14 साल के बच्चे ने जलती इमारत की तीसरी मंजिल से लगाई छलांग, फिर भी नहीं आई कोई चोट
बीते शुक्रवार शाम 4 बजे जब गुजरात के सूरत के तक्षशिला कॉम्प्लेक्स आग लगी और 20 मासूम बच्चों की जाने गई तो पूरा देश सदमे में आ गया. आग के समय उस बिल्डिंग में करीब 30 लोग फंसे हुए थे. सबसे ज्यादा नुकसान इस इमारत की तीसरे मंजिल को हुआ. बताया जा रहा हैं कि आग लगने के बाद वो सीढ़ियों पर भी फ़ैल गई थी जिस वजह से उपरी मंजिल पर फंसे बच्चे नीचे भाग नहीं सके. मजबूरी में कई बच्चों ने आनन फानन में तीसरे मंजिल से ही नीचे छलांग लगा ली. हालाँकि इस वजह से कुछ की जान चली गई तो कुछ गंभीर रूप से घायल हो गए. लेकिन इन सबके बीच एक ऐसा चमत्कार भी हुआ कि एक बच्चा बिना किसी चोट के सही सलामत बच गया. आपको जान हैरानी होगी कि इस बच्चे ने तीसरी मंजिल से छलांग लगाई लेकिन फिर भी इसकी बॉडी पर कोई खरोच तक नहीं आई.
दरअसल तक्षशिला कॉम्प्लेक्स की तीसरी मंजिल पर एक आर्ट से संबंधित कोचंग क्लास चलती हैं. शुक्रवार के दिन इस इमारत के पास लगे इलेक्ट्रिक पोल में शार्ट सर्किट की वजह से आग लगी गई. इस खंबे के पास ही दो मोटरसाइकिल भी खड़ी थी जिसने आग पकड़ ली. एक में तो ब्लास्ट तक हो गया. इसी वजह से ये आग फैलते हुए इमारत में जा पहुंची. उधर कोचिंग सेंटर में पढ़ रहे बच्चों की क्लास में जब धुंआ आया तो शुरुआत में उन्हें लगा कि कोई पेपर जला रहा हैं लेकिन इसके पहले कि वो पूरा मामला समझ पाते आग ने भयानक रूप ले लिया था. चुकी तीसरी इमारत की सीढियां लकड़ी से बनी हुई थी इसलिए उसमे भी आग लग गई. ऐसे में बच्चे और एक टीचर वहीँ ऊपर फंस गए. इसी जद्दोजहद से बचने के चक्कर में मासूम बच्चों ने बिल्डिंग पर से ही छलांग लगाना शुरू कर दिया. इस प्रक्रिया में जमीन पर गिरने से किसी की जान चली गई तो किसी के हाथ पैर टूट गए.
लेकिन इन सब में 14 साल का राम जब तीसरी मंजिल से कूदा तो उसे कुछ भी नही हुआ. दरअसल राम जब नीचे कूदा तो कुछ लोगो ने उसे आने हाथो में झेल लिया था इस वजह से उसे कोई भी चोट नहीं आई और उसकी जान बच गई. राम के पास दो रस्ते थे या तो वो वहीँ ऊपर रहता और आग की लपेट में आ जाता या फिर रिस्क लेकर नीचे कूद जाता. ऐसे में उसने दूसरा रास्ता चुना. हालाँकि इस हादसे के शिकार 20 बच्चों की किस्मत इतनी अच्छी नहीं थी. स्थानीय लोगो का कहना हैं कि फायरडिपार्ट वहां मौके पर मौजूद था लेकिन फिर भी बच्चों की जान ना बचा पाया. उनकी गाड़ी की सीढ़ी ही छोटी पड़ गई थी और साथ ही उनके टेंकर में पर्याप्त पानी भी नहीं था.
बता दे कि सभी बच्चे ऊपर से नीचे नहीं कूदे थे कुछ लोग मंजिल में अंदर ही रह गए थे लेकिन उनकी धुंए से दम घुटने या आग की चपेट में आने से जान चली गई. साथ ही ये भी बताया जा रहा हैं कि उस बिल्डिंग की तीसरी मंजिल अवैध रूप से बनाई गई थी और वहां आग से बचने के लिए कोई सेफ्टी संसाधन भी नहीं थे.