मोदी लहर कई बड़े दिग्गज राजनीतिज्ञों को बहा ले गई, शत्रुघ्न-कन्हैया सहित इन नेताओं को मिली हार
7 चरणों के मतदान के बाद 23 मई को बीजेपी ने एक बार फिर पूर्ण बहुमत से केंद्र में सरकार बना ली. नरेंद्र मोदी 24 मई को केबिनेट मीटिंग रखेंगे जिसमें तय होगा कि कौन-कौन इस बार उनके कैबिनेट मंत्री बनेंगे. इसके अलावा मतदान गणना के दौरान लोगों में बहुत उत्सुकता देखने को मिली. रिजल्ट आने से पहले कांग्रेस के सभी उम्मीदवारों को पूरी उम्मीद थी कि वो अपने क्षेत्र से तो जरूर जीतेंगे लेकिन रिजल्ट आते ही सबकुछ साफ हो गया. मोदी लहर कई बड़े दिग्गज राजनीतिज्ञों को बहा ले गई, इसके साथ ही कई बड़े नेताओं का पत्ता पूरी तरह साफ होते दिखाई दिया.
मोदी लहर कई बड़े दिग्गज राजनीतिज्ञों को बहा ले गई
लोकसभा चुनाव-2019 के नतीजे आ गए हैं और एक बार फिर से देश ने मोदी पर भरोसा जताया है. 542 लोकसभा सीटों पर हुए चुनाव के बाद मतगणना हुई और उसमें नरेंद्र मोदी की सरकार बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिली. तो चलिए बताते हैं कौन-कौन से नेताओं का सूपड़ा साफ हुआ ?
मल्लिकार्जुन खड़गे (कांग्रेस)
कर्नाटक की गुलबर्गा सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता मल्लिकार्जुन खड़गे चुनाव लड़ रहे हैं. रुझानों के अनुसार, वे बीजेपी के उमेश जी जाधव से करीब 42 हजार वोटों से पीछे चल रहे हैं.
राम कृपाल यादव (आरजेडी)
वहीं, बिहार की पाटलिपुत्र सीट से BJP नेता राम कृपाल यादव आरजेडी कैंडिडेट और लालू यादव की बेटी मीसा भारती से करीब 5 हजार वोट से पीछे चल रहे हैं.
शत्रुघ्न सिन्हा (कांग्रेस)
बीजेपी से कांग्रेस में आए शत्रुघ्न सिन्हा बीजेपी के रवि शंकर प्रसाद से 74 हजार से अधिक वोटों से पीछे चल रहे हैं. सिन्हा और प्रसाद बिहार के पटनासाहिब सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.
कन्हैया कुमार (सीपीआई)
बिहार के बेगूसराय से सीपीआई के कन्हैया कुमार बीजेपी के गिरिराज सिंह से करीब एक लाख 77 हजार वोटों से पीछे चल रहे हैं.
ज्योतिरादित्य सिंधिया (कांग्रेस)
कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश की गुना सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. सिंधिया बीजेपी के केपी यादव से 53 हजार वोटों से पीछे चल रहे हैं.
दिग्विजय सिंह (कांग्रेस)
भोपाल से चुनाव लड़ रहे दिग्विजय सिंह बीजेपी की साध्वी प्रज्ञा से 110520 वोटों से पीछे चल रहे हैं.
वैसे साफतौर पर कौन-कौन जीता है इस बात का पता आपको आने वाले समय में मालूम होगा. इन सभी में ये तो तय है कि कांग्रेस की लड़ाई अब आसान नहीं है और अगर इन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव में आना है तो और भी मेहनत करनी होगी. इस मेहनत में कुछ ऐसा करना होगा जो नरेंद्र मोदी के मजबूत नेतृत्व के आगे घुटने टेक दे, फिलहाल नई मोदी सरकार की इस जीत में देश की आधे से ज्यादा जनता खुशी मना रही है.