नए कैबिनेट मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं ये नए चेहरे, अमित शाह को दी जा सकती है ये जिम्मेदारी
17वीं लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए लगातार दूसरी बार बीजेपी केंद्र की सत्ता पर काबिज हुई। प्रचंड बहुमत के बाद अब नई सरकार का गठन होगा, जिसके लिए नरेंद्र मोदी 30 मई को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। जी हां, नरेंद्र मोदी के शपथ लेने के बाद एनडीए-2 का कार्यकाल शुरु हो जाएगा और फिर अगले पांच सालों तक देश की बागडोर एनडीए के हाथों में ही रहेगी। चुनावी नतीज़ों से गदगद बीजेपी अब नए मंत्रिमंडल पर विचार विमर्श कर रही है, जिसकी औपचारिक घोषणा जल्द ही हो जाएगी। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?
शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सामूहिक इस्तीफा सौंपा, जिसमें पिछले कैबिनेट मंत्रियों के भी इस्तीफा शामिल है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस्तीफे को स्वीकार करते हुए नरेंद्र मोदी से नई सरकार के गठन होने तक पद पर बने रहने का आग्रह भी किया है, जिसमें उन्होंने स्वीकार कर लिया है। नरेंद्र मोदी 30 मई को एक बार फिर से भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे और एक नया इतिहास रचेंगे। शपथ ग्रहण समारोह के बाद नरेंद्र मोदी अपने कैबिनेट मंत्रियों की घोषणा भी कर सकते हैं, लेकिन फिलहाल सबकी नज़रे नए कैबिनेट पर ही टिकी हुई है।
अमित शाह हो सकते हैं कैबिनेट में शामिल
अमित शाह ने पहली बार लोकसभा का चुनाव न सिर्फ लड़ा, बल्कि भारी मतों से जीत हासिल की। अमित शाह की शानदार जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें कैबिनेट मंत्री बना सकते हैं। माना जा रहा है कि अमित शाह को 17वीं लोकसभा में कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। मतलब साफ है कि अमित शाह को कोई मंत्रिमंडल दिया जा सकता है, जिसमें वे देश की सेवा कर सके। इतना ही नहीं, अमित शाह समेत कई ऐसे दिग्गज नेता हैं, जिन्हें इस बार कैबिनेट में जगह मिल सकती है। इन सबके अलावा इस बार की कैबिनेट में जदयू और शिवसेना के नेताओं को भी जगह दी जा सकती है।
कैबिनेट में दिखेंगे कई पुराने चेहरे
जहां एक तरफ कई नेताओं की छुट्टी होने की खबर सामने आ रही है, तो वहीं कुछ ऐसे नेता हैं, जो आपको इस बार भी कैबिनेट में दिखेंगें। इन नेताओं में राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल, नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रकाश जावड़ेकर और स्मृति ईरानी का नाम शामिल है। इतना ही नहीं, निर्मला सीतारमण को भी मुख्य भूमिका में रखा जा सकता है या फिर उन्हें एक बार फिर से रक्षमंत्रालय की जिम्मेदारी ही मिल सकती है।
इन नेताओं की हो सकती है कैबिनेट से छुट्टी
एनडीए-2 में जहां एक तरफ कुछ नए चेहरे को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है, तो वहीं दूसरी तरफ पुराने चेहरे को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। बता दें कि अरुण जेटली और सुषमा स्वराज की तबीयत पिछले कुछ सालों से ठीक नहीं है, जिसकी वजह से दोनों ने इस बार चुनाव नहीं लड़ा। सूत्रों की माने तो इस बार कैबिनेट मंत्रिमंडल में अरुण जेटली और सुषमा स्वराज नहीं हो सकते हैं। हालांकि, इस खबर की कोई पुष्टि नहीं है, लेकिन जब चुनाव के दौरान दोनों से पूछा गया तो दोनों ने ही इस पर कोई जवाब नहीं दिया था।