जानें क्यों पूजा के दौरान किया जाता है कुमकुम का इस्तेमाल, होते हैं ये सारे फायदे
कुमकुम को काफी शुभ माना जाता है और किसी भी पूजा या हवन में कुमकुम का प्रयोग अवश्य ही किया जाता है। पूजा के दौरान कुमकुम से भगवान को तिलक लगाया जाता है और अपने माथे पर भी कुमकुम जरूर लगाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि कुमकुम के बिना कोई भी पूजा सफल नहीं होती है। लेकिन कुमकुम का इस्तेमाल पूजा के दौरान क्यों किया जाता है। इसके बारे में बेहद ही कम लोगों को जानकारी होती है।
आखिर क्यों पूजा के दौरान किया जाता है कुमकुम का इस्तेमाल
सौभाग्य से जुड़ा होता है
कुमकुम को सौभाग्य से जोड़कर देखा जाता है और ऐसा माना जाता है कि पूजा के दौरान इसका प्रयोग करने से भगवान का विशेष आशीर्वाद मिलता है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
बढ़ती है सकारात्मक ऊर्जा
सूर्य देव को अर्घ्य देने के समय अगर तांबे के लोटे पर कुमकुम को लगाया जाए तो सारे दुख दूर हो जाते हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है। इसलिए आप रोज तांबे के लोटे पर कुमकुम लगाकर सूर्य को जल जरूर अर्पित करें।
उत्साह से जुड़ा होता है
कुमकुम का रंग लाल होता है और ये रंग उत्साह, उमंग और साहस से जुड़ा होता है। इसलिए पूजा के समय कुमकुम का इस्तेमाल किया जाता है कि ताकि जीवन हमेशा उमंग और उत्साह बनी रहे और हर परेशानी जीवन से दूर रहे।
बढ़ता है आत्मविश्वास
पूजा करने के बाद कुमकुम को माथे पर लगाने से भगवान का आशीर्वाद मिलता है और ऐसा होने से इंसान के अंदर आत्मविश्वास बढ़ता है। इसलिए पूजा के दौरान आप कुमकुम को माथे पर जरूर लगाएं।
मन की एकाग्रता होता है
कुमकुम के साथ वैज्ञानिक महत्व भी जुड़ा हुए है और वैज्ञान के अनुसार माथे पर कुमकुम लगाने से मन की एकाग्रता बढ़ती है। वैज्ञानिकों के अनुसार माथे पर कुमकुम लगाने से इंसान का दिमाग शांत रहता है और उसका मन एकाग्र बना रहता है।
होता है पापों का नाश
कुमकुम से जुड़ी धार्मिक मान्यता के अनुसार इसका तिलक लगाने से पापों का नाश होता है। इसके अलावा कुमकुम इंसान की रक्षा कई तरह के संकटों से करता है और यहीं वजह है कि औरतें अपने माथे पर कुमकुम को लगाती हैं, ताकि उनके पति और परिवार की रक्षा हर संकट से हो।
होते हैं ग्रह शांत
लाल रंग को काफी प्रभावशाली माना जाता है और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन लोगों के ग्रह भारी होते हैं अगर वो अपने माथे पर तिलक को लगा लें तो उनके ग्रह शांत हो जाते हैं। इसलिए अगर आपके ग्रहों की चाल उलटी दिशा में चल रही है, तो आप रोज सुबह स्नान कर पूजा करें और पूजा करने के बाद अपने माथे पर लाल कुमकुम लगा लें।
रखे इस बात का ध्यान
किसी भी पूजा की शुरुआत करने से पहले कुमकुम भगवान को लगाया जाता है। लेकिन शिव भगवान की पूजा करते समय कुमकुम का प्रयोग बिलकुल भी नहीं करें। क्योंकि शिव जी को कुमकुम चढ़ाना हमारे धर्म में निषेध है माना गया है और ऐसा कहा जाता है कि जो सुहागन औरतें शिव जी को कुमकुम चढ़ाती हैं उनके पति की आयु कम हो जाती है।