इन वजहों से लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्ठान के वोटरों ने नहीं दिया कांग्रेस का साथ
न्यूज़ट्रेंड वेब डेस्क: लोकसभा चुनाव 2019 के रिजल्ट आज यानि की 23 मई को आने वाले हैं। बता दें कि अब तक आए रूझानों के अनुसार देश के कई हिस्सों में भाजपा की बढ़त आगे रही है और अपनी जीत का परचम लहरा चुकी हैं। बता दें कि आज से 6 महीने पहले जब लोकसभा चुनाव में तीन राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने जीत हासिल करके लोगों को चौंका दिया और उसके बाद से माना जा रहा था कि लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस का दबदबा कायम रहेगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। कांग्रेस पार्टी को उम्मीद थी की राज्यसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव में भी वो जीत हासिल करेंगी। लेकिन लोकसभी चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस को झटका लगा है।
बता दें कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की 65 लोकसभा सीटों में महज 3 सीटों पर ही जीत हासिल करती हुई दिखाई दे रही है। जहां छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को 2 सीटें मिलती दिख रही हैं तो वहीं मध्य प्रदेश में एक सीट पर ही कांग्रेस को बढ़त मिली है. जबकि, राजस्थान में अभी तक कांग्रेस को कोई सीट मिलती नहीं दिख रही है।
कांग्रेस की शिकस्त के बाद राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कांग्रेस की इन राज्यों हार के कई कारण है। जिसमें पहला तो यह कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में रोजगार, किसान, सड़क जैसे स्थानीय मुद्दे विधानसभा चुनाव में हावी रहे थे। और यही वजह थी कि इन राज्यों में लोगों ने बीजेपी से बेहतर कांग्रेस को पसंद किया था। बता दें कि इन तीनों ही राज्यों में 15 साल से बीजेपी की सत्ता था, लेकिन इन मुद्दों को लेकर के इस बार कांग्रेस ने वहां से बीजेपी की नींव को उखाड़ने में सफल हुई थी।
वहीं जानकारों की कहना है कि इस बार भी लोकसभा चुनाव में लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे को देखते हुए वोट किया। अब तक के आए नतीजों में तीनों राज्यों के वोटर्स कांग्रेस से दूरी बताते दिखे। लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे को देखकर वोट किया। यहां तक की हर राज्य में मोदी के चेहरे को एक ब्रैंड की तरह दिखाया गया और वोट मांगे गए।
राष्ट्रवाद पर चुनाव
बता दें की राजनीतिक जानकारों का मानना है कि 2019 के लोकसभा चुनावों में राष्ट्रवाद को मुद्दा बनाकर के लड़ा गया है। लोकसभी चुनाव के ठीक पहले हुए बालाकोट एयरस्ट्राइक का असर भी चुनाव में साफ़ दिखाई दिया। वहीं जब लोकसा चुनाव 2019 की प्रक्रिया शुरू हुई तो बीजेपी ने केंद्र सरकार की योजनाओं और सफलताओं के बारे में लोगों को बताया साथ ही यह भी दावा किया कि वह केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों के भरोसे सत्ता में लौटेगी।
कांग्रेस को बताया हिंदू आतंकवादी
बता दें कि इस लोकसभा चुनाव में हिंदुत्व और राष्ट्रवाद को अहम मुद्दा बनाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हिंदुत्व को मुद्दा बनाते हुए ही विपक्षी पार्टी कांग्रेस को घेरा। यहां तक कि कांग्रेस को ‘हिंदू आतंकवाद’ का जनक बताते हुए भोपाल लोकसभा सीट से साध्वी प्रज्ञा को भी टिकट दी। यहां तक की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर यह आरोप भी लगाए कि वो वायनाड की सीट से चुनाव इसलिए लड़ रहे हैं क्योंकि वह मुस्लिम बहुल है और बहुसंख्यक यहां अल्पसंख्यक हैं।
कर्ज माफ़ी का दांव उल्टा पड़ गया
वहीं जब राज्यसभा चुनावों के वक्त मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने किसानों की कर्जमाफी का दांव खेला था। कांग्रेस ने दावा किया था कि अगर तीनों राज्यों में उनकी सरकार बनते ही महज 10 दिन के अंदर ही किसानों का कर्जमाफ कर देंगे और उन्होंने ऐसा किया भा, लेकिन कांग्रेस के इस दांव के बाद बीजेपी ने भी अपना ट्रंप कार्ड इस्तेमाल किया। कांग्रेस के इस दान के बाद बीजेपी ने किसान सम्मान योजना का ऐलान किया जिसके तहत हर साल किसानों को 6 हजार रुपये देने की बात कही गई। जानकारों की मानें तो भाजपा की इसी योजना के जरिए तीनों राज्यों के किसानों को भी बीजेपी ने साध लिया। और उसका असर लोकसभा चुनाव में दिखाई दिया है।