न्यूज़ट्रेंड वेब डेस्क: लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे आने के बाद से साफ हो गया है कि एक बार फिर से जनता ने मोदी को सत्ता की कमान संभालते हुए उन पर पूरा भरोसा किया है। बता दें कि सत्ता का ऊंट किस तरफ करवट लेता है इस बात का अंदाजा किसी को नहीं होता है। विधानसभा चुनावों की बात करें तो जिस तरह के मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे राज्यों जिन्हें भाजपा का गढ़ माना जाता है वहां पर कांग्रेस ने अपनी जीत हासिल की थी।
उन तीन राज्यों में भाजपा को पछाड़ आगे निकली कांग्रेस पार्टी को लोकसभा चुनाव में भी ऐसे ही नतीजों की आशा थी लेकिन हुआ कुछ और ही। बता दें कि इस बार लोकसभा चुनाव में विपक्ष के सभी दांव फेल होते दिखाई दिए हैं। बता दें कि इस बार कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले कई क्षेत्रों से भाजपा ने जीत हासिल की है। जी हां हम बात कर रहे हैं कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले अमेठी की जहां से कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव लड़ रहे थे। और उनके विपक्ष में खड़ी थी भाजपा मंत्री स्मृति ईरानी।
अमेठी में राहुल गांधी के प्रचार के लिए कांग्रेस ने एड़ी से चोटी तक का जोर लगा दिया था, यहां तक की खुद प्रियंका गांधी भी राहुल का कैंपेन करने के लिए अमेठी पहुंची थी, लेकिन इस बार अमेठी की जनता ने उनकी अपील को खारिज कर दिया और जहां पर बीते कई सालों से कांग्रेस का राज था अब वहां पर भाजपा की स्मृति ईरानी अपना परचम लहराने में कामयाब रही हैं। और राहुल गांधी को उनके ही गढ़ से हरा कर अपनी जीत दर्ज कराई है।
बात करें स्मृति ईरानी की तो टीवी जगत से राजनीति में कदम रखने वाली और इतना फेमस होने वाली स्मृति का जन्म 23 मार्च 1976 को दिल्ली में हुआ था। स्मृति ईरानी तीन बहनें थी जिसमें सबसे बड़ी वो खुद थी। स्मृति ने 12 क्लास के बाद स्कूल ऑफ लर्निंग (पत्राचार), दिल्ली विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया था। गौरतलब है कि जब केंद्र में उन्हें मानव संसाधन मंत्री बनाया गया, तब उनकी शिक्षा को लेकर काफी विवाद हुआ था।
करियर
बता दें कि स्मृति ईरानी ने मॉडलिंग से अपने करियर की शुरूआत की थी, लेकिन इसके पहले वो एक फेमस रेस्टोरेंट में बतौर वेटरेस काम करती थीं। जिसके बाद उन्होंने सौंदर्य प्रसाधनों में एडवरटाइज करना शुरू किया और फिर मिस इंडिया कॉम्पिटिशन में भी हिस्सा लिया। साल 1998 में स्मृति ईरानी मिस इंडिया पेजेंट के फाइनलिस्ट में अपनी जगह बनाई। और उसी साल वो फेमस सिंगर मीका सिंह के एल्बम ‘सावन में लग गई आग’ के गाने ‘बोलियां’ में परफॉर्म करती नजर आईं।
जिसके बाद स्मृति को टीवी सीरियल में काम करने का मौका मिला। स्मृति ईरानी को टीवी जगत में पहचान भले ही सीरियल क्योंकि सांस भी कभी बहूं से मिली हो लेकिन इसके पहले स्मृति साल 2000 में सीरियल ‘आतिश’ और ‘हम हैं कल आज और कल’ जैसे सीरियलों में भी काम कर चुकी थीं। लेकिन एकता कपूर के सीरियल क्योंकि सास भी कभी बहूं ने उनको जिस मुकाम पर पहुंचाया और टीवी जगत में तुलसी वीरानी के नाम से फेमस कर दिया। हालांकि इस रोल के लिए पहले स्मृति ईरानी को रिजेक्ट किया जा चुका था।
स्मृति ने यह खुलासा करते हुए बताया था कि, ‘मैं 20 साल तक टीवी से जुड़ी रही। इसने मुझे इंडियन पॉलिटिक्स में आने का प्लेटफॉर्म दिया और मैं इसके लिए हमेशा टीवी की आभारी रहूंगी। इसके अलावा, एकता कपूर ने मुझे बहुत सपोर्ट किया है। कई लड़कियों के साथ जब मैं उनके यहां ऑडिशन देने गई थी तो मैं टीवी के लिए फिट नहीं थी। टीम के रिजेक्ट करने के बावजूद एकता ने मुझे शो के लिए सेलेक्ट किया।
बता दें कि स्मृति ईरानी को इस सीरियल में तुलसी के रोल के लिए 5 इंडियन टेलीविजन एकेडमी अवॉर्ड्स, 4 इंडियन टेली अवॉर्ड्स और 8 स्टार परिवार अवॉर्ड्स मिले। इस सीरियल के अलावा स्मृति ने 2001 में पौराणिक सीरियल ‘रामायण’ में सीता का किरदार भी निभाया था। उन्होंने ‘विरुद्ध’ ‘तीन बहुरानियां’ और ‘एक थी नायिका’ जैसे कई सीरियल्स में भी अभिनय किया।
वैवाहिक जीवन
बता दें कि स्मृति ईरानी ने साल 2001 में पारसी एंटरप्रेन्योर जुबिन ईरानी से शादी कर ली। शायद ही उनके बारे में ये बात कोई जानता हो कि जुबिन पहले से शादी शुदा थे। उनकी शादी मोना नाम की एक महिला से हुई थी और स्मृति और मोना पहले से दोस्त थीं। लेकिन जब जुबिन मोना से अलग हुए तो उन्होंने स्मृति ईरानी से दूसरी शादी की। जुबिन और स्मृति ईरानी के दो बच्चे एक बेटा और एक बेटी है।
राजनीतिक करियर
स्मृति ईरानी ने साल 2003 में भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की थी और इसके अगले ही साल उन्हें महाराष्ट्र की यूथ विंग का वाइस प्रेसिडेंट बना दिया गया। स्मृति ईरानी मोदी सरकार में मानव संसाधन और विकास मंत्री रह चुकी हैं और फिलहाल, सूचना और प्रसारण मंत्रालय संभाल रही हैं। बता दें कि साल 2014 में भी स्मृति ईरानी ने राहुल के खिलाफ अमेठी से चुनाव लड़ा था लेकिन उसमें वो हार गई थीं। लेकिन साल 2019 में हुए चुनाव में राहुल गांधी को हराकर स्मृति ईरानी ने जीत हासिल की है।