सत्ता में मोदी की वापसी के बाद सहम गया है पाकिस्तान, कर रहा है बातचीत की उम्मीद
न्यूज़ट्रेंड वेब डेस्क: आज पूरे भारत में लोकसभा चुनाव 2019 की चुनावी प्रक्रिया और मतदानों की गिनती बस खत्म ही होने वाली हैं। अभी तक आए रूझानों और कई राज्यों से आए नतीजों से साफ हो गया है कि इस बार भी पूरे देश में मोदी सरकार का डंका बजा है और एक बार फिर से बारी बहुमत के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरे कार्यकाल के लिए सत्ता में वापसी करेंगे। बता दें कि भारत में हुए इन लोकसभा चुनावों के नतीजों पर सिर्फ भारत के लोगों की ही नहीं बल्कि दुनिया के और भी कई शक्तिशाली देशों की नजरें भी टिकी हुई हैं। लेकिन एक ऐसा भी देश है जिसने पूरी चुनाव प्रक्रिया और नतीजों पर खास तौर से निगाह रखी है और वह है पाकिस्तान।
बता दें कि एग्जिट पोल के नतीजे आने के बाद से ही पाकिस्तान में भारत के चुनावों को लेकर के अलग-अलग चर्चाएं तो हो ही रही थीं। साथ ही वहीं बैठे लोग कयास भी लगा रहे थे। आज 23 मई को चुनाव के नतीजे आने के पहले ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पहले ही नरेंद्र मोदी की वापसी की संभावना पर सकारात्मक रुख जाहिर किया था। प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक चौंकाने वाले बयान में नरेंद्र मोदी के फिर से पीएम बनने की हालत में भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत को लेकर सकारात्मक उम्मीद जताई। उनका मानना है कि बीजेपी मजबूत और कड़े फैसले लेने में सक्षम होगी।
बता दें कि नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद से पाकिस्तान दो बार गहरी चोट खा चुका है। इतने सालों से आतंकवाद को कम करने को लेकर के केवल चर्चाएं और बातचीत ही होती थी, लेकिन मोदी के आने के बाद से आतंकवाद को खत्म करने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक की गई, यहां तक की दूसरे देशों ने भी पाकिस्तान पर आतंकवाद को खत्म करने के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया। पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए हमलों के बाद पाकिस्तान पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से पाकिस्तान भी सख्ते में आ गया था।
वहीं भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान से बातचीत कर समझौता करने के लिए मना कर दिया था और उनसे एक्शन की मांग की थी। वहीं इन लोकसभा चुनावों के बाद पाकिस्तान को उम्मीद थी कि नई सरकार बनने के बाद वह भारत को नए सिरे से बातचीत के लिए आमंत्रित करेगा।विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का मानना है कि नई सरकार बनते ही जितनी जल्दी संभव हो, भारत को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। कुरैशी ने कहा, ‘क्षेत्र की शांति के लिए, भारतीय आम चुनाव के बाद नई सरकार बनते ही हम उन्हें पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए आमंत्रित कर रहे हैं।’
वहीं मोदी के वापस में सत्ता में वापसी के बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को भी झटका लग सकता है। मोदी के वापस से सत्ता में आने के बाद साफ हो गया है कि अब पाकिस्तान के लिए चुनौती और बढ़ गई है। जब तक मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं तो किसी भी आतंकवादी घटना के बाद पाकिस्तान को बालाकोट जैसी एयरस्ट्राइक के लिए खुद को तैयार रखना पड़ेगा। प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक हाई लेवल मीटिंग की जिसमें नेशनल सिक्योरिटी कमेटी, सेनाओं के प्रमुख, सुरक्षा एजेंसी और इंटेलीजेंस के अधिकारी शामिल थे। इस मीटिंग का मुख्य मुद्दा था कि भारत में चुनाव के बाद नतीजे क्या होंगे और इसका पाकिस्तान पर क्या प्रभाव पड़ेगा, खासकर नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद क्या असर होगा। बता दें कि इमरान खान ने ट्वीट करके प्रधानमंत्री मोदी को उनकी जीत की बधाई दी है। और आगे शांति से बात कर साथ काम करने की बात भी कही है।
I congratulate Prime Minister Modi on the electoral victory of BJP and allies. Look forward to working with him for peace, progress and prosperity in South Asia
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) May 23, 2019
क्या थी बालाकोट एयर स्ट्राइक
बता दें कि आतंकवादियों ने सीआरपीएफ के एक काफिले पर पुलवामा में हमला कर दिया था जिसमें हमारे देश के 42 जवान शहीद हो गए थे। पुलवामा में शहीद हुए जवानों को लेकर जहां लोगों के आंखों में आंसू थे, तो वहीं इस कायराने हमले को लेकर काफी ज्यादा गुस्से का माहौल भी थी। देश भर में इस कायराने हमले की निंदा हो रही थी। तब पीएम मोदी से लेकर आम नागरिक तक इस कायरने हमले से काफी गुस्से में था। पीएम मोदी ने इस दुखद हमले पर बयान जारी देते हुए कहा कि सेना को खुली छूट दी थी जिसके बाद वायुसेना ने पाकिस्तान के बालकोट पर एयरस्ट्राइक के जरिए पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी कैंपो को नस्तोनाबूत कर दिया था।
बता दें कि मोदी के इस कदम का फायदा उनको लोकसभा चुनावों में भी देखने को मिला है और एक बार फिर से वो सत्ता में वापस आ गए हैं। जिसके बाद आने वाले वक्त में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के सामने कुछ बड़ी चुनौतियां आ सकती हैं। बता दें कि मोदी ने पाकिस्तान से किसी भी तरह की बातचीत और समझौते के लिए साफ इंकार कर दिया था यहां कर की किर्गिस्तान में संघाई कोऑपरेशन आर्गेनाइजेशन की बैठक हुई तो भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से मिलने पर गर्मजोशी दिखाने की जगह बेरुखी दिखाई। सुषमा स्वराज ने न सिर्फ कुरैशी के बगल में खड़े होने से मना कर दिया, बल्कि उनके साथ बैठने से भी मना कर दिया था। हालांकि बाद में दोनों के बीच बातचीतत हुई थी।