल दार्जिलिंग की उन फेमस जगहों में से एक हैं। बता दें कि यहां लोग इसलिए आना चाहते हैं क्योंकि यहां से कंचनजंगा पर्वत बहुत ही खूबसूरत दिखाई देता है। इसके साथ ही यहां से महाकाल के दर्शन भी किए जा सकते हैं।
सक्या मठ
सक्या मठ भी दार्जिलिंग दर्शनीय स्थल का एक खूबसूरत स्थल है। सक्या मठ सक्या संप्रदाय का एक बहुत ही पुराना और ऐतिहासिक मठ है। इसकी स्थापना साल 1915 में की गई थी। यहां पर बौद्ध भिक्षु रहते हैं। यह मठ दार्जिलिंग से लगभग 8 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।
बतासिया लूप
दार्जिलिंग दर्शनीय स्थल का बहुत ही प्रसिद्ध स्थल बतासिया लूप है। बता दें कि बतालिया लूप देखने का मजा टॉय ट्रेन में देखने से मिलता है। क्योंकि यहां से गुजरते हुए ट्रेन 360 डिग्री पर घूमती है। वहींं जब ट्रेन यहां से टर्न लेती है तो कंचनजंघा पर्वत श्रृंखला का विहंगम नजारा देखने को मिलता है। वहीं इस जगह का निर्माण आजादी से पहले स्वतंत्रता संघर्ष और विभिन्न लड़ाइयों में मारे गए लोगों को श्रद्धांजली देने के लिए किया गया था।
हैप्पी वैली टी स्टेट
वैसे तो दार्जिलिंग अपनी चाय के लिए प्रसिद्ध है ही लेकिन यह वैली टी उत्पादन के लिए फेमस है। हैप्पी वैली टी स्टेट दार्जिलिंग दर्शनीय स्थल की एक खूबसूरत वेल्ली है। यह इतना खूबसूरत है कि इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है। इस वैली में आप वर्करों को चाय की पत्तियां तोड़ते हुए देख सकते हैं, इतना ही नहीं आप यहां खुद भी चाय की पत्तियां तोड़ने का मजा भी ले सकते हैं। और साथ ही ताजा पत्तियों को चाय बनते हुए देख सकते हैं। बता दें कि यह चाय का बाग 440 एकड़ में फैला हुआ है और यह दुनिया का सबसे पुराना चाय का बागान है।
घूम
दार्जिलिंग में ही 2258 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह छोटा सा रेलवे स्टेशन है। इस स्टेशन की खास बात यह है कि भारत देश में सबसे ऊंचाई पर स्थित रेलवे स्टेशन है।
दार्जिलिंग रोपवेज
दार्जिलिंग दर्शनीय स्थल का फेमस स्थल है दार्जिलिंग रोपवेज। दार्जिलिंग में रोपवेज की शुरूआत साल 1968 में किया गया था, लेकिन बाद में इसे अक्टूबर के 2003 में बंद कर दिया गया था। लेकिन साल 2012 में एक बार फिर से रोपवेज को पर्यटकों के लिए शुरू कर दिया गया था। रोपवेज में सफर करते हुए आप दार्जिलिंग की सुंदरता का आनंद उठा सकते हैं।
जापानी मंदिर
दार्जिलिंग दर्शनीय स्थल का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण स्थल है जापानी मंदिर। बता दें कि भारत में कुल 6 शांति स्तूप हैं और यह मंदिर भी इन्हीं में से एक है। इस मंदिर का निर्माण साल 1972 में किया गया था। इसका निर्माण गांधी जी के मित्र फूजी ने विश्व में शांति लाने के लिए किया था। दार्जीलिंग का यह जापानी मंदिर एक बौद्ध मंदिर है जिसका निर्माण जापानी वास्तुशैली में किया गया है। यहाँ यह जलपहाड़ नाम के पहाड़ी पर स्थित है। यह बौद्ध भिक्षुओं का एक जाना-माना शांति स्तूप है।
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