Election Result 2019 : मोदी तूफान में उड़ गए कांग्रेस के 9 पूर्व सीएम, इन्हें मिली तगड़ी हार
लोकसभा चुनाव 2019 खत्म हुए और इसी के साथ देश को नये प्रधानमंत्री भी मिले जिसे देश ने पूर्ण बहुमत के साथ विजय कराया है. 23 मई को मतदान गणना में बीजेपी को 345+ पार होने के बाद बीजेपी प्रशंसकों में खुशी की लहर दौड़ गई और सभी इस जश्न को मना रहे हैं. मोदी लहर देखने को मिली और ज्यादातर लोग मोदी की एक बार फिर सरकार बनने से खुश हैं. मोदी लहर पर सवार भारतीय जनता पार्टी ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव के नतीजों में प्रचंड बहुमत हासिल की. मोदी तूफान में उड़ गए कांग्रेस के 9 पूर्व सीएम, इनमें से कई दिगग्ज नेता भी हैं जिन्हें जनता ने बता दिया कि वे देश के लिए क्या हैं.
मोदी तूफान में उड़ गए कांग्रेस के 9 पूर्व सीएम
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सभी कोशिशें नाकाम साबित हुई हैं और साल 2014 की तरह एक बार फिर कांग्रेस को करारी हार मिली है. इसके साथ ही लोकसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस की हालत ऐसी है कि 9 पूर्व मुख्यमंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा. इनमें पहला नाम है मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का भी है चलिए बताते हैं और दूसरे पूर्व मुख्यमंत्रियों के नाम..
दिग्विजय की हार
कांग्रेस के कदावर नेता दिग्विजय सिंह ने मालेगांव बम विस्फोट की आरोपी और भाजपा की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह के खिलाफ खड़े थे. इस जंग में प्रज्ञा ने सिंह को 3,64,822 मतों के भारी अंतर से पराजित कर प्रतिष्ठापूर्ण चुनाव में जीत दर्ज की है. दिग्विजय सिंह को 35 फीसदी वोट मिले और प्रज्ञा सिंह ठाकुर को 61 फीसदी वोट मिले. पूरे देश की निगाहें इस चुनाव पर थी. निर्वाचन आयोग की आधिकारिक घोषणा के अनुसार भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा सिंह ठाकुर को कुल 8,66,482 वोट मिले जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के दिग्विजय सिंह को 5,01,660 मत मिले. भोपाल लोकसभा सीट पर नोटा सहित कुल 31 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे और 5,430 मतदाताओं ने नोटा को पसंद किया.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा
भगवा पार्टी ने राज्य में 10 सीटों में 8 सीटें हासिल की हैं, वहीं एक सीट आईएनएलडी के खाते में गई है. बाकी बची एक सीट पर कांग्रेस आगे है. मोदी लहर में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सीट भी नहीं बच पाई. सोनीपत में उन्हें भाजपा के निवर्तमान सांसद रमेश चंद्र कौशिक ने 1,64,864 मतों के अंतर से हारा दिया. 2014 में भाजपा ने 8 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसमें से 7 पर जीत हासिल की थी. आईएनएलडी ने 2 सीटें और कांग्रेस 1 सीट पर विजयी रही थी.
हरीश रावत
भाजपा ने उत्तराखंड में साल 2014 आम चुनावों के अपने शानदार प्रदर्शन को फिर दोहराया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के कारण पांचों सीटों पर इस बार और अधिक मतों के अंतर से अपने चिर प्रतिद्वंदी कांग्रेस को मात दे दी. सभी सीटों पर कब्जा बरकरार रखने के साथ ही भाजपा ऐसा करने वाली प्रदेश की एकमात्र राजनीतिक पार्टी बन गई है. प्रदेश के इतिहास में आज तक कोई भी राजनीतिक पार्टी लगातार दो आम चुनावों में जीत नहीं दोहरा पाई. उधमसिंह नगर-नैनीताल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भटट अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को 3,39,096 मतों से हराया. भटट को 772195 मत मिले जबकि रावत को 433099 वोट्स से ही संतोष करना पड़ा.
अशोक चौहाण
महाराष्ट्र में भी कांग्रेस को बड़ा झटका लगा क्योंकि यहां के नांदेड लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अशोक चव्हाण को भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार प्रताप चिकलीकर ने 40,148 मतों के अंतर से हरा दिया है. सत्ताधारी गठबंधन ने 2014 के चुनाव में 42 सीटें जीती थीं. कांग्रेस ने 2014 के आम चुनाव में 2 सीटें जीत हासिल की थी.
सुशील कुमार शिंदे
महाराष्ट्र की सोलापुर सीट पर कांग्रेस के एक नेता और पूर्व मुख्यमंत्री को हार का सामना करना पड़ा. इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भाजपा नेता जयसिद्धेश्वर स्वामी के खिलाफ ताल ठोका था लेकिन उन्हें 1,58,608 मतों के अंतर से हारना पड़ा.
मुकुल संगमा
मेघालय की तुरा सीट से नेशनल पीपल्स पार्टी की अगाथा संगमा ने कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा को 64030 वोटों से हरा दिया. इस सीट से कुल 3 उम्मीदवार थे. कॉनरॉड के. संगमा के मुख्यमंत्री बनने के बाद नेशनल पीपुल्स पार्टी की ओर से अगाथा के संगमा मैदान में थे, जबकि कांग्रेस की ओर से डॉक्टर मुकुल संगमा और भारतीय जनता पार्टी की ओर से रिकमैन गैरी मोमीन भी इस रेस में थे.
वीरप्पा मोइली
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एम वीरप्पा मोइली को भाजपा उम्मीदवार बी एन बाचे गौड़ा ने चिकबल्लापुर सीट पर 1,82,110 मतों से हरा दिया. गौड़ा को 7,45,912 जबकि मोइली को 5,63,802 वोट मिले थे. पूर्व केंद्रीय मंत्री मोइली राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद(से) गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार थे. जैसा कि सभी जानते हैं गौड़ा 2014 के लोकसभा चुनाव में मोइली से करीब 9,500 मतों के अंतर से हारे थे. मोइली 1992-94 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे हैं.